कमिश्नर श्री अभय वर्मा ने आज अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत संभाग स्तरीय सतर्कता सलाहकार एवं अनुश्रवण समिति की वर्चुअल बैठक की।
जबलपुर
जिसमें जबलपुर, छिंदवाड़ा और बालाघाट के डीआईजी, संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, एसपी तथा अभियोजन अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर उन्होंने अधिनियम अंतर्गत सभी लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर कहा कि प्रकरणों का निराकरण यथाशीघ्र करें। यदि बजट की समस्या है तो प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग को मांग पत्र भेजें। जहां कहीं जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता है तो जाति प्रमाण पत्र बनाने की कार्यवाही करें ताकि प्रकरण के निराकरण शीघ्रता से हो सके। इसी प्रकार हत्या के प्रकरणों में आश्रितों व स्वरोजगार की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिये। कमिश्नर श्री वर्मा ने कहा कि ज्यादातर प्रकरणों में आरोपित बरी हो जाते हैं, सज़ा का प्रतिशत बहुत कम है, इसे देखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि राजीनामा होने के बाद प्रकरण का निराकरण हो जाता है तो पीडि़त को दी गई राशि वापस करने का प्रावधान भी होना चाहिए।