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Sunday, October 12, 2025

बिना अनुमति के धडल्ले से चल रहे वाशिंग सेंटर

नगर परिषद मझौली के जबलपुर रोड स्थित सुहजनी तिराहे पर बीच सड़क पर धड़ल्ले से वांशिक सेंटर संचालित किये जा रहे हैं मूकदर्शक नगर परिषद प्रशासन

मझौली जबलपुर 

एक ओर तो सरकार की ओर से भूजल को सहेजने और भूजल स्तर को बढ़ाने के अटल भूजल योजना का संचालन कर करोड़ो रुपए खर्च किए जा रहे हैं और दूसरी ओर नगर परिषद क्षेत्र में नगर परिषद प्रशासन की नाक के नीचे ही बेरोकटोक भूजल का दोहन किया जा रहा है। नगर परिषद कार्यालय से बिना अनुमति के ही कई वाशिंग सेंटर संचालित हैं इनमें प्रतिदिन वाहनों की धुलाई व सफाई के नाम पर हजारों लीटर भूजल का दोहर किया जा रहा है लेकिन

नगर परिषद मझौली प्रशासन महज मूकदर्शक बना हुआ है

नगर परिषद मझौली मैं करीब 10 वाशिंग सेंटर संचालित

जानकारी के अनुसार वर्तमान में नगर परिषद में करीब 10 वाशिंग सेंटर संचालित हैं। इनमें जबलपुर रोड सुहजनी तिराहे के पास चार, नगर में तीन, 2 कटंगी रोड सिहोरा रोड में तीन से अधिक वाशिंग सेंटर संचालित हैं।

प्रतिदिन 4000-5000 लीटर पानी की खपत

जानकारी के अनुसार एक चौपहिया वाहन को धोने में कम से कम 20-30 लीटर भूजल का बोंरिंग के माध्यम से दोहन होता है। नगर परिषद मझौली मैं संचालित करीब 10 वांशिंग सेंटर पर प्रत्येक पर प्रतिदिन आठ से दस वाहनों की धुलाई का कार्य किया जाता है। ऐसे में नगर परिषद मझौली मैं पानी के दोहन का आंकड़ा प्रतिदिन करीब 4 से 5 हजार लीटर तक पहुंच जाता है।

निजी बोरिंगों का नहीं हुआ अधिग्रहण

जिले में गर्मी के समय में पेयजल आपूर्ति को सुचारू करने और लोगों को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए करीब चार साल पहले जनप्रतिनिधियों की अगुवाई में नगर परिषद मझौली मैं गर्मियों में कॉलोनियों में पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कॉलोनियोंं में बिना प्रशासन की अनुमति के लगाई गई निजी बोरिंगों का अधिग्रहण करने के निर्देश जारी किए गए थे ।लेकिन सालों बाद भी जिला प्रशासन की ओर से ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

यह है नियम

सरकार की ओर से भूजल संरक्षण के लिए कई प्रकार के प्रावधान किए गए हैं। इनमें जिले या क्षेत्र के जन समुदाय को सार्वजनिक तौर पर पेयजल उपलब्ध कराने के अतिरिक्त अन्य किसी भी कारण से बिना अनुमति के भूजल दोहन करने पर प्रतिबंध है। भूजल का दोहन करने से पूर्व केन्द्रीय भूमिगत जल बोर्ड और जिला कलक्टर व जिला प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक होता है। बिना अनुमति के बोरिंग करने पर जुर्माना और बोरिंग को सीज करने का प्रावधान है।

जिला प्रशासन से नहीं जारी की गई एनओसी

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन की ओर से जिले में हाल ही में बोरिंग खोदने और भूजल दोहन के लिए जिले में एक भी एनओसी जारी नहीं की गई है और ना ही किसी ने इस संबंध में आवेदन किया है।

ये हैं आंकड़े…

10 से अधिक वाशिंग सेंटर संचालित हैं नगर परिषद मझौली मैं पर

4000 लीटर से अधिक हो रहा प्रतिदिन भूजल का दोहन

25 लीटर से अधिक पानी खर्च होता है एक वाहन की धुलाई पर

14.37 घन मीटर है जिले में भूजल का स्तर

इनका कहना है…

नगर परिषद प्रशासन की ओर से किसी को भी वाशिंग सेंटर के लिए बोरिंग कराने की अनुमति जारी नहीं की गई है। यदि बिना अनुमति के वाशिंग सेंटर संचालित है तो जानकारी कराकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

प्रभारी सीएमओ स्नेहा मिश्रा ।

मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं है। जहां तक मेरी जानकारी है बोरिंग के लिए नगर परिषद की ओर से अनुमति जारी नहीं की जाती है। फिर भी जानकारी करकर ही कुछ पक्का कह सकती हूं।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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