न पंचायत कार्यालय में मौजूद, न जनपद में; जिम्मेदार अधिकारी भी लापता
मझौली जबलपुर
जनपद पंचायत मझौली अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बीछी में शासकीय कामकाज पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। पंचायत कार्यालय में ताला लटका मिला और सचिव सुशील पटैल नदारद पाए गए। हैरानी की बात यह रही कि जब सचिव से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, तो पता चला कि न तो वह जनपद पंचायत मझौली कार्यालय में उपस्थित हैं और न ही बीछी पंचायत में।
प्रशासनिक लापरवाही का आलम यह है कि जब इस मामले की जानकारी लेने के लिए जनपद पंचायत मझौली में पदस्थ पंचायत इंस्पेक्टर से संपर्क किया गया, तो सचिव वहाँ भी अनुपस्थित पाए गए।
इस प्रकार की गैरजिम्मेदाराना कार्यप्रणाली से न केवल ग्रामीणजन परेशान हैं, बल्कि जरूरी शासकीय कार्य भी लंबित पड़े हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें प्रमाण पत्र, रोजगार गारंटी योजनाओं, पेंशन आवेदन, निर्माण कार्यों की जानकारी जैसी बुनियादी सेवाओं के लिए कई-कई चक्कर काटने पड़ते हैं, लेकिन पंचायत में कोई सुनवाई नहीं होती।
प्रश्न यह उठता है कि—जब पंचायत सचिव का कोई अता-पता नहीं, तो पंचायत के कामकाज का जिम्मेदार कौन?
क्या जनपद स्तर के अधिकारी भी जवाबदेही से बच सकते हैं?
प्रशासनिक निगरानी और अनुशासन का स्तर इतना लचर क्यों है?
इस पूरे मामले ने न केवल पंचायत व्यवस्था की पोल खोल दी है, बल्कि शासन की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार अधिकारी इस पर क्या कार्रवाई करते हैं या यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह फाइलों में दब कर रह जाएगा?