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Thursday, September 18, 2025

तीन अरब मासिक खर्च सिर्फ और सिर्फ पुलिस अधिकारियों की सुविधाओं के लिए

मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियो के द्वारा मध्यप्रदेश सरकार को अरबों रुपए का राजस्व का लगाया जा रहा चूना

भोपाल 

5000 ट्रेड आरक्षक का शोषण करते हुए
मध्य प्रदेश पुलिस के आईपीएस ऑफिसर ,राज्य पुलिस सेवा के अफसरों की चाकरी में पुलिस विभाग सरकार को अरबों करोड़ों रुपयों की लगा रहा चपत,
मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों के बंगले पर लगे हुए कर्मचारी ट्रेड आरक्षक जिनकी संख्या 15 से प्रारंभ होकर 45–50 तक है जो कि मध्य प्रदेश सरकार से आरक्षक ट्रेड से लेकर एएसआई स्तर तक के है
कर्मचारी बंगलो पर अधिकारियो के यहां छोटे–छोटे काम कर रहे हैं
जिससे मध्य प्रदेश पुलिस को कई अरबों करोड़ों लाखो रुपया की राजस्व हानि हो रही है जबकि यही काम अगर आउटसोर्स कंपनी, कलेक्ट्रेटरेट, या संविदा, कर्मचारीयो से कराया जाए तो काफी कम खर्चे में यह काम हो सकता है और 5500 एमपी के बेरोजगार लोगों को रोजगार भी मिल सकता है आपको बता दें कि आज एमपी में 5500
आरक्षक ट्रेड पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। जिसमें से आरक्षक ट्रेड से लेकर (ASI) एएसआई स्तर के अधिकारी हैं जोकि 25000 से लेकर 75000 तक का मासिक वेतन प्राप्त करते हैं अब आपको सीधे आंकड़ों से अवगत कराते हैं जिससे आपको पता चलेगा कि कैसे सरकार के आईपीएस ऑफिसर ही सरकार को लगा रहे हैं करोड़ों का चूना जबकि सरकार हमेशा प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देकर राज्य शासन के कई कर्मचारियों के वेतन भत्ते आदि की बढ़ोतरी में देर करती है मध्य प्रदेश पुलिस मान लो कि 5500 आरक्षक ट्रेडमेन से एएसआई तक वेतन का एवरेज ₹45000 होगा तो फिर mp सरकार को केसे करोड़ो रूपए का भुगतान इन ट्रेडमैने आरक्षक से एएसआई ट्रेडमेन पर खर्च कर रही है क्योंकि कि मध्य प्रदेश पुलिस में आरक्षक ट्रेडमेन से लेकर इंस्पेक्टर जीडी को 13 माह का वेतन प्रदाय किया जाता है तो
45000*5500
=24,75,00000/–(24 करोड़ 75 लाख रुपए महीना ) एक माह में खर्च होने वाला रुपय।
चुकी मध्य प्रदेश पुलिस में ट्रेड आरक्षक से इंस्पेक्टर जीडी तक 13 माह का वेतन प्राप्त करते हैं 247500000*13=
3217500000/– ( 3 अरब 21 करोड 75 लाख रुपए )
एक वर्ष में होने वाला खर्च,
क्योंकि जो काम मध्य प्रदेश पुलिस के ट्रेड आरक्षक कर रहे हैं वह कोई भी आउटसोर्स,संविदा, या कलेक्टर रेट, पर कर्मचारीयो से ₹9000 रुपए महीना कलेक्ट्रेट एक व्यक्ति के लागत पर करवाया जा सकता है जिसमें होने वाला खर्च लगभग 3 गुना कम होगा 9000*5500= 49500000 (चार करोड पिंच्यांवे लाख रुपए एक महीना)
49500000*12=
594000000 (उनसठ करोड़ चालीस लाख रुपय वार्षिक) 1 वर्ष में होने वाला खर्च
3217500000 (ट्रेड आरक्षक)
594000000 (क्लेक्टररेट)
2623500000 (2 अरब 62 करोड़ 35 लाख रुपए सालाना बचत ) आप ही समझिए मध्य प्रदेश पुलिस अपने अफसर और उनकी चकरी में कितना पैसा खर्च कर रहे है सिर्फ उनके ऐश आराम और उनके घर पर कर्मचारी उपलब्ध कराने में ही अरबों रुपए का खर्च हो रहा है जबकि यह काम काफी कम रूपयो में हो सकता है और मध्य प्रदेश पुलिस में सीधे-सीधे 5500 कर्मचारियों बल एक साथ कानूनी व्यवस्था ट्रैफिक ट्रैफिक व्यवस्था वीआईपी ड्यूटी विशेष सशस्त्र बल एटीएस हाथ फोर्स व अन्य जगह उस वर्ग का उपयोग मध्य प्रदेश की जनता के भले हेतु किया जा सकता है बढ़ सकता है एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार कर्मचारियों के वेतन भक्तों को लेकर हमेशा बजट का रोना रोती है और एक तरफ अरबों करोड़ों रुपए आईपीएस अधिकारियों के आन बान और शान में उड़ाए जा रहे हैं क्या यह मध्यप्रदेश की भोली जनता के टैक्स के और अन्य कर के मध्यम से दिए गए पैसे का दुरुपयोग नहीं है वाह मध्य प्रदेश सरकार जानता को करोड़ो रुपए ऐसे बर्बाद करते हुआ मामा शिवराज सिंह को शर्म आना चाहिए।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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