सरपंच सचिव की मनमानी से ग्रामीण परेशान
मझौली जबलपुर
जनपद पंचायत मझौली अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत रौसरा का मामला सामने आया है जहा पर सरपंच पति दुर्गेश पटैल ग्राम पं सचिव चुन्नी लाल यादव सहायक सचिव विनय साहू की मनमानी के चलते सरोवर तालाब में जेसीबी मशीन एवं ट्रेंकटर से खुदाई का कार्य किया जा रहा है
सरकार द्वारा मनरेगा योजना के तहत पंचायतों में श्रमिकों को रोजगार देने के उद्देश्य से अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जा रहा है।
इसकी नियमित समीक्षा कलेक्टर की ओर से की जा रही है, साथ ही मैदानी स्तर पर अधिकारियों को भेजा गया है कि वह इस पर निगरानी करें
मनरेगा के मद से श्रमिकों के जरिए ही काम कराया जाना है
ग्राम पंचायत रौसरा में लगातार चल रहे निर्माण कार्यों में जेसीबी और ट्रेक्टर से मिट्टी खोदी जा रही है, साथ ही डंफरों को भी लगाया गया है। तो वही ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत द्वारा उन्हें काम पर नहीं लगाया जा रहा है।
निगरानी के लिए लगाए गए हैं नोडल अधिकारी
एक ओर कलेक्टर ने अमृत सरोवर के निर्माण कार्य को गंभीरता से लिया है। इसके लिए जिले भर में नोडल अधिकारी लगाए गए हैं, जो हर तालाब का निरीक्षण करने के लिए मौके पर पहुंचेंगे।
ग्रामीणो का कहना है कि सरपंच-सचिव मजदूरी की राशि बचाने के लिए पूरा काम मशीनों के जरिए करा रहे हैं।
मझौली जनपद के रौसरा निवासियों ने कहा है कि जो मजदूर काम करना चाहते हैं, उन्हें भी काम पर नहीं लगाया जा रहा है।
मनरेगा योजना के तहत हर तालाब को औसत 22 से 25 लाख रुपए तक दिए गए हैं, जिसमें 12 से 14 लाख रुपए तक मजदूरी की राशि है।
एक ओर यह भी कहा जा रहा है कि मजदूरी की राशि सीधे बैंक खाते में जाती है। ऐसे में लोगों ने सवाल उठाए हैं कि जब मशीनों से काम हो रहा है तो मजदूरों तक राशि कैसे जाएगी।
कई जगह लागत सही नहीं बताने का आरोप
अमृत सरोवर की राशि की लागत जो निर्धारित की गई है, उसकी सही जानकारी गांव के लोगों को नहीं दिए जाने का आरोप लगाया गया है। नाम न बताने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत में योजना से जुड़ी जानकारी तो प्रदर्शित नहीं की गई है।
इससे ग्रामीणों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी तरह अन्य कई गांवों में भी स्थितियां बताई गई हैं।
क्या कहते हैं जनपद पंचायत मझौली अधिकारी
सीईओ बीके सिंह
आपके द्वारा जानकारी दी गई है जांच करवा लेते हैं