रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर प्रदेश, देश और समाज के कल्याण
का लें संकल्प- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया संदेश
जबलपुर
गौंडवाना साम्राज्य की महारानी वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर आज नर्रई नाला स्थित समाधि स्थल पर वीरांगना रानी दुर्गावती गौरव यात्रा पहुंची। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वनमंत्री कुंवर विजयशाह, सांसद श्री राकेश सिंह, विधायक श्री सुशील कुमार तिवारी इंदू ने रानी की प्रतिमा पर नमन कर पुष्पांजिल अर्पित की।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के वीडियो संदेश का प्रसारण भी किया गया। मुख्यमंत्री ने रानी दुर्गावती को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने स्वराज, स्वधर्म,संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा करते हुये अपना सर्वस्व न्यौछावार कर दिया। मुख्यमंत्री ने वीरांगना रानी दुर्गावती के शौर्य और पराक्रम का उल्लेख करते हुये कहा कि उन्होंने 52 लड़ाईयां लड़ी जिसमें 51 में वे जीती। मुगल शासक अकबर की सेना को उन्होंने तीन-तीन बार पराजित किया और अंतत: अपने सम्मान की खातिर स्वयं अपना बलिदान दे दिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रानी दुर्गावती को सुशासन की सूत्रधार बताया। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती के शासन काल में अनेकों निर्माण कार्य हुये। खासतौर पर जबलपुर और इसके आसपास के सभी स्थानों पर तालाबों का निर्माण उनकी दूरदृष्टि का परिचायक था। मुख्यमंत्री ने कहा कि रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस हम सभी को अपने जीवन मूल्य, संस्कृति और अपने देश की खातिर सब कुछ न्यौछावार करने को तैयार रहने की प्रेरणा देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रानी के बलिदान दिवस पर सभी उनके बताये हुये आदर्शों पर चलने का संकल्प लें। श्री चौहान ने रानी दुर्गावती की वीरगाथा को जन-जन तक पहुंचाने प्रदेश सरकार द्वारा पांच स्थानों से प्रारंभ की गई गौरव यात्राओं को उल्लेख करते हुये कहा कि इन गौरव यात्राओं का समापन शहडोल में होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इन गौरव यात्राओं के समापन कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे और रानी दुर्गावती को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके चरणों में नमन करेंगे।
रानी के समाधि स्थल पर आयोजित इस कार्यक्रम में वनमंत्री कुंवर विजय शाह, सांसद श्री राकेश सिंह एवं विधायक श्री सुशील कुमार तिवारी इंदू ने भी संबोधित किया। वन मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए रानी दुर्गावती ने अकबर जैसे शक्तिशाली मुगल शासकों के दबाव में भी नहीं आई और अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देते हुये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
सांसद श्री राकेश सिंह ने अपने संबोधन में रानी दुर्गावती को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये वीरांगना रानी दुर्गावती को साहस, शौर्य और स्वाभिमान को प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती ने अपना पूरा जीवन परोपकार के कार्यों के लिये समर्पित कर दिया था और मात्र 39 वर्ष की आयु में ही वे देश की रक्षा करते हुये दुनिया से विदा हो गई। सांसद श्री सिंह ने रानी के जल प्रबंधन का उल्लेख करते हुये कहा कि जिस कुशलता से उन्होंने तालाबों का निर्माण कराया आज 500 साल बाद भी वे तालाब जीवित है। श्री सिंह ने इस मौके पर रानी दुर्गावती के समाधि स्थल को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने 10 करोड़ रूपये स्वीकृत करने पर केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल का आभार माना। उन्होंने कहा कि इस राशि से यहां कई विकास के कार्य होंगे और लाइट एण्ड साउण्ड शो होगा। इससे आने वाली युवा पीढ़ी को रानी के बलिदान से प्रेरणा मिलेगी।
विधायक श्री सुशील कुमार तिवारी इंदू ने इस अवसर पर अपने संबोधन में रानी दुर्गावती की वीर गाथा से जन-सामान्य को अवगत कराने राज्य शासन द्वारा निकाली जा रही गौरव यात्रा को सराहनीय कदम बताया। उन्होंने रानी दुर्गावती द्वारा मातृभूमि की रक्षा करने दिखाये गये अदम्य साहस और पराक्रम का उल्लेख करते हुये कहा कि रानी दुर्गावती ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुये भविष्य में आने वाले जल संकट से निपटने जबलपुर में कई ताल-तलैया भी बनवाई। उन्होंने कहा कि इन ताल-तलैयों का संरक्षण कर ही रानी को सच्ची श्रद्घांजली दे सकेंगे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में वन मंत्री कुंवर विजय शाह, सांसद श्री राकेश सिंह एवं विधायक श्री सुशील कुमार तिवारी इंदू, श्री सुभाष तिवारी रानू एवं श्री पंकज दुबे ने रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। समाधि स्थल पहुंचने पर वीरांगना रानी दुर्गावती गौरव यात्रा का परंपरागत आदिवासी नृत्य से स्वागत किया गया। इस अवसर पर रानी दुर्गावती के जीवन वृतांत पर स्वराज संस्थान भोपाल द्वारा चित्र प्रदर्शनी लगाई गई तथा नाट्य लोक संस्था के कलाकारों द्वारा रानी दुर्गावती के शौर्य पराक्रम पर नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया गया।