स्कूलों में लगेगा 11 जनवरी को एफएलएन मेला
दमोह
माता-पिता सहित समुदाय के लोग मेला मे जरूर आयें ताकि बच्चों का उत्साहवर्धन हो सके
भारत की नई शिक्षा नीति 2020 में एक बहुत महत्वपूर्ण कम्पोनेन्ट है, प्रारंभिक शिक्षा, यानी कक्षा एक से लेकर के कक्षा पांच तक के विद्यार्थियों को बुनियादी साक्षरता और उनको संख्याओं का ज्ञान ठीक से हो, यह सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओ में से एक है, इसको भारत सरकार द्वारा निपुण भारत अभियान का नाम दिया गया है, निपुण भारत का मतलब यह है कि हमारे जो बच्चे प्राइमरी एजुकेशन ले रहे हैं, प्राथमिक शिक्षा ले रहे हैं, उनका संख्यात्मक ज्ञान यानी संख्याओं को पहचानने की समझ और इसके अलावा उनकी बुनियादी साक्षरता यानी बुनियादी अक्षरों को पहचानने की समझ अच्छे से विकसित हो सके।
निपुण भारत अभियान के अंतर्गत मध्यप्रदेश में इसको मिशन अंकुर के नाम से चलाया जा रहा है। मिशन अंकुर अभियान के अंतर्गत हमारे यहां 11 जनवरी को एक एफएलएन मेला लगाया जा रहा है, यानी बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान का एक बड़ा मेला स्कूल लेवल पर लगाया जाएगा और इस मेले में हमने सभी को आमंत्रित किया है, बच्चे तो आएँगे ही, साथ में उनके पेरेंट्स, टीचर्स और समुदाय के लोग यानी गांव और वार्ड के लोग भी उसमें शामिल होंगे। यहाँ पर अलग-अलग तरह मेले जैसा माहौल होगा जिसमें बच्चों के बौद्धिक विकास, बच्चों के मानसिक विकास, बच्चों के संख्यात्मक विकास, इनसे जुड़ी हुई अलग-अलग छोटी-छोटी प्रतियोगिताएं और छोटे-छोटे स्टॉल लगाए जाएंगे। जहाँ पर आकर बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई-लिखाई को और बेहतर तरीके से अपनी समझ विकसित कर सकेंगे।
सभी से आग्रह करते हुये कहा 11 जनवरी को जो एफ़ एल एन मेला स्कूलों में लगाया जाएगा उसमें ना केवल बच्चों को अनिवार्य रूप से भेजें बल्कि उनके माता पिता और समुदाय के लोग भी जरूर जाएं, ताकि बच्चों का उत्साहवर्धन हो और मिशन अंकुर का जो लक्ष्य है, निपुण भारत का जो लक्ष्य है उस लक्ष्य को पूरा करने में सफल हो सकें।