जिला पुलिस बल दमोह में पदस्थ आरक्षक बेच नं 450 सचिन कुमार ने पुलिस विभाग से इस्तीफा दिया है उनका इस्तीफा दमोह एसपी ने मंजूर भी कर दिया है
दमोह
आरक्षक की समस्या का अगर निदान किया जाता तो यह आरक्षक इस्तीफा नहीं देता। क्योंकि उसकी समस्या को किसी भी अधिकारी ने समझने की कोशिश नहीं की इस बेरोजगारी के दौर में नौकरी से इस्तीफा देना इतना आसान नहीं होता पर यह इस्तीफा कई सवाल खड़े करता है।
मध्य प्रदेश पुलिस के दमोह में पदस्थ दूसरे आरक्षक ने भी 1 दिन पहले ही पुलिस आरक्षक ने घर पर फांसी लगाई पुलिस और पुलिस की कार्यप्रणाली पर पुलिस कार्यप्रणाली से परेशान हो डिप्रेशन में जाकर कई पुलिस आरक्षक प्रधान आरक्षक सब इंस्पेक्टर आज तक फांसी लगाकर आत्महत्या कर चुके हैं। पर विभाग हमेशा आत्महत्या को दूसरा मोड़ देकर मृत्यु के कारण किसी और दिशा मे मोड़कर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ लेता हैं विभाग के कई बड़े अधिकारी इस सच्चाई से वाकिफ होते हुए भी अनजान बनने की कोशिश करते रहे हैं और मध्य प्रदेश पुलिस के कई आरक्षक अपने जीवन को समाप्त कर चुके हैं। जिसमे सबसे अधिक मध्य प्रदेश पुलिस ट्रेड आरक्षक है कई बार अखबारों में और मीडिया में देखने को मिलता हैं।
जनप्रतिनिधियों के माध्यम से भी पुलिस आरक्षक और ट्रेड आरक्षक के लिए संवेदनाएं दिखाई गई हैं पर उनके प्रति ना तो अधिकारियों में संवेदनाएं कोई वाजिब कदम उठाए गए हैं और न मध्यप्रदेश के गृह मंत्री व मुख्यमंत्री ने कोई संज्ञान लिया है। जबकि माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की खुशहाली और प्रदेश के नौजवान को खुश रखने के लिए आनंद विभाग का गठन भी कर चुके हैं पर यह मात्र कागज़ी प्रक्रिया में सिमट कर रह गया है।