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Saturday, June 28, 2025

होटल कल्‍चुरी में जबलपुर और सागर संभाग के वनाधिकार समितियों की कार्यशाला संपन्‍न

वन अधिकार अधिनियम 2006 की जिला स्‍तरीय वन अधिकार समितियों का प्रशिक्षण सह कार्यशाला आज होटल कल्‍चुरी में आयोजित की गई।

जबलपुर

जिसमें जबलपुर और सागर संभाग के जिला पंचायत व जनपद सदस्‍य के साथ अशासकीय सदस्‍य उपस्थित थे। जिसमें श्री वाय गिरी राव वसुंधरा और डॉ. शरद लेले ने सामुदायिक वन अधिकारों के प्रकार और उनके प्रावधानों के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी। वहीं सामुदायिक वन संसाधन के संरक्षण एवं प्रबंधन के अधिकारों के संबंध में श्री मिलिन्‍द थत्‍ते ने वन अधिकार अधिनियम 2006 के क्रियान्वयन के संबंध में बताया। कार्यशाला में बताया गया कि मध्यप्रदेश राज्य वन अधिकार की प्रक्रिया में अग्रणी राज्य रहा है, अधिनियम के प्रारंभ से राज्य सरकार द्वारा पूरी संवेदनशीलता के साथ अधिनियम का क्रियान्वयन किया गया है।
कार्यशाला में बताया गया कि वर्ष 2019 से मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जो दावे निरस्त हुए थे, उनके पुनः परीक्षण के लिए एमपी वन मित्र पोर्टल को प्रारंभ किया गया। इस पोर्टल के माध्यम से पूरी पारदर्शिता एवं जवाबदेही के साथ दावों के निराकरण की पुनः परीक्षण की प्रक्रिया को प्रारंभ किया गया। पुनः परीक्षण में अभी तक 30 हजार से अधिक दावे मान्य हुए हैं, जब से वन अधिकार अधिनियम लागू हुआ है तब से लेकर अभी तक 2 लाख 53 हजार से ज्यादा व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र और लगभग 27 हजार के आसपास सामुदायिक दावे मान्य किए गए हैं।
भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किये गये नवीन अभियान “धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान” में भी वन अधिकार को प्रमुखता दी गई है, भारत सरकार द्वारा सामुदायिक वन संसाधनों के संरक्षण एवं प्रबंधन के अधिकारों को मान्यता देने के लिए 300 ग्रामों में 15 करोड़ की स्वीकृति दी गई है, इसमें प्रति हेक्टेयर रुपए 15 हजार के मान से अधिकतम 100 हेक्टेयर तक के लिए 15 लाख रुपए स्वीकृत किये गये हैं। यह राशि भारत सरकार से प्राप्त हो चुकी है, इसके अलावा प्रत्येक जिले में एफआरए सेल के गठन की भी स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी गई है राज्य स्तर पर भी एक स्टेट एफआरए सेल की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा 2 वर्ष के लिए प्रदान की गई है। स्‍टेट एफआरए सेल एवं डिस्‍ट्रिक्‍ट एफआरए सेल को 1 जून से किए जाने प्रारंभ किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
आज की कार्यशाला में विशेष रूप से भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 300 ग्रामों के सामुदायिक वन संसाधन एवं संरक्षण के अधिकारों को मान्यता दिये जाने की कार्यवाही एवं प्रक्रिया अपनाने के लिए प्रशिक्षण सह कार्यशाला की संभाग स्तरीय प्रशिक्षण की श्रृंखला प्रारंभ हुई है। संभागीय कार्यशालाओं के आयोजन के पश्चात जिला स्तर पर उपखंड स्तरीय समितियों तथा ग्राम वन अधिकार समितियों के लिये प्रशिक्षण सह कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी।
इस प्रशिक्षण के पश्चात फिर जो वन अधिकार समितियां है, वह गांव का चिंतन करेंगे उन गांव में जाकर ग्राम सभाओं की बैठक लेंगे और वहां पर जो इसके प्रस्ताव हैं वन संसाधनों के प्रस्ताव हैं वह तैयार कर आएंगे और उनको मान्यता देने की कार्रवाई की जाएगी। जैसे-जैसे सीएफआर के दावों को मान्यता प्रदान की जाएगी उनके मैनेजमेंट प्लान का कार्य भी उसी के साथ-साथ प्रारंभ होगा, कुल मिलाकर अगले 2 साल में प्रदेश में जो भारत सरकार ने लक्ष्य दिया है 300 ग्रामों में सामुदायिक वन संसाधन के अधिकारों को मान्यता देना और उनके प्रबंधन की कार्य योजना को गतिशील बनाना, इसका कार्य पूरे प्रदेश में एक अभियान के रूप में चलाया जाएगा।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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