प्रशासन की मेहरबानी से चल रहे नगर में बगैर बीमा फिटनेस के लोडिंग एवं सवारी वाहन
मझौली संवाददाता शिवम साहू
मध्यप्रदेश शासन के आदेश अनुसार लगातार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हेलमेट चेकिंग की जा रही है। सरकारी आदेशों के बावजूद स्कूल बसों और सवारी वाहनों की आज़ कोई जांच या कार्यवाही कही नज़र नहीं आ रही है चालक एवं कंडेक्टर के सर्टिफिकेट की भी कोई जांच नहीं।
जबलपुर कलेक्टर एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के आदेशों की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे अधिकारी कर्मचारी
स्कूल बसें हों या लोडिंग व सवारी वाहन बगैर बीमा फिटनेस के धड़ल्ले से रोड़ पर दौड़ रहें हैं।
लोडिंग वाहनों का न बीमा फिटनेस है और न ही कागज है बावजूद इसके सबारी लाने ले जाने में किया जा रहा उपयोग।
शासन दोपहिया वाहनों की हेलमेट चेकिंग का आदेश जारी करती है वहीं दूसरी ओर शासन प्रशासन के आला अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा जहां एक ओर दोपहिया वाहनों की हेलमेट चेकिंग के नाम पर पैसा बसूली आम जनता से दुर्घटना के नाम पर हेलमेट चेकिंग अभियान चलाया जा रहा तो वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश सरकार मैं बैठें राजनीति से जुड़े राजनेताओं जनप्रतिनिधियों के वाहनों की कोई जांच पड़ताल करने वाला नहीं। नगर में चार पहिया वाहनों, सवारी बस , 407,207,हाईवा, ट्रक जैसे बड़े-बड़े वाहन बगैर बीमा बगैर फिटनेस के रोड़ पर दौड़ नज़र आ रहें हैं ।
सबाल यह है कि इन पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं
क्या शासन प्रशासन किसी अप्रीय घटना का इंतजार कर रहा है। या जब कोई घटना घटित होगी तब कोई कार्यवाही होगी। क्या प्रशासन दुर्घटना होने पर ही कोई कार्यवाही करेगी या इसी प्रकार से बगैर बीमा फिटनेस के चलते रहेंगे सवारी एवं लोडिंग 407 ,207,सवारी बस, ट्रक , बगैर नंबर प्लेट बगैर नंबर के बगैर लाइसेंस छोटे-छोटे बच्चे गाड़ी चलाते नजर आ जाएंगे न उनका लाइसेंस न ही गाड़ी का बीमा है ।
बावजूद इसके प्रशासन मूकदर्शक