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Friday, June 20, 2025

जब कटनी के हर घर और हर दुकान में लहराया था तिरंगा

𝟐𝟔 जनवरी 𝟏𝟗𝟑𝟎 को पूर्ण स्वाधीनता के संकल्प के साथ हाथों में तिरंगा लेकर निकला था जुलूस

कटनी

देश के आजाद होने के पहले ही कटनी जिले के नागरिकों ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के प्रति अगाध प्रेम, राष्ट्रीयता और देशभक्ति का जज्बा दिखाते हुए, यहाँ के हर घर, हर दुकान और प्रतिष्ठान में तिरंगा फहरा दिया था। इस अद्भुत और ऐतिहासिक दिन का साक्षी बनी थी इतिहास में दर्ज 26 जनवरी 1930 की तारीख। इस दिन कटनीवासियों ने संपूर्ण स्वराज के संकल्प का हर्षनाद कर गली-चौराहों में जुलूस निकाला था।

आजादी के 75वें वर्ष अमृत महोत्सव में 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान  में कटनी का हर नागरिक तिरंगा फहराने के लिए संकल्पित है। आज से करीब 92 साल पहले भी कटनीवासियों ने 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वाधीनता के संकल्प के साथ हर घर, हर दुकान में राष्ट्रीय तिरंगा फहराया  था। इस दौरान जुलूस निकाला गया था और जुलूस में शामिल हर देश भक्त के हाथ में आन-बान और शान का प्रतीक तिरंगा लहरा रहा था। इसी जोश और जज्बे के साथ एक बार फिर कटनीवासी “हर घर तिरंगा” अभियान में  हर घर, हर संस्थान में राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर आजादी के पुरोधाओं का पुण्य-स्मरण कर उनकी शहादत को नमन करेंगे। स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थानों सहित निजी प्रतिष्ठानों व्यापारिक और सामाजिक संगठनों ने भी आजादी के 75वें वर्ष के इस अनूठे अभियान में सहभागी बनकर हर घर तिरंगा अभियान का हिस्सा बनने का संकल्प लिया है।

कटनी की पवित्र धरा ने देशभक्ति की अलख जगाने वाले कई सूरमाओं और आजादी के दीवानों को पैदा किया है, जिन्होंने देश को आजाद करने में अपने प्राणों की आहूति दे दी। देश के स्वातंतत्र्य समर में सहभागी बने हर सेनानी ने देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। किसी के भी योगदान को कम या अधिक के पैमाने में आंका नहीं जा सकता। इनमें से कई अमर सेनानी और क्रांतिकारी गुमनाम हैं।

समूचे देश के साथ कटनी में भी 26 जनवरी 1930 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। कटनी, सिहोरा, सिलौडी़, उमरियापान, विजयराघवगढ़ आदि स्थानों पर तिरंगा फहरा कर और जुलूस निकाल कर आजादी के दीवानों ने पूर्ण स्वाधीनता का संकल्प लिया था। उस दिन कटनी तहसील (मुड़वारा) की जनता में अपूर्व उत्साह था, शहर में विशाल जुलूस निकाला गया, हर व्यक्ति के हाथ में तिरंगा था। बच्चों और महिलाओं ने इस विशाल जुलूस को घरों की छत से देखा। भारत माता के जयकारे और वंदे-मातरम के गगन भेदी उद्घोष से पूरा शहर गूँज उठा था। जुलूस की समाप्ति पर शहर के जवाहर चौक में एक आम सभा हुई थी, जिसमें बड़ी ही ओजस्वी वाणी में स्वाधीनता का घोषणा-पत्र पढ़ कर जन-समूह को सुनाया गया था। साथ ही जनता को स्वाधीनता का संकल्प भी दिलाया गया था।

आजादी के प्रति कटनी की जनता को जागरूक और प्रेरित करने में बाबू हनुमंत राव, श्री राधेश्याम, पं. गोविंद प्रसाद खम्परिया, नारायण दत्त शर्मा, ईश्वरी प्रसाद खंपरिया, अमरनाथ पांडे, पूरनचंद्र शर्मा, भैया सिंह ठाकुर, पं. नारायण प्रसाद तिवारी और खुशालचंद्र बिलैया की महती भूमिका रही थी। अंग्रेज सरकार की दमनकारी नीतियों की वजह से कटनी के कई सेनानी शहीद होने और अंग्रेजों की प्रताड़ना झेलने के बाद भी गुमनाम रह गये। लेकिन कटनीवासियों ने अपने गुमनाम शहीदों की स्मृतियों को न केवल अक्षुण्ण रखा है, बल्कि उनके चरणों में श्रद्धा-सुमन भी अर्पित किये और उनकी शहादत को सदैव याद किया।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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