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Friday, June 20, 2025

क्या प्रायोजित था एएसआई वीरेंद्र सिंह बघेल पर प्राणघातक हमला

रीवा के ट्रैफिक डीएसपी मनोज शर्मा के भ्रष्टाचारी आतंक से खतरे में राजेंद्र शुक्ल की विधायकी…??

रीवा –

भाजपा इस दौर में अभी भी यह समझने को तैयार नहीं है कि विंध्य के संभागीय मुख्यालय रीवा की महापौरी क्यों हारी ।  रीवा के अघोषित मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल  ब्यूरोक्रेशी  के सहारे रामराज्य की दुहाई देते रहे और जनता उनके पांव के नीचे से जमीन खींचती रही परिणाम यह निकाला की महापौरी गंवा कर उन्होंने खुद अपनी और पार्टी की किरकिरी करा दी । हमारे घूमते आईने ने सर्वे में पाया की जनता सबसे अधिक प्रताड़ित ट्राफिक डीएसपी मनोज शर्मा की अवैध वसूली से है । गौरतलब है कि मनोज शर्मा पूर्व में भी रीवा में ही इसी पद पर पदस्थ थे। भ्रष्टाचार का खून उनकी दाड़ में ऐसा लगा की जोड़-तोड़ करके वे पुन: रीवा में पदस्थी पा ली । महापौरी गवाने के बाद अब राजेंद्र शुक्ल की विधायकी खतरे में है यह अलग बात है की उन्हें यह सब दिखाई नहीं दे रहा है और ट्राफिक डीएसपी का भ्रष्टाचारी आतंक प्रतिदिन भाजपा के जानधार को कम कर रहा है ।
*ए एस आई पर हमला और डीएसपी की संवेदनशून्यता* ट्राफिक ए.एस.आई वीरेंद्र सिंह बघेल के ऊपर हुए प्राणघातक हमले के बाद डीएसपी का कुरुप और संवेदनशून्य चेहरा देखने को मिला । उन्होंने घटना के बाद से आज तक अपने सहयोगी की कुशल क्षेम तक पूछना उचित नहीं समझा । घटना पर ट्राफिक विभाग की  उदासीनता और उपेक्षा के चलते यह संदेश विश्वास में बदल रहा है की यह हमला प्रायोजित तो नहीं था । आखिर सिरमौर चौराहे पर वीरेंद्र सिंह की ड्यूटी अकेले क्यों लगाई गई । उनके साथ रहने वाले आरक्षक को वरिष्ठ अधिकारी अपने साथ क्यों ले गए । वहीं अपराधी ने पूर्व में तैनात ड्यूटी कर्मियों के जाते ही  हमले का समय क्यों चुना । वही सूत्रों ने बताया की हमलावर अमहिया के रहने वाले होकर पुलिस के करीबी माने जाते हैं, आखिर में अमहिया से इतनी दूर सिरमौर चौराहे पर हमला करने क्यों आए । वही घटना की जानकारी वायरलेस  पर एएसआई द्वारा देने के बाद भी 1 घंटे तक कोई पुलिस अधिकारी घटना स्टार पर क्यों नहीं पहुंचा ।  रीवा के पुलिस कप्तान नवनीत भसीन को न्यायप्रिय अधिकारी माना जाता है । पीड़ित एएसआई पक्ष प्रकरण की सूक्ष्म जांच चाहता है । और यह जरूरी भी है आखिर इससे पुलिस विभाग में छिपे जयचंदो का पर्दाफाश तो होगा ही पुलिसकर्मियों का मनोबल भी बचा रहेगा ।
*राइजिंग सतना*

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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