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Saturday, June 21, 2025

आरक्षण के साथ नदियों और नदी तटों तालाबों के अधिकार से हम वंचित क्यों .?

नदियों और तालाबों पर माझी समाज के लोगों का ही हक और अधिकार है और यह बात हम मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान जी की उस घोषणा व मध्यप्रदेश शासन,राजस्व विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन क्रमांक एफ 2-5/2012/सात/शाखा भोपाल दिनांक 24 मई 2012 के आदेश के आधार पर कह रहे हैं

अमर नोरिया ( पत्रकार )
नरसिंहपुर

जो उन्होंने हजारों माझियों के सामने 4 फरवरी 2012 को मछुआ पंचायत के दौरान की थी । महत्वपूर्ण बात यह है कि नदियों, नदी तटों व तालाबों से हजारों माझी समाज के लोगों की रोजी रोटी और रोजगार जुड़ा हुआ है समाज के लोग नदी तटों पर छोटी छोटी कछार भूमि पर मौसमी सब्जी आदि लगाकर व रेत में तरबूज खरबूज लगाकर अपना जीवन यापन करते हैं । गौरतलब है कि राजस्व पुस्तक परिपत्र प्रपत्र खण्ड छः क्रमांक 5 में परिपत्र क्रमांक 2308/6/67/सात/शाखा/2ए दिनांक 23.10.1984 द्वारा संशोधन किया जाकर सरिता और नदी तटों एवं तालाबों से निकली जमीन पर खेती के लिये अस्थायी पट्टे दिए जाने की व्यवस्था का प्रावधान पूर्व से ही प्रभावशील है । समाज के जो लोग रेतबाड़ी है उसमें तरबूज खरबूज लगाकर उनका जो जीवन यापन का जो माध्यम है उससे यह सिद्ध होता है कि नदी तटों और नदियों पर हमारा सदियों से वंशानुगत हक और अधिकार है । जनजागरण के इस प्रदेश व्यापी अभियान में हम सब की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि हम मध्यप्रदेश में नदियों व उनके तटों पर अपने हक और अधिकार के इस अभियान को समाज के गांव गांव तक पहुंचायें और नदी तटों पर अपने कब्जे को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों सरपंच, जनपद, जिला सदस्य, विधायक, सांसदों को अपने हक और अधिकार के लिए अपनी बात उनके समक्ष रखें,अगर वह हमारे लिए समर्थन व सहयोग नहीं करते तो हम समझ जाएं कि वह हमारे साथ और हमारे रोजी रोजगार के खिलाफ हैं । नदियों व नदी तटों,तालाबों पर जनजागरण अभियान के माध्यम से अधिकार दिलाकर भी हम मध्यप्रदेश में अपने समाज के लोगों के आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों में काफी कुछ बदलाव ला सकते हैं और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत कर सकते हैं अतः मध्यप्रदेश में चलाये जा रहे व्यापक जनजागरण अभियान और मिशन 2023- 24 में नदी तटों व गांवों में रहने वाले लोगों जिनका मूलतः मत्स्याखेट व कमलगट्टा,सिंघाड़ा आदि से रोजी रोजगार लगा है उनके सम्बन्ध में जानकारी जुटाकर शासन प्रशासन और क्षेत्रीय विधायकों, सांसदों को भी अवगत करायें अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिला तो उसके कारणों का पता लगाकर उनके साथ किये जा रहे भेदभावपूर्ण व्यवहार के प्रति उन्हें जागरूक करें..

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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