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Friday, June 20, 2025

विकास गतिविधियों और जनकल्याण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से महिला स्वसहायता समूहों को जोड़ा जाएगा: मुख्यमंत्री श्री चौहान

महिला सशक्तिकरण मेरी जिंदगी का मिशन है
स्व सहायता समूह की बहनें समाज सुधार का आंदोलन भी चलाएं
भोपाल

मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने महिला स्वसहायता समूह के संकुल स्तरीय संगठन अध्यक्षों से की बातचीत

भोपाल : 20 मई, 2023
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में चल रहे विकास और जनकल्याण कार्यक्रम के क्रियान्वयन में स्वसहायता समूह की बहनों को मैं अपना सहयोगी बनाना चाहता हूँ। प्रदेश में प्रसूति सहायता, संबल, छात्रवृत्ति योजना, प्रधानमंत्री आवास जैसी कई योजनाएं संचालित हैं। जन सामान्य की सामान्य समस्याओं तथा लंबित कार्यों के जल्द निराकरण के लिए मध्यप्रदेश जन सेवा अभियान चलाया जा रहा है। इनका क्रियान्वयन और लाभ आसानी से समय सीमा में पात्र लोगों को उपलब्ध कराने में स्वसहायता समूह की बहनें सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने योजनाओं और कार्यक्रम के क्रियान्वयन में स्वसहायता समूहों को जोड़ने के लिए निश्चित चैनल विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह लोगों की जिंदगी बदलने, उनके चेहरे पर प्रसन्नता और मुस्कान लाने का अभियान है, बहनों से इसमें हर संभव सहयोग की अपेक्षा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान स्वसहायता समूहों के संकुल स्तरीय संगठनों की अध्यक्ष बहनों के साथ मुख्यमंत्री निवास में चर्चा कर रहे थे।

हम अपनी जरूरत का सामान आजीविका स्टोर्स से ही लें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व सहायता समूह की बहनें समाज सुधार का आंदोलन भी चलाएं। बच्चों की पढ़ाई, बाल विवाह न होने देने तथा नशा मुक्ति के लिए समूह अपने स्तर पर गतिविधियों और जागरूकता के लिए कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजीविका मिशन को सशक्त बनाने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपनी जरूरत का सामान आजीविका स्टोर्स से ही लें। प्रदेश में आजीविका स्टोर और दीदी केफे की संख्या बढ़ाई जाएगी। प्रदेश को बढ़ाने और बनाने में आजीविका मिशन महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सीएम राइज स्कूल, मेधावी विद्यार्थी योजना, और मेडीकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में करवाने की व्यवस्था के संबंध में भी जानकारी दी।

महिलाओं के दर्द से निकली हैं हमारी योजनाएं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण मेरी जिंदगी का मिशन है। ईश्वर ने बेटा-बेटी को बराबर बनाया, लेकिन ऐतिहासिक कारणों से परिवार और समाज में बेटियों को दौयम दर्जे का माना गया। बहन बेटियां घर आंगन में काम करने की मशीन बनकर रह गईं। पुरूष प्रधान समाज में न तो उनकी इज्जत थी न मान सम्मान। अबला शब्द महिलाओं का पर्यायवाची बन गया था। बेटियों का जन्म अभिशाप मना जाता था। राज्य सरकार ने इस वेदना और पीड़ादायी स्थिति को बदलने के प्रयास आरंभ किए। ऐसे प्रयास आरंभ किए जिससे बेटी को बोझ नहीं वरदान समझा जाए। जन्म लेते ही बेटी को लखपती बनाने वाली लाड़ली लक्ष्मी योजना हो या विवाह में सहायता के लिए मुख्यमंत्री कन्या दान योजना, यह प्रयास इसी सोच का परिणाम थे। हमारी योजनाएं महिलाओं के दर्द से निकली हैं। पंचायत और नगरीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण, पुलिस सहित अन्य शासकीय सेवाओं में महिलाओं की अधिक प्रतिशत में भर्ती तथा महिलाओं के नाम पर अचल संपत्ति की रजिस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए दी गई छूट से प्रदेश में महिला सशक्तिकरण का प्रभाव सर्वत्र दिखाई दे रहा है। महिलाएं, उनको सोंपी गई हर जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। महिलाओं की अपनी पहचान बन रही है और सरपंच पति की पदवी इस सामाजिक क्रांति का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

लाड़ली बहना योजना से बच्चों के पोषण और घर की हालत में सुधार होगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिलाओं के आत्म सम्मान और आत्मनिर्भरता के लिए ही मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना आंरभ की गई है। बहनें अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर न रहें, इस उद्देश्य से 10 जून से प्रतिमाह एक हजार रूपए उनके खाते में डाले जाएंगे। दस जून को प्रदेश में उत्सव के रूप में मनाया जाए। लाड़ली बहना योजना से प्रदेश में नारी सशक्तिकरण का नया अध्याय शुरू हो रहा है। इससे बच्चों का पोषण और घर की हालत दोनों में सुधार आएगा। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में भी नव दंपत्ति को दी जाने वाली राशि 49 हजार से बढ़ाकर 51 हजार की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना और जारी किए जा रहे पट्टे, पति पत्नी दोनों के नाम जारी किए जाएंगे।

आजीविका स्टोर के सामान पर बनीं विज्ञापन फिल्मों का हुआ प्रदर्शन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में आईं 800 संकुल स्तरीय संगठनों की अध्यक्षों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया तथा बहनों के साथ दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के आरंभ में मध्यप्रदेश गान की प्रस्तुति हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने “आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम- मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की दस वर्ष की यात्रा” पुस्तक का विमोचन किया। आजीविका स्टार, मध्यप्रदेश आजीविका पोर्टल के लिए विकसित विज्ञापन फिल्मों का भी प्रदर्शन किया गया। चर्चा के दौरान महिला अध्यक्षों ने अपनी उपलब्धियों के बारे में मुख्यमंत्री श्री चौहान को जानकारी दी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान से संकुल स्तरीय संगठन की अध्यक्ष बहनों ने की बातचीत
• बालाघाट जिले की श्रीमती कुंदा चौधरी क्षेत्र में “रोड रोलर वाली कुंदा” के नाम से प्रसिद्ध हैं। संस्कृत में एमए श्रीमती कुंदा ने बताया कि समूह से जुड़ने पर उन्होंने एमएस डब्ल्यू किया। लोन लेकर दुकान का विस्तार किया, इससे उनकी आय बढ़ी । संकुल के सहयोग व बैंक लोन से समूह ने रोड रोलर खरीदा। वे इससे अबतक 20 सड़कें बनवा चुकी हैं और समूह की चार लाख की आय हुई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्रीमती कुंदा द्वारा शुद्ध उच्चारण के साथ बोले गए संस्कृत शलोकों की सराहना की।
• कटनी की श्रीमती शकुन पटेल ने बताया कि समूह द्वारा क्षेत्र की बेटियों को रोजगारोंमुखी कार्यों का प्रशिक्षण दिलवाया गया, इससे बेटियों को हैदराबाद में रोजगार मिला और रेल गाड़ी का सपना न देखने वाली यह बेटियां हवाई जहाज से भोपाल से हैदराबाद गईं। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र की यह बालिकाएं आत्म विश्वास के साथ हैदराबाद में कार्य कर रही हैं।
• झाबुआ की मंजू कटारा ने क्षेत्र की महिलाओं को साक्षात्कार बनाने के लिए चालाई गई गतिविधि की जानकारी देते हुए बताया कि उनके समूह की कोई भी सदस्य अब अंगूठा नहीं लगाती है। उनके समूह द्वारा नारी अधिकार मंच भी संचालित किया जा रहा है।
• राजगढ़ जिले की अनिता दांगी ने बताया कि गांव का पैसा गांव में ही रहे इस उद्देश्य से गांव में संचालित होने सकने वाले उपयुक्त व्यवसाय के संचालन का प्रशिक्षण महिलाओं को दिया जाता है तथा यहां आर्थिक गतिविधि संचालित करने में हर प्रकार की सहायता, सहयोग और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे संकुल स्तर पर करोड़ों का रोटेशन हुआ है।
• शहडोल के संकुल से जुड़ी श्रीमती रेखा बर्मन ने बताया कि महिलाओं को आडिट, बुक कीपिंग, रिकार्ड कीपिंग आदी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे यह महिलाएं अन्य समूहों के आडिट में भी मदद कर रही हैं।
• आजीविका स्टोर तथा आजीविका मार्ट पोर्टल पर उपलब्ध सामग्री के प्रचार-प्रसार तथा इनसे खरीददारी को प्रोत्साहित करने के लिए “आजीविका के रंग -खुशियों के संग तथा नई उमंग” नाम से लघु विज्ञापन फिल्में भी बनाई गई हैं।
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सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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