नवजात शिशुओं में जन्मजात विकृतियों की पहचान व प्रबंधन कैसे हो इस संबंध में
जबलपुर
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत एक दिवसीय काम्प्रहेंसिव न्यूबोर्न स्क्रीनिंग कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को होटल दत्त रेसीडेंसी में सम्पन्न किया गया ।
कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर डॉ. नंदनवार ने जिले के सभी प्रसव केन्द्रों से आये मेड़िकल ऑफिसर, स्टॉफ नर्स, एएनएम, आरबीएसके व डीईआईसी टीम को प्रशिक्षित किया। नवजात शिशुओं में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, डाउन सिन्ड्रोम, कटे-फटे ओंठ व तालू, क्लब फुट, जन्मजात मोतियाबिंद, जन्मजात हृदय रोग व बहरापन आदि विकृतियों की पहचान के सबन्ध में विस्तार से जानकारी दी गई । उन्होंने जन्मजात विकृतियों के प्रबंधन तथा उपचार हेतु उच्च संस्थान में रेफर किये जाने के बारे में भी जानकारी दी ।
डीईआईसी प्रबंधक सुभाष शुक्ला ने बताया की काम्प्रहेंसिव न्यूबोर्न स्क्रीनिंग का मतलब है नवजात का व्यापक परीक्षण करना ताकि किसी भी विकृति को जन्म के दौरान ही पता लगाकर ठीक किया जा सके।