शासन प्रशासन के तमाम दावों की खुलीं पोल
मझौली जबलपुर
जबलपुर जिले में हुई बेमौसम बारिश ने किसानों के साथ-साथ शासन की भी लाखों क्विंटल धान हुई पानी पानी,
आसमान से बरस रहा कहर, खरीदी केंद्रों में तबाही का मंजर, झमाझम बरसात ने कई केंद्रों को किया जलमग्न, किसानों के साथ-साथ शासन की भी लाखों क्विंटल धान हुई पानी पानी,
क्या मौसम अभी और दिखाएगा बेरुखी
महीनों की कड़ी मशक्कत और तपस्या के बाद मौसम की मार झेलते हुए किसान ने जो फसल तैयार की आज वह मेहनत प्रकृति के कहर की भेंट चढ़ गई।
शुक्रवार देर शाम से जिले में लगातार जारी बरसात के कारण खरीदी केंद्रों में पड़ी किसानों एवं शासन की धान पानी की भेंट चढ़ गई। जिले के सभी तहसीलों से सामने आ रही तस्वीरें बयां करती है कि आसमानी आफत ने किस तरह तबाही मचाई है। लगातार बारिश के कारण कई केंद्र तालाब जैसे प्रतीत होने लगे हैं। कहीं पर किसान की खुली पड़ी धान पूरी भीगी दिख रही है तो कहीं शासन की खरीदी हुई बोरे में रखी धान पानी से तरबतर नजर आ रही है।
आसमान से बरस रही तबाही अभी दो दिन तक और जारी रहने का अंदेशा मौसम विभाग जता रहा है।
यदि इसी तरह प्रकृति का कहर बरसता रहा और केंद्रों में उचित व्यवस्था नहीं की गई तो फिर अन्नदाता की कमर टूटना तय
जलमग्न हुए केंद्र
सूत्रों के मुताबिक सिहोरा, पाटन, मझौली, सहित जिले भर में मौजूद दो दर्जन से अधिक केंद्र ऐसे हैं जहां पर लगातार हो रही बारिश के कारण भारी अव्यवस्था उत्पन्न हो गई ।
केंद्र प्रभारियों द्वारा बरसात से बचने के लिए उचित व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण लाखों क्विंटल धान पानी पानी हो चुकी।
अधिकतर केंद्रों में शेड की व्यवस्था नहीं है और जमीन पर धान की छल्लियाँ लगी हुई है। कई जगह पर लगातार बारिश के कारण दलदल जैसी स्थिति बनी हुई है
अन्नदाता ने अपनी तरफ से धान की सुरक्षा के जो संभव हो सकते थे वह इंतजाम किए
केंद्रों के तरफ से कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई
किसानों की उपज की तुलाई अभी होना बाकी थी। खुले में धान का ढेर लगा होने के कारण पूरी की पूरी फसल पानी से तरबतर हो गई। अपनी पीड़ा बताते हुए किसानों का गला भर आया और डबडबाती आंखों से वह अपनी बर्बाद होती फसल को एक टक निहारत रहे।