5 मार्च को सिहोरा के मझौली तहसील के घाना ग्राम में हज़ारों आदिवासीयों ने पूजा की और रात को असमाजिक तत्वों ने मिलकर देव स्थान को तोड़ दिया और बड़ा देव का मिट्टी का स्थान तहस नहस कर दिया
सिहोरा
जहां जनजाति आदिवासियों के देवता बड़ा देव का घोर अपमान किया गया
एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार जनजाति और आदीवासी समुदाय को सामाजिक समरसता और न्याय दिलाने की बात करती है तो वही दूसरी तरफ़ आदिवासियों के इस्ट देव अर्थात बड़ा देव का घोर अपमान का मामला जबलपुर से सामने आ रहा है।
जबलपुर में आदिवासियों के बड़े देव का अपमान हुआ , चबूतरा गिराकर बिरसा मुंडा और रानी दुर्गावती की तस्वीरों का भी अपमान किया गया
स्थानीय आदिवासियों में इसको लेकर जमकर आक्रोश
फेल हुआ है।
बड़ी ख़बर जबलपुर
के सिहोरा थाना से है जहां 5 मार्च की रात कुछ असामाजिक तत्वों ने मिलकर बड़ा देव और
बिरसा मुंडा की तस्वीरों को छत बिछत कर दिया है। जिधर मूर्तियों की स्थापना होनी थी उस जगह पर चबूतरे को पुरी तरह तबाह कर दिया है।
इस्थानीय जानो द्वारा बताया जा रहा है की कल शाम तक घटनास्थल पर हजारों आदिवासियों ने पूजा की और इसी दिन रात में असामाजिक तत्वों द्वारा उस पवित्र स्थान को ध्वस्त कर दिया गया
आदिवासियों ने यह आरोप लगाया की जिनके आगे प्रधानमंत्री मोदी हो या मुख्यमंत्री शिवराज सभी सर झुकाते है। आदिवासी कल्याण की बातें करते है, फिर यह हमला कैसे हो गया। स्थानीय आदिवासियों की शिकायतों के बाद भी पुलिस और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर अब बड़ा सवाल उठ रहा है, फ़िलहाल इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों पर FIR दर्ज की है, जिसमें धारा 294,506,427,34
और SC ST एक्ट पर भी मामला दर्ज तो किया गया है। आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है क्योंकि सभी लोग स्थानीय विधायक अजय विश्नोई के आदमी है।
एकतरफ प्रदेश मुखिया शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों और जनजाति के कल्याण और विकास के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है कि उन्हें समाजिक समरसता मिल सकें लेकिन स्थानीय प्रशासन का यह रवैया आदिवासियों को न्याय के कटघरे में अकेला खड़ा कर रहा है जहां उनकी सुनवाई करने वाल शायद कोई नहीं दिख रहा है। आदिवासियों की मांग है कि उनका चबूतरा और उनके इष्ट देवताओं के अपमान करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिले । उनको वापस वही चबूतरा बनाकर मूर्ति स्थापित कर दिया जाएं।
एकतरफ मध्यप्रदेश सरकार जनजाति और आदीवासी समुदाय को सामाजिक समरसता और न्याय दिलाने की बात करती है तो वही दूसरी तरफ़ आदिवासियों के इस्ट देवता बड़ा देव का घोर अपमान का मामला जबलपुर से सामने आ रहा है।
जबलपुर में आदिवासियों के बड़ा देव का अपमान, चबूतरा गिराकर बिरसा मुंडा और रानी दुर्गावती की तस्वीरों का भी अपमान किया
स्थानीय आदिवासियों में इसको लेकर आक्रोश
फेल गया है।
बड़ी ख़बर जबलपुर के सिहोरा थाना अंतर्गत से आ रही है जहां 5 मार्च की रात कुछ असामाजिक तत्वों ने मिलकर बड़ा देव और
बिरसा मुंडा की तस्वीरों का छत बिछत कर दिया है। जिधर मूर्तियों की स्थापना होनी थी उस जगह पर चबूतरे को पुरी तरह तबाह कर दिया है।
पूरा मामला मझौली तहसील के लमकना घाना गांव का है आदिवासियों ने यह आरोप लगाया है कि उनके देवता बड़ा देव और बिरसा मुंडा जिनके आगे PM मोदी हो या CM शिवराज सभी सर झुकाते है। आदिवासी कल्याण की बातें करते है, फिर यह हमला कैसे हो गया। स्थानीय आदिवासियों की शिकायतों के बाद भी पुलिस और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर अब बड़ा सवाल उठ रहा है, फ़िलहाल इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों पर FIR दर्ज की है, जिसमें धारा 294,506,427,34
और SC ST एक्ट पर भी मामला दर्ज तो किया गया है। आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है क्योंकि सभी लोग स्थानीय विधायक अजय विश्नोई के आदमी है।
एकतरफ प्रदेश मुखिया शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों और जनजाति के कल्याण और विकास के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है कि उन्हें समाजिक समरसता मिल सकें लेकिन स्थानीय प्रशासन का यह रवैया आदिवासियों को न्याय के कटघरे में अकेला खड़ा कर रहा है जहां उनकी सुनवाई करने वाल शायद कोई नहीं दिख रहा है। आदिवासियों की मांग है कि उनका चबूतरा और उनके इष्ट देवताओं के अपमान करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिले । उनको वापस वही चबूतरा बनाकर मूर्ति स्थापित कर दिया जाएं।