प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की प्रेरणा से उद्भूत परिकल्पना के अनुक्रम में “एक बगिया माँ के नाम” परियोजना के अंतर्गत मानसून सीजन 2025 में स्व-सहायता समूह की पात्र महिला हितग्राहियों की निजी भूमि पर उद्यानिकी पौधारोपण किया जाना है।
कटनी
परियोजना अंतर्गत हितग्राही की पात्रता का परीक्षण मनरेगा अंतर्गत एनुअल मास्टर सर्कुलर द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किया जाएगा। यह परियोजना छोटे, मध्यम एवं सीमांत कृषकों की भूमि पर उद्यानिकी फसलों के रोपण को प्रोत्साहित करेगी, जिनके उत्पादन और विपणन से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
इस परियोजना अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में पौधारोपण 15 अगस्त से 15 सितंबर, 2025 तक एक अभियान के रूप में किया जाएगा, परन्तु पौधारोपण कार्य, किसी विशेष तिथि पर न किया जाकर सिपरी सॉफ्टवेयर द्वारा सुझाए समयानुसार ही किया जाएगा।
हितग्राहियों का चयन
परियोजना के अंतर्गत आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह की महिला सदस्य, जो स्वयं की भूमि पर फलदार पौधारोपण करने हेतु इच्छुक हो, उसका चयन किया जाएगा। चयनित महिला हितग्राही के नाम पर भूमि नहीं होने की दशा में उस महिला के पति, पिता या ससुर की भूमि पर उनकी सहमति के आधार पर पौधारोपण किया जा सकेगा। चयनित हितग्राही के पास पौधारोपण हेतु न्यूनतम 0.5 एकड़ भूमि होना अनिवार्य है। परन्तु परियोजना अंतर्गत अधिकतम 1 एकड़ भूमि पर ही कार्य किया जा सकेगा। हितग्राही का चयन “एक बगिया माँ के नाम” एप के माध्यम से किया जाएगा। हितग्राहियों का चयन इस प्रकार किया जाएगा कि परियोजना अंतर्गत पौधारोपण फलोद्यान क्लस्टर के रूप में विकसित हो सके।
स्थल चयन
“एक बगिया माँ के नाम” एप के माध्यम से चयनित हितग्राही की भूमि का चयन सिपरी साफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा। सिपरी साफ्टवेयर द्वारा पौधारोपण हेतु उपयुक्त दर्शित भूमि पर ही इस परियोजना के अंतर्गत कार्य स्वीकृत किये जा सकेंगे। यदि सिपरी सॉफ्टवेयर द्वारा स्थल को पौधारोपण हेतु उपयुक्त नहीं बताया गया हो तो उस स्थल पर कार्य स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
ग्राम पंचायत होगी क्रियान्वयन एजेंसी
इस परियोजना अंतर्गत पौधारोपण की क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत होंगी। ग्राम पंचायत संबंधित हितग्राही के कार्य हेतु जारी की गई तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति की शर्तों के अनुरूप गुणवत्तापूर्वक काम समय-सीमा से करायेगी।
कृषि सखी करेंगी मदद
ग्राम पंचायत स्तर पर फलोद्यान के प्रबंधन एवं सहायता हेतु आजीविका मिशन की कृषि सखी उपलब्ध होंगी। कृषि सखी, फलोद्यान के प्रबंधन जैसे समय पर खाद, पानी एवं कीटों से रोकथाम, जैविक खाद एवं जैविक कीटनाशक तैयार एवं उपयोग करवाना, अंतरवर्तीय फसलों की खेती संबंधी दायित्वों का निवर्हन करेंगी। आजीविका मिशन द्वारा प्रत्येक 25 एकड़ के फलदार पौधारोपण पर एक कृषि सखी को उपलब्ध कराया जाएगा।
मनरेगा के तहत होगा भुगतान
इस परियोजना अंतर्गत प्रथम वर्ष 374 मानव दिवस, द्वितीय वर्ष 42 मानव दिवस एवं तृतीय वर्ष 35 मानव दिवस सृजित होगा। परियोजना में हितग्राही व उसके परिवार के सदस्यों को वरीयता दी जाएगी, ताकि मजदूरी की अधिकतम राशि हितग्राही के परिवार को प्राप्त हो सके।