आजादी की सच्ची गौरवगाथा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा – मंत्री श्री शाह
जबलपुर
जनजातीय कार्य विभाग, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग मंत्री श्री कुंवर विजय शाह ने आज गोंडवाना के अमर शहीद राजा शंकरशाह एवं कुंवर रघुनाथशाह के बलिदान दिवस पर रेल्वे स्टेशन के समीप स्थित उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने पूर्वज के योगदान को याद करने का दिन है। जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजो ने उनकी स्वतंत्रता गतिविधियों को देखते हुए आज ही के दिन 18 सितम्बर 1857 को एल्गिन हॉस्पिटल के सामने तोप के मुंह में बांधकर उड़ा दिए थे। स्वतंत्रता के लिए हजारो-हजार देश प्रेमियों ने अपने बलिदान दिए। उनकी गाथाओं को आने वाली पीढ़ी याद रखे इसके लिए अमर शहीदों की गाथा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा। देश की आजादी लिखने वालों ने अभी तक वास्तविक बलिदानियों की अनदेखी कर नइंसाफी की। लेकिन अब समय है कि आजादी की गौरवगाथा की सच्ची इतिहास लोगों के सामने आये। मंत्री श्री शाह ने कहा कि राजा शंकरशाह और रघुनाथशाह की फिल्म लोगों को दिखाई जाये। मकड़ई रानी दुर्गावती के 52 गढ़ों में से एक था और वे स्वंय को रानी दुर्गावती के वंशज मानते हैं। साथ ही कहा कि वह घटना बहुत ही हृदय विदारक था, जब राजा शंकरशाह व रघुनाथशाह को तोप के मुंह में बांधकर उड़ा दिया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसे वीर शहीदों के बलिदान दिवस को समाज एकजुट होकर मनायें। उन्होंने कहा कि गढ़ा में गोंडवाना साम्राज्य के स्मृतियों का विकास करेंगे तथा राजा शंकरशाह व रघुनाथशाह के संग्रहालय में 10 करोड़ की लागत से 500 सीटर वातानुकूलित ऑडोटोरियम भी बनाया जाये। मंत्री श्री शाह ने एल्गिन हॉस्पिटल के सामने पुराने डीएफओ ऑफिस में जहां राजा शंकरशाह व रघुनाथशाह को बंदी बनाया गया था, उस स्थल का भी निरीक्षण किया और वहां श्रद्धासुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर गढ़ा गोंडवाना संरक्षक श्री किशोरीलाल भलावी, पूर्व विधायक श्री नन्हेलाल धुर्वे, श्री नेमसिंह मरकाम, श्री गया धुर्वे, श्री राजेन्द्र चौधरी, कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक श्री आदित्य प्रताप सिंह, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग श्री एनएस रघुवंशी सहित प्रशासनिक अधिकारी व बड़ी तादात में जन समुदाय मौजूद रहा।