नगर की सड़कों पर हर दिन बढ़ते अतिक्रमण और उससे उपजे भारी ट्रैफिक जाम ने आमजन का जीवन मुश्किल कर दिया है।
मझौली (जबलपुर)
नगर की मुख्य सड़कें, चौराहे और बाजार अब दुकानदारों और ठेले-खोमचे वालों के अतिक्रमण से इतनी संकरी हो गई हैं कि दोपहिया वाहन निकालना भी चुनौती बन गया है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि स्कूल-कॉलेज जाने वाले बच्चों, मरीजों और बुजुर्गों तक को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कई बार शिकायतों और ज्ञापनों के बावजूद नगर परिषद, तहसील कार्यालय और ट्रैफिक विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम सरकारी जमीन, सड़क किनारे फुटपाथ और सार्वजनिक स्थलों पर कब्जा कर व्यापार कर रहे हैं, और प्रशासनिक अमला मूकदर्शक बना हुआ है।
मुख्य बाजार, अस्पताल रोड, जबलपुर रोड़ पोला तिराहा, बस स्टैंड और सब्जी मंडी इलाकों में अतिक्रमण की स्थिति सबसे गंभीर है। दुकानदार अपनी सीमा से बाहर निकलकर सड़क तक सामान फैला देते हैं। ठेले, गुमठियाँ और अवैध निर्माण के चलते राहगीरों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। इससे जाम की समस्या तो बढ़ती ही है, साथ ही दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है।
स्थानीय रहवासी यह सवाल उठा रहे हैं कि जब शासन-प्रशासन को स्थिति की जानकारी है, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं होती? क्या अतिक्रमणकारियों के सामने प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं या फिर मिलीभगत के चलते कार्रवाई से बचा जा रहा है?
अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम की सबसे अधिक मार महिलाओं, स्कूली बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रही है। बच्चों को स्कूल पहुँचाना अब रोज का संघर्ष बन गया है, और कई बार एंबुलेंस तक रास्ते में फंसी रह जाती है
नगरवासियों ने प्रशासन से माँग की है कि मझौली में अतिक्रमण के खिलाफ सख्त और निरंतर कार्रवाई की जाए। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए और दोषियों पर जुर्माना लगाया जाए।