राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम तथा राष्ट्रीय सर्पदंश निवारण एवं नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत चिकित्सा अधिकारियों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ का दो दिनों का जिला स्तरीय प्रशिक्षण आज शनिवार को जिला चिकित्सालय के स्वामी विवेकानन्द सभाकक्ष में संपन्न हुआ ।
जबलपुर
प्रशिक्षण का समापन पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि स्नेक बाइट तथा रेबीज से हो रही मौतों के मुख्यतः दो कारण हैं। पहला एंटी स्नेक व एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने में देर करना तथा दूसरा मिथक अधिक होने के कारण तुरंत अस्पताल न जाकर झाड़ फूंक में समय खराब करना है। उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता लाकर इन मौतों को कम किया जा सकता है।
प्रशिक्षण में रेबीज नियंत्रण तथा सर्पदंश निवारण एवं नियंत्रण के लिये अर्न्त विभागीय समन्वय की आवश्यकता को ध्यान में रखकर सभी विभागों की सहभागिता के लिए विशेष जोर दिया गया । ताकि सही समय पर सर्विलांस एवं रिपोर्टिंग कार्य हो तथा पीड़ित का जल्द से जल्द उपचार प्रारंभ हो सके तथा होने वाली मौतों को कम किया जा सके। जिला स्तरीय प्रशिक्षण में कुशल मास्टर प्रशिक्षक जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विनीता उप्पल, नानाजी देशमुख वेटरनरी साइंस कॉलेज के अधीक्षक डॉ रणवीर सिंह जाटव, एनसीडी नोडल अधिकारी डॉ सारिका दुबे, एम एंड ईओ सुश्री श्रीया अवस्थी एवं पाथ संस्था से डॉ फयीमुद्दीन मंसूरी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण पूर्ण होने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विनीता उप्पल द्वारा सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।