कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में आज जिले में सोलर एनर्जी को बढ़ाने के लिये कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई।
जबलपुर
बैठक में सोलर एनर्जी से जुड़े अधिकारियों के साथ कृषि व अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कहा गया कि अक्सर किसानों की ये मांग रहती है कि उन्हें समुचित रूप से बिजली मिले। लेकिन कभी-कभी उन किसानों को जिनके खेत बिजली लाईन से दूर हैं उन्हें सिंचाई के लिये बिजली नहीं मिल पाती। अत: उन खेतों के साथ-साथ जहां बिजली कनेक्शन है वहां भी सौर ऊर्जा के माध्यम से प्रकाश व सोलर पंप का उपयोग किया जा सकता है। इस दौरान सोलर पंप के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ ही सोलर पंपों का मार्केटिंग मोड में बिना अनुदान क्रियान्वयन को बताया गया। इसमें कहा गया कि यह किसानों के साथ-साथ आम जन के लिये भी फायदे का सौदा है। सौर ऊर्जा से डीजल व बिजली के बिल से मुक्ति मिल सकती है। बैठक में पर्यावरणीय अनुकूल सोलर पंप के लाभों के बारे में जानकारी देकर कहा गया कि कुसुम योजना अंतर्गत सोलर पंप स्थापना के लिये ऑनलाईन आवेदन भी मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। जिसमें भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा अनुदान की व्यवस्था है। इस योजना अंतर्गत कृषक को सोलर पंप का लाभ इस शर्त पर दिया जाता है कि कृषक की कृषि भूमि के उस खसरे पर कोई भी विद्युत कनेक्शन नहीं है। इस योजना में 1 से 10 एचपी तक के सोलर पंप लगाये जा सकते है। कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि सोलर पंप के उपयोग के लिये फरवरी माह के अंत में एक जागृति शिविर भी आयोजित कर लोगों को इसके लाभों से अवगत कराया जायेगा। उन्होंने कृषि अधिकारियों से कहा कि इस संबंध में किसानों से सोलर पंप के उपयोग के बारे में प्रोत्साहित करें।