एक माह में 100 से अधिक राजस्व न्यायालयों की ऑनलाईन समीक्षा
74 हजार से अधिक राजस्व प्रकरण हुए निराकृत
जबलपुर
जबलपुर संभाग अंतर्गत राजस्व न्यायालयों के लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रकरणों का मिशन मोड में निराकरण के लिए संभाग आयुक्त द्वारा दैनिक आधार पर न्यूनतम निराकरण वाले 10 राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों की वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से नियमित समीक्षा की जा रही है। इसी तारतम्य में विगत एक माह के अंदर ही जबलपुर संभाग के कुल 119 राजस्व न्यायालयों की समीक्षा की जा चुकी है।
संभागायुक्त श्री धनंजय सिंह द्वारा प्रत्येक पीठासीन अधिकारी के न्यायालय में लंबित सबसे पुराने प्रकरण सहित मदवार लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु समीक्षा एवं कार्ययोजना निर्धारित की जा रही है।
पीठासीन अधिकारियों की समीक्षा में राजस्व के लंबित प्रकरणों की मदवार चर्चा होती है। साथ ही संबंधित राजस्व न्यायालय के सबसे पुराने राजस्व प्रकरण की केस डायरी के साथ राजस्व अधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग में उपस्थित होते हैं। राजस्व प्रकरण के निराकरण में विलम्ब के कारणों की समीक्षा भी की जाती है। सघन समीक्षा का नतीजा यह है कि लगभग एक माह की अवधि में ही जबलपुर संभाग में राजस्व प्रकरणों का निराकरण 34 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो गया है।
महत्वपूर्ण है कि इस अवधि में नामान्तरण के दर्ज प्रकरणों का निराकरण 40 प्रतिशत से बढ़कर 57 प्रतिशत, बंटवारा के प्रकरणों का निराकरण 32 प्रतिशत से बढ़कर 52 प्रतिशत तथा अभिलेख दुरुस्ती के प्रकरणों का निराकरण 31 प्रतिशत से बढ़कर 51 प्रतिशत हो गया है।
सबसे ज्यादा निराकरण सीमांकन के प्रकरणों का हुआ है। जिसमें निराकरण प्रतिशत 36 प्रतिशत से बढ़कर 66 प्रतिशत हो गया है। विगत एक माह में संभाग में 17044 सीमांकन के लंबित प्रकरणों का निराकरण हुआ है। इस प्रकार संभाग में एक माह की अवधि में कुल 74007 राजस्व प्रकरणों का निराकरण हुआ है जो कि उल्लेखनीय उपलब्धि है।
राजस्व अधिकारियों की यह समीक्षा प्रतिदिन की जा रही है। इस अनूठी पहल ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण को गति मिली है। ऑनलाईन समीक्षा से अधिक संख्या में राजस्व न्यायालयों के कार्य की सघन मॉनीटरिंग भी संभव हो पा रही है।