एक तरफ मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान मंचो पर बड़े बड़े भाषण दे कर बोल रहे की कोई भी गलत कार्य नही होगा मगर इनका मंचो पर भाषण देना जेसे की बच्चो को लालीपाप देने के बराबर है।
शाजापुर मध्यप्रदेश
टोल प्लाजा किस राजनीतिक पार्टियों के सहारे चल रहा है यह आम जनता की मुंह पर तमाचा है। क्योंकि सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ लोग नियमों के अनुसार चलने वाले टोल प्लाजा पर भी अपनी रंगदारी दिखाकर मनमानी करते हैं लेकिन यह निर्धन लोग भला अपने दुख कहां बयां करें यह चर्चा का विषय बना हुआ है
हम आपको बता दें कुछ दिन पहले ही
भाजपा जिला अध्यक्ष ने सीहोर टोल पर किया था हंगामा
भाजपा पार्टी के शाजापुर जिला अध्यक्ष अंबाराम कराडा से टोलकर्मी ने नियम अनुसार टोल वसूला तो नेताजी मारपीट पर उतर आए । कुछ दिन पहले सीहोर टोल टैक्स पर जमकर हंगामा हुआ मारपीट भी हुई क्योंकि टोल अध्यक्ष साहब की गाड़ी से लिया जा रहा था। मगर अध्यक्ष साहब ने टोल देना तो दूर टोल कर्मियों के खिलाफ ही थाने में एफ आई आर दर्ज करवा दी गई । शायद अध्यक्ष साहब को यह अकोदिया टोल नहीं दीखा होगा मगर अध्यक्ष महोदय को इस टोल से क्या लेना देना क्योंकि फोर व्हीलर गाड़ियों से टोल नहीं लग रहा है सिर्फ और सिर्फ कमर्शियल वाहनों से ही टोल टैक्स वसूला जा रहा है ।यह सोचनीय विषय है कि जब ऐसे लग्जरी गाड़ी में घूमने वाले धनवान लोगों को यह टोल टैक्स भारी लगने लगा है तो
इन रोजमर्रा का जीवन जीने वाले मजदूरों के बारे में शासन प्रशासन क्या सोचता है। यह तो सब वही राह पर चल रहा है खींचो खाओ हाथ ना आओ।
*आय दिन हो रहे विवाद*
रोज हो रहे झगड़े, ट्रैफिक जाम में फंसकर आमजन हो रहे परेशान
टोल प्लाजा पर फास्टैग नही होने के बाद हालात यह हैं कि स्थानीय लोग जब भी अपने वाहन लेकर गुजरते हैं तो उनसे टोल टैक्स मांगा जाता है और झगड़े की स्थिति निर्मित होती है। इसकी वजह से बीच सड़क पर ट्रैफिक जाम हो रहा है ओर अकोदिया की तरफ़ से आने वाली एंबुलेंस को भी ट्रैफिक जाम का सामना कर इंतजार करना पड़ रहा है। यह जिले की सुशासन व्यवस्था है प्रखर न्यूज व्यूज एक्सप्रेस कई बार उठा चुका है मगर इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों के सिर पर जू तक नहीं रेंगी।
हम आपको बताते चलें कि मध्यप्रदेश की
राज्य स्कूल शिक्षा मंत्री के गृह जिले में टोल प्लाजा में अवेध वसुली चल रही है तो
मध्यप्रदेश के अन्य प्पलाजाओ पर कब लगेगी लगाम
शाजापुर राज्य स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के गृह जिले में टोल माफिया जमकर कर रहे अवैध वसूली
जिसे राज्य शिक्षा मंत्री से लेकर कलेक्टर एसडीएम यह सब कुछ टोल स्थिति जान कर कर रहे नजरअंदाज। इनकी नजरअंदाजी से आम वाहन चालकों का शोषण हो रहा है कर्मिशनल वाहनो से एक तरफ से ₹280 वसूले जा रहे हैं वह कुछ घंटों में रिटर्न होने पर भी वहीं ₹280 लिए जा रहे हैं। जो कि नियमों के विपरीत है 24 घंटे के अंदर अगर वाहन रिटर्न होता है तो उसके फास्टेंग से कम पैसा लगता है ।आकोदिया टोल पर किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है वाहनों पर फास्टैग लगा होने के बाद भी टोल पर मौजूद कर्मचारी नगद राशि वसूल रहे हैं। नगद भुगतान नहीं करने पर अपनी गुंडागर्दी कार हाथ में डंडा लिए रोब दिखाते हैं।
प्रखर न्यूज व्यूज एक्सप्रेस के रिपोर्टर द्वारा कई बार इस मामले को लेकर कलेक्टर दिनेश जैन को फोन किया मगर पत्रकारों में चुनिंदा लोगो का उठाते है। जो जिले में उनका प्रचार प्रसार अच्छे लहजे में करे बिगड़ैल व्यवस्थाओ से कोई लेना देना नही। मगर सोचने वाला विषय यह है ऐसा ही चलता रहा तो फिर ये व्यवस्था केसे सुधरेगी । ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे कही गांव की गरीब जनता साहब पर निर्भर रहती है मगर साहब का फोन रिसीव नहीं करना कई सवाल पैदा करता है।