मध्यप्रदेश का दिल कहे जाने वाली संस्कारधानी जबलपुर से 40 किलो मी की दूरी पर स्थित तहसील मझौली में विराजमान भगवान विष्णु के 24 वे अवतार में से 10 अवतार विष्णु वाराह के मुख्य अवतार माने जाते है।
ख़बर खास मझौली
वराह अवतार हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से तीसरा अवतार है. इस अवतार में भगवान ने सुअर का रूप धारण करके हिरण्याक्ष राक्षस का वध किया था.
यह है मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार, राम अवतार. कृष्ण अवतार, बुद्ध अवतार, कल्कि अवतार।
विष्णु के दस अवतारों में से तीसरा अवतार है.मझौली
विश्व की एकमात्र धरोहर विष्णु वाराह मंदिर इन दिनों अव्यवस्थाओं की दर से चल रहा है यहां तक कि यह शासकीय मंदिर होने के बावजूद भी यहां पर व्यवस्थाएं देखी जा सकती हैं समय पर ना यहां पर पुजारी उपस्थित होते हैं समय पर ना ही यहां पर कोई अधिकारी कर्मचारी उपस्थित होते हैं हम आपको बता दें कि विष्णु वराह मंदिर प्रांगण जिसके अध्यक्ष स्वयं जबलपुर जिला कलेक्टर एवं उपाध्यक्ष तहसीलदार मझौली है एवं जो समिति गठित की गई है उसमें नगर मझोली के जनप्रतिनिधियों को लिया गया है।
विगत एक वर्ष पहले मझौली बाजार प्लांट प्रांगण में चल रहे अनुरुद्ध आचार्य के द्वारा चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भी यह बात कही गई थी कि नगर मझोली में विराजमान भगवान विष्णु बाराह मंदिर विश्व की एक मात्र धरोहर है इसके लिए नगर और आस पास के जनप्रतिनिधियों को आगे आना चाहिए।
इसके यहां पर व्यवस्थाएं आए दिन देखने को मिल सकती है। आपको ना ही मंदिर में पुजारी का कोई टाइम टेबल है ना ही यहां पर झाड़ू पोछा लगाने का कोई टाइम टेबल है हम आपको बता दें कि यह विश्व की एकमात्र धरोहर है ।बावजूद इसके शासन प्रशासन के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां पर बाहर से आने वाली श्रद्धालुओं को ना ही कोई गाइड करने वाला है ना ही प्रसाद वितरण करने वाला है ना ही यहां पर कोई व्यवस्था देखने वाला है ।यहां तक कि यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन एवं पुरातत्व विभाग के द्वारा चौकीदार नियुक्त किया गया है ।जो कि 24 घंटे देख रेख के लिए उपस्थित होना चाहिए बावजूद इसके यहां पर ना तो चौकीदार उपस्थित है । सुबह 8 दोपहर 12साम 8 पुजारी इस समय पर यहां पर उपस्थित मिलते हैं यहां पर आए दिन व्यवस्थाएं आपको देखने को मिल जाएंगी।
यहा तक कि विष्णु वराह मंदिर प्रांगण में मोटर साइकिल भी रखी मिल जाएगी।
यहा बाहर से आए श्रद्धालुओं के लिए मुंडन संस्कार, कथा, करवाने,की भी कोई व्यवस्था नहीं है।