इन बिंदुओं का रखे ध्यान नगर निगम , पालिका, परिषद,चुनाव होने जा रहे हैं और कई लोग पार्षद बनने के लिए नामांकन भरने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन नगर पालिका अधिनियम के तहत कुछ लोगों के चुनाव लड़ने पर पाबंदी है और इसे डिसक्वालीफिकेशन माना जाता है।
रीवा से अनिल शर्मा
चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को यह जान लेना जरूरी है कि कानून के तहत कोई ऐसी पाबंदी तो नहीं है, जिसकी वजह से चुनाव बाद में निरस्त हो जाए। रीवा नगर पालिका अधिनियम की धारा 24 में निकाय चुनाव के लिए सामान्य डिसक्वालीफिकेशन बताई गई है। इसके अनुसार निकाय चुनाव लड़ने से कोई व्यक्ति डिसक्वालिफाई होगा –
(१) अगर वह व्यक्ति किसी सक्षम न्यायालय द्वारा नैतिक अधमता से जुड़े किसी अपराध के लिए या
किसी भी अन्य अपराध के लिए सिद्ध दोष ठहराया गया हो और छह महीने या अधिक के कारावास से दंडित किया गया हो
(२) अगर किसी व्यक्ति को नगर पालिका कानून की धारा 245 के तहत पालिका भूमि पर अतिक्रमण का दोषी ठहराते हुए सिद्ध दोष ठहराया गया हो।
(३)यदि किसी व्यक्ति को ऐसे सक्षम न्यायालय के जिसने अपराध का संज्ञान लिया हो
और उसके विरुद्ध पांच वर्ष व उससे अधिक के कारावास के दंडनीय किसी अपराध के लिए लंबित प्रकरण में आरोप तय कर दिए हों ।
(४)यदि कोई खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के अधीन किसी अपराध के लिए सिद्ध दोष ठहराया गया हो।
(५)किसी व्यक्ति के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 110 के तहत पाबंद किया हुआ हो लेकिन पाबंदी की अवधि समाप्त होने के बाद यह डिसक्वालीफिकेशन नहीं रहेगा।
(६)यदि वह सरकारी नौकरी में रहते हुए मिस कंडक्ट का दोषी रहा हो और इसकी वजह से उसे नौकरी से हटाया गया हो।
(७)यदि वह व्यक्ति प्रोफेशन प्रेक्टिशनर रहा हो और उसे ऐसी प्रेक्टिस से सक्षम अधिकारी द्वारा आदेश जारी कर हटाया गया हो।
(८) यदि वह व्यक्ति नगर निगम की प्रदान शक्ति या व्यवस्था के अंतर्गत कोई लाभ का पद धारण करता हो।
(९)नगर पालिका कानून की धारा 35 के तहत चुनाव संबंधी अपराध या भ्रष्ट आचरण का दोषी रहा हो या धारा 41 के अंतर्गत अयोग्य घोषित किया गया हो।
(१०)यदि वह व्यक्ति विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित हो।
(११)अगर वह व्यक्ति किसी केंद्रीय या राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी के अधीन वैतनिक या अंशकालिक नियुक्ति धारण करता हो।
(१२)अगर वह व्यक्ति किसी विश्वविद्यालय या निगम, निकाय, उद्यम या सहकारी सोसायटी जो राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित या पूर्णत: या अंश: वित्त पोषित हो के अधीन कोई वैतनिक या अंशकालिक नियुक्ति धारण करता हो।
(१३)यदि वह व्यक्ति दिवालिया घोषित हो।
(१४)यदि वह व्यक्ति किसी सक्षम न्यायालय से विकृत चित घोषित किया गया हो।
(१५)नगर निगम के साथ या उसके अधीन खुद या उसके परिवार का काेई सदस्य, भागीदार, नियोजक या कर्मचारी रहते हुए ठेकेदारी या अन्य कार्य में शामिल हो या उसके प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कोई हिस्सेदारी हो।
(१६) उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरते समय नगर निगम की ओर से वैतनिक विधि व्यवसायी के रूप में नियुक्त व्यक्ति या किसी न्यायालय में ऐसी नगरपालिका के विरुद्ध वकील के रूप में पैरवी कर रहा हो या उस अवधि के लिए जिसके लिए वह निर्वाचित हुआ है, ऐसी नगर पालिका के विरुद्ध विधि व्यवसायी के रूप में नियोजन स्वीकार करता हो।
(१७)अगर किसी व्यक्ति के दो से अधिक संतानें हैं।
(१८) ऐसा कोई व्यक्ति जो नगर पालिका का देनदार हो और दो साल से ज्यादा की बकाया हो और जिसके खिलाफ वसूली के लिए कार्रवाई की जा रही हो।
(१९) यदि उस व्यक्ति को सक्षम न्यायालय ने किसी ऐसे अपराध के लिए सिद्ध दोष ठहराया गया हो, जिसमें नगर पालिका की संपत्ति या निधि के दुर्विनियोग या गबन शामिल हो। उपरोक्त नियम के अंतर्गत कुछ सामान्य अपवाद भी हैं।
यह कुछ बिंदुओं हैं जिससे आप हैं तो आप का चुनाव निरस्त कर दिया जाएगा इस बातों को ध्यान में रखते हुए 19 ऐसे प्रकरण है जिनके आपके ऊपर चलेंगे तो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे या फिर लड़ गए तो किसी ने आपत्ति लगाई तो निरस्त हो जाएंगे यह चुनाव कोई भी चुनाव नगर निगम से संबंधित या पंचायतों से संबंधित यही टिप्पणी और कानूनी सलाह होती है