महामहिम उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा कि मध्य प्रदेश की पावन धरा पर जन्मे वीर शिरोमणि राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह का बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।
जबलपुर
ये उन जैसे बलिदानियों का ही प्रताप है कि आज हम एक स्वतंत्र भारत मे सांस ले पा रहे हैं और अपनी नियति खुद तय कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतवासी को इन जननायकों के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए देश हित को सर्वोपरि रखना चाहिए। उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनगड़ ने कहा कि मैं राजा शंकर शाह और कुँवर रघुनाथ शाह जैसे वीरो की भूमि में पहुँचकर गौरवान्वित हूँ, यह दिन मेरी स्मृति में सदैव रहेगा। उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनगड़ वेटरनरी मैदान जबलपुर में आयोजित हुए बलिदान दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थें।
इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, प्रभारी मंत्री श्री गोपाल भार्गव, जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह, वन मंत्री श्री विजय शाह, सांसद श्री बी.डी. शर्मा, सांसद श्री राकेश सिंह, राज्य सभा सांसद सुमित्रा वाल्मिक, राज्यसभा सांसद श्रीमती सम्पत्तिया उइके सहित अन्य जनप्रतिनिधि मंचाशीन थे।
महामहिम उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा मध्य प्रदेश में देश की सर्वाधिक जनजातीय जनसंख्या निवास करती है। प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज श्री चौहान के नेतृत्व में जनजातीय वर्ग के विकास की दिशा में सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हुआ हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान के ह्दय में जनजातीय वर्ग के प्रति आत्मीयता और उनके विकास के लिए ललक हैं। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि आज केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर आदिवासियों को सक्षम – समर्थ बनाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है जनजातीय वर्ग के युवक- युवतियों ने समाज के विभिन्न क्षेत्रो में उल्लेखनीय कार्य कर अपनी प्रतिभा दिखाई है। 75 सालों में पहली बार आदिवासी वर्ग से आने वाली श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने भारत के सर्वोच्च पद को सुशोभित कर जनजातीय प्रतिभा को देश ही नही विश्व के सामने लाया हैं।
उन्होंने कहा कि हर्ष का विषय है की देश में सभी जनजाति बहुल राज्यों द्वारा जनजातीय जननायक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति में उनके जन्म स्थलों पर या उनके बलिदान स्थलों पर स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है। ये स्मारक आने वाली पीढ़ी को ऐसे जननायकों के बलिदान के बारे में जानकारी देने के साथ ही युगों-युगों तक प्रेरणा देंगे।
उन्होंने कहा भारत की बहुरंगी संस्कृति में हमारे आदिवासी समुदायों का विशिष्ट स्थान है। सादगी भरा जीवन, प्रकृति से प्रेम और लोक संगीत की मधुर गूंज उन्हें सबसे अलग बनाती है। आदिवासियों के बिना भारत की आत्मा अधूरी है। हमारा विकास का मॉडल ऐसा होना चाहिए कि आदिवासी क्षेत्रों के चहुमुंखी विकास के साथ साथ उनकी प्राचीन संस्कृति भी सुरक्षित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि यह निश्चित रूप से हर्ष का विषय है कि सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए गुमनाम शहीदों एवं वीर नायकों की स्मृति और बलिदान को पुनर्जीवित करने, उन्हें उचित सम्मान दिलाने का कार्य कर रही है। आज अतीत की गुमनामी में धुमिल हो चुके स्वतंत्रता के नायक- नायिकाओं की प्रतिमा और जनजातीय संग्रहालयों का निर्माण किया जा रहा है। जो इन शहीदों की स्मृति का पुनर्जीवित कर भावी पीढ़ी को प्रेरणा देने का कार्य करेगा।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासो से राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान स्थल पर बन रहे स्मारक को लेकर भी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक स्मारक गोंडवाना के राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह जैसे अमर बलिदानियों के साहस, सौर्य और वीरता से भावी पीढ़ी को अवगत करायेगा।
राज्यपाल श्री मंगुभाई ने सिकल सेल उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान की सफलता के लिए जनप्रतिनिधियों और आम जनों को अपनी सहभागिता करने की अपील की ताकि जनजाति वर्ग में सिकल सेल का उन्मूलन किया जा सके।
राष्ट्र निर्माण के लिये जन-कल्याण में नहीं रहेगी कोई कमी – मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिस स्थान पर राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह बलिदान दिया है, उसी स्थान पर स्मारक का निर्माण किया जाएगा, जिसे पीढ़ियाँ याद रखेंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिये जन-कल्याण में कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। सरकार जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिये निरंतर कार्य कर रही है। इसी वर्ष पेसा एक्ट को लागू कर देश अग्रणी राज्यों में शामिल होगा। इससे जनजातीय वर्ग की जिंदगी को और सरल बनाया जा
सकेगा। पेसा एक्ट का फाइनल ड्राफ्ट शीघ्र ही प्रकाशित किया जायेगा। प्राप्त दावे-आपत्तियों के निराकरण के बाद पेसा एक्ट को मध्यप्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शीघ्र ही प्रदेश के चिन्हित जनजातीय विकासखंडों में राशन दुकानों तक राशन परिवहन, जनजातीय युवाओं के माध्यम से करने का पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ होगा। इससे युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। अभी मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार योजना में 20 जिलों के 89 जनजातीय विकासखंडों के 6 हजार 500 गाँवों
में 7 लाख 13 हजार परिवारों को जनजातीय वर्ग के युवाओं के द्वारा गाड़ियों से राशन पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम में भारिया जनजाति के 12 ग्रामों को हेबिटेट राइट्स भी प्रदान किये गये।
वन समितियाँ और अधिक होंगी सशक्त
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वन समितियों को सरकार और अधिक अधिकार देकर सशक्त कर रही है। वन समितियाँ प्रबंधन का कार्य करेंगी। तेंदूपत्ता संग्राहकों को 75 प्रतिशत और समितियों को 5 प्रतिशत लाभांश मिलेगा। इमारती लकड़ी से प्राप्त आय का 20 प्रतिशत वन समितियों को मिलेगा। जलाऊ लकड़ी, बाँस-बल्ली के विक्रय का अधिकार वन समितियों को ही दिया जाएगा। वन समितियों को अब तक 22 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। सरकार ने 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदला है। प्रदेश में देवारण्य योजना में 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में औषधीय पौधों को लगाने का लक्ष्य रखा गया है। तीन लाख 83 हजार 284 हेक्टेयर में औषधीय पौधे लगाये जा चुके हैं। चिन्हित विकासखंडों की ग्राम सभाओं को तेंदूपत्ता तोड़ने और विक्रय करने का अधिकार दिये जाने संबंधी पायलट प्रोजेक्ट इसी वर्ष प्रारंभ किया जाएगा।
गाँव-गाँव मनेगा जनजातीय गौरव दिवस
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गत वर्ष बलिदान दिवस कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की मौजूदगी में लिये गये निर्णय अनुसार छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम राजा शंकर – रघुनाथ शाह कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आगामी 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा। प्रदेश के गाँव-गाँव में जनजातीय गौरव दिवस समारोह पूर्वक मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिकल सेल-एनीमिया को दूर करने के लिये 2 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया है, शीघ्र ही सभी जिलों में सर्वे करवाया जायेगा। बीमारी का उपचार सरकार नि:शुल्क करवाएगी।
प्रतिभाशली विद्यार्थी सम्मानित
उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने राज्यपाल श्री पटेल, मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ आकांक्षा योजना में प्रशिक्षण प्राप्त कर नीट की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाली भारिया जनजाति की कु. वर्षा उइके और कु. भावना चंदनिया, जेईई एड्वांस में सफल होने वाले आदित्य कवरेती, कु. मेघा, शिवकुमारी बैगा, क्लेट की परीक्षा में सफल होने वाली बबीता बघेल और कु. शारदा पाल को सम्मानित किया। कार्यक्रम में
अन्य हितग्राहियों को भी हितलाभ प्रदान किये गये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को बेहतर प्रशिक्षण के लिये सरकार द्वारा आकांक्षा योजना संचालित की जा रही है। अतिथियों ने जनजातीय जन नायकों के बलिदान पर केन्द्रित प्रदर्शनी का विमोचन भी किया।
10 हजार लाख रुपये से अधिक के विकास कार्यों का हुआ भूमि पूजन और लोकार्पण
वेटरनरी मैदान जबलपुर में आयोजित हुए बलिदान दिवस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रिमोट दबाकर जबलपुर जिले सहित संभाग के बालाघाट, मंडला, छिंदवाड़ा एवं सिवनी जिले के कुल 18 छात्रावासों, शाला परिसर तथा अन्य शासकीय भवनों का लोकार्पण एवं भूमि पूजन किया।
अतिथियों ने जबलपुर के 250-250 लाख रूपये लागत के पोस्ट मेट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्व विद्यालय कैम्पस, प्री-मेट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास सिहोरा का लोकार्पण तथा 206.50 लाख रूपये लागत के अनुसूचित जनजाति महाविद्यालयीन बालक छात्रावास आधारताल का भूमिपूजन, बालाघाट के 2775.91 लाख रूपये की ग्राम परसवाड़ा कन्या शाला परिसर तथा 220.80 लाख रूपये लागत के ग्राम मोहनपुर में सीनियर कन्या छात्रावास का लोकार्पण, मंडला के 336.55 लाख रूपये लागत के सौ सीटर संयुक्त बालक छात्रावास मंडला, 354.52 लाख रूपये लागत के सौ सीटर संयुक्त कन्या छात्रावास मंडला तथा 205.50 लाख रूपये लागत के 50 सीटर आदिवासी कन्या छात्रावास बिछिया का लोकार्पण , छिंदवाड़ा जिले में 333.31- 333.31 लाख रूपये लागत के आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास चावल पानी, आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास झिरपा तथा आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास रातमाटी तथा 206.50 लाख रूपये लागत के जुन्नारदेव , 337.94 लाख रूपये लागत के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जुन्नारदेव, 337.94 लाख रूपये लागत के नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन कुकरपानी का भूमिपूजन तथा 360 लाख रूपये लागत विशेष पिछड़ी जनजाति हेतु सर्वसुविधायुक्त कंप्यूटर कौशल विकास केन्द्र का लोकार्पण किया। इसी तरह सिवनी जिले के 2746.94 लाख रूपये लागत के कन्या शिक्षा परिसर सिवनी, 205.50- 205.50 लाख रूपये लागत के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोड़ियामाल तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बोरिया का लोकार्पण किया।