यह कैसा न्याय जहां एसडीएम एवं माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का नहीं किया जा रहा पालन
ये कैसा प्रशासन -????
एसडीएम बहोरीबंद संघमित्रा गौतम ने बहोरीबंद ग्राम पंचायत की 40 दुकानदारों के पेट में ऐसा लात मारा कि आज भी दुकानदार बेरोजगार रोड पर घूम रहे।
बहोरीबंद से मनोज गुप्ता की रिपोर्ट
मध्यप्रदेश के कटनी जिले के बहोरीबंद जनपद की एक ऐसी ग्राम पंचायत बहोरीबंद जहां के पूर्व सरपंच ने अपने कार्यकाल में लगभग सैकड़ों दुकानें बनाकर बेरोजगारों को रोज़गार प्रदान किया। वहीं ग्राम स्वराज का सपना पूरा करते हुए जनता की सरकार, जनता के द्वारा, जनता के लिए काम करते हुए आज स्वयं की आय से लगभग एक लाख रुपए की आय प्रतिमाह ग्राम पंचायत खाते में जमा होती है। इसकी भी पारदर्शिता रखते हुए ऐसे निः स्वार्थ पूर्व सरपंच जिसने किराय की राशि स्वयं न लेते हुए दुकानदारों को पंचायत खाता दे दिया जिसमें राशि जमा कराई जाने लगी।
यद्यपि नव निर्वाचित सरपंच प्रतिनिधि द्वारा ये व्यवस्था चौपट करते हुए स्वयं किराया वसूलना चालू किया गया है जिससे पर्याप्त जेब खर्च चल सके।
बात करते हैं प्रशासन की तो जहां जनपद में लगभग 30 साल में कई करोड़ रुपए डकार चुके ।अमोद तिवारी की जड़ें जम चुकी हैं। जो कांग्रेस का खुले दिल से दिन न रात माला जपते हैं। मोदी से लेकर शिवराज की मंजिल का भविस्यी फैसला जनपद से तय करते हैं।
बात करते हैं एक ऐसे अधिकारी की जो न्याय मूर्ति एसडीएम संघमित्रा गौतम हैं जिनके अपने कार्यकाल में महुतरा कांड फेमस हो गया।
इनकी प्रशासनिक छमता से बेरूबी कराते हैं जहां पंचायत चुनाव में इनके सामने सैकड़ों लोगों के ऊपर लाठी चार्ज, घर से निकालकर पिटाई, महिलाओं पर अत्याचार, खोफ तो इतना की घर छोड़ लोग ताला लगाकर निकल लिए। क्योंकि बात अधिकारी की सनक की थी। दर्जनों मुकदमा दर्ज किए गए।
फिर होता है बहोरीबंद ताला बंदी कांड-
कैसी सरकार, ये कैसा प्रशासन
जहां देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान रोज़गार की बड़ी बड़ी बातें मंच से करते दिखाई देते हैं वहीं उनके मातहत अधिकारी राजनैतिक संरक्षणो के कारण अपने पद की गरिमा को ही उसका अहम मान लेते हैं और बल पूर्वक स्थाई संचालित दुकानें जो पंचायत द्वारा दुकानदारी किराए में दी गई जिनका किराया प्रतिमाह पंचायत खाते में जमा होता है उसे 15 घंटे का नोटिस देकर जबरन पुलिस एवम् नए सरपंच के गुर्गों द्वारा सामान बाहर फिकवाया गया वहीं नए सरपंच के गुर्गों द्वारा दुकानदारों के ताले तुड़वा दिए गई। लूट पाट मची रही।
वो तो बच गया बहोरीबंद एक और महुतरा कांड होते होते।
व्यापारियों की सूझबूझ और समझदारी के कारण आज फिर एक बार होते होते बचा
बहोरीबंद के दुकानदार एसडीएम के कहने पर कलेक्टर कटनी के यहां न गए होते तो मैडम न जाने फिर इस दंगे में कितनो की बलि चढ़ा चुकीं होती।
मान उच्च न्यायालय से बढ़कर बहोरीबंद एसडीएम संघमित्रा गौतम
यह जानकर आपको हैरानी होगी की अगर मैडम जिद में आ जाएं तो क्या मिजाल। हुआ भी वही 7.08.2022 को सायं 06 बजे के बाद नोटिस मिला कि कल मतलब 8.08.2022 को 3 बजे तक दुकान खाली कर लो।
व्यापारियों ने मान उच्च न्यायालय की शरण ली। दोपहर 12.48 पर मामले की सुनवाई चालू हो गई। व्यापारियों के बताने पर की मामले कि सुनवाई चालू है फिर क्या एसडीएम ने आव देखा न ताव और ताबड़तोड़ ताला तोड़ना चालू । जहां मान उच्च न्यायालय जबलपुर ने स्थगन आदेश जारी कर दिया पर ताले तोड़ने डालने का दौर चलता रहा ।ऐसा चला की जिसकी मर्जी न्यू सरपंच प्रतिनिधि एवम् उसके गुर्गे ,जिसकी मिलीभगत से यह सब चल रहा था सबने ताला तोड़े। एवम् खुलेआम गुंडागर्दी।
व्यापारी अब आस लगाए बैठे हैं कि कब इनकी दुकानों का ताला खुलेगा कब फिर इनकी रोजी रोटी चालू होगी।
परन्तु यह निश्चित है सत्य परेशान हो सकता है। पराजित नहीं।।