कृषि यंत्रीकरण योजना का लाभ लेकर खरीदा मल्टी क्रॉप थ्रेसर
दूसरे किसानों को भी उन्नत कृषि यंत्रों और नई तकनीकों का
इस्तेमाल करने प्रेरित कर रहे युवा कृषक दौलत सिलावट
कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने एवं किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर राज्य शासन ने कई योजनायें चला रखी हैं। खेती किसानी को समृद्ध बनाने की मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप चलाई जा रही इन योजनाओं को अपनाने किसान खुद भी आगे आ रहे हैं और इसका उन्हें फायदा भी हो रहा है।
जबलपुर जिले के शहपुरा विकासखण्ड के ग्राम गुंदरई के ऐसे ही एक किसान हैं दौलत सिलावट जो खेती की लागत कम करने की नई-नई तकनीकों को अपनाने हमेशा आगे रहते हैं। महज दसवीं पास अनुसूचित जाति वर्ग के युवा दौलत सिलावट ने उन्नत कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराने की शासन की कृषि यंत्रीकरण योजना का लाभ लेकर हाल ही में मल्टी क्रॉप थ्रेसर खरीदा है और अपने खेत पर इसका इस्तेमाल भी प्रारम्भ भी कर दिया है। उन्होंने खेत पर लगी मटर फसल की गहाई इस यंत्र से की है। दौलत दूसरे किसानों को भी शासन की योजनाओं का लाभ लेकर खेती में नई तकनीकों और उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग करने प्रेरित कर रहे हैं।
छत्तीस वर्षीय दौलत बतातें है कि खेती की बढ़ती लागत तथा फसल की गहाई के लिये मजदूर मिलने में हो रही कठिनाइयों को देखते हुये उन्हें मल्टी क्रॉप थ्रेसर लेने का ख्याल आया। उन्होंने इस बारे में क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी रजनीश दुबे से चर्चा की और कृषि अभियांत्रिकी विभाग से सम्पर्क किया। विभाग के अधिकारियों द्वारा दौलत को ऑनलाइन आवेदन करने की सलाह दी गई। आवेदन स्वीकृत होने की सूचना मोबाइल फोन पर प्राप्त होते ही दौलत ने साढ़े तीन लाख रुपये कीमत का मल्टी क्रॉप थ्रेसर खरीदा। शासन से उन्हें एक लाख रुपये का अनुदान भी इस पर उपलब्ध हुआ।
दौलत बताते हैं कि मल्टी क्रॉप थ्रेसर के इस्तेमाल से समय पर मजदूरों के न मिलने की समस्या से बड़ी राहत मिली है। उन्होंने बताया कि मल्टी क्रॉप थ्रेसर जिसे स्थानीय भाषा में हडम्बा कहा जाता है की मदद से एक दिन में करीब 15 एकड़ खेत की गहाई कर पा रहे हैं। डेढ़ सौ से 2 दो सौ मजदूरों का काम मात्र दस मजदूरों के साथ मल्टी क्रॉप थ्रेसर से हो रहा है। इससे समय और धन दोनों की बचत हो रही है।
परिवार की करीब बीस एकड़ और लगभग पचास एकड़ सिकमी पर लेकर अपने तीन भाइयों के साथ खेती कर रहे दौलत सिलावट के मुताबिक अब वो आसपास के छोटे किसानों को भी गहाई के लिये अपना मल्टी क्रॉप थ्रेसर न्यूनतम किराये पर उपलब्ध करायेंगे। इससे जहाँ उन्हें अतिरिक्त आमदनी होगी, वहीं मजदूरों की कमी की समस्या का सामना कर रहे दूसरे किसानों को भी फायदा होगा। दौलत ने बताया कि वे गौ पालक भी हैं और उनके पास 22 गाय-भैंस है । उन्होंने पांच एकड़ से जैविक खेती की शुरुआत की है। रोज निकलने वाले गोबर और गौमूत्र से जैविक खाद एवं जैविक कीटनाशक वो खुद बना रहे हैं और जैविक खेती में इसीका इस्तेमाल कर रहे हैं।
क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी रजनीश दुबे के अनुसार शहपुरा विकासखंड में कई किसान उन्नत कृषि यंत्रों का अपने खेतों में उपयोग कर रहे हैं। इससे कृषि की लागत कम होने के साथ उनकी आय भी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि ऐसे किसान कृषि भूमि कम होने के कारण जिनके खेतों में हार्वेस्टर नहीं जा पाते, मल्टी क्रॉप थ्रेसर उनके खेतों की गहाई के लिये अत्यंत उपयोगी है। श्री दुबे के मुताबिक मल्टी क्रॉप थ्रेसर गीली फसलों की गहाई में भी अत्यंत उपयोगी है और हर फसल की गहाई इससे की जा सकती है।