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Friday, June 20, 2025

सीटू सहित ट्रेड यूनियनों ने जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन

एम्स के ठेके श्रमिकों के शोषण पर जिला प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग

रायपुर

एम्स अस्पताल में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को श्रम कानून के प्रावधान के तहत न्यूनतम वेतन, भविष्य निधि, मान्य अवकाश, ई एस आई, वेतन पर्ची जैसी न्यूनतम सुविधाओं से वंचित कर हाउस कीपिंग के सफाई कर्मचारी, हार्टिकल्चर, इलेक्ट्रिक डिविजन, गैस प्लांट, वार्ड ब्वाय, सुरक्षा गार्ड इत्यादि के कार्य करने वाले 1800 से अधिक कर्मचारियों पर ठेकेदारों के मनमाना शोषण, जब मर्जी तब बिना कारण छंटनी, वेतन कटौती और महिला कर्मचारियों के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार तथा इस अमानवीय शोषण पर रोक लगाने एवं पूरे मामले में एम्स प्रबंधन की उदासीनता पर कड़ा रोष व्यक्त करते हुए सीटू सहित विभिन्न ट्रेड यूनियन एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने जिलाधीश को ज्ञापन सौंपकर जिला प्रशासन से इस पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की ।
सीटू के राज्य सचिव धर्मराज महापात्र, छ ग तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी, एम्स यूनियन के अध्यक्ष मारुति डोंगरे, उपाध्यक्ष एस सी भट्टाचार्य, संयुक्त ट्रेड यूनियन कॉन्सिल के अध्यक्ष वी एस बघेल, आर डी आई ई यू के सहसचिव के के साहू, गजेंद्र पटेल, शिक्षक संघ के राजेश अवस्थी, तिलक यादव, देवेंद्र साहू, मुक्तेश्वर देवांगन ने कहा कि यह शर्म की बात है कि केंद्र सरकार के अधीन एक संस्थान में प्रबंधन और ठेकेदार, श्रमिकों के साथ यह अमानवीय व्यवहार कर रहे है और प्रबंधन मूकदर्शक है । नेताओ ने इस मामले में श्रम विभाग में एम्स प्रबंधन द्वारा अपनी कोई जिम्मेवारी से इंकार की भूमिका को भी आड़े हाथ लेते हुए इस पर कड़ा ऐतराज जताया।
सीटू नेता धर्मराज महापात्र ने कहा कि एक जिम्मेदार ट्रेड यूनियन होने के नाते सीटू ने कई दौर के पत्राचार के बाद भी उपेक्षा के बाद 27 जनवरी को प्रबंधन की उपेक्षा के खिलाफ बाध्य होकर केवल एक दिन की हड़ताल की ताकि आम जनता को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े, लेकिन उसके बाद महिलाओं सहित कर्मचारियों के साथ जिस तरह व्यवहार किया जा रहा है वह उकसावपूर्ण कार्यवाही है । एम्स में 22 कर्मचारियों को हटा दिया गया , महिला कर्मचारी के पति को बुलाकर धमकाया जा रहा है, उनसे कोरे कागज में हस्ताक्षर लेकर कोई आंदोलन करने पर हटा देने की धमकी दी जा रही है , । उन्होंने कहा कि शोषण के खिलाफ आवाज उठाना और संगठन बनाना मजदूरों का अधिकार है उस पर कोई अतिक्रमण नही कर सकता । सबसे शर्मनाक बात यह है कि करोना के समय इन्ही कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर न केवल लोगो की जान बचाई बल्कि इसके लिए उन्हें अभिनंदित किया गया था , आज जब वे अपने अधिकार के लिए आवाज उठा रहे हैं तब इन करोना वरियार्स को प्रताड़ना दी जा रही है और एम्स में आउटसोर्स कंपनी राजकोट के एम जे सोलंकी द्वारा खुलेआम प्रदेश के श्रमिकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता । उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इसका समाधान नहीं हुआ तो बाध्य होकर श्रमिकों को अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी जवावदारी प्रशासन की होगी । उन्होंने जिला प्रशासन से इस पर सार्थक हस्तक्षेप करने की अपील की ।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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