करही कोठार पंचायत में 3 महीने से खाद्यान्न वितरण नहीं होने से उक्त मामले को लेकर काफी संख्या में महिलाएं पहुंची कलेक्ट्रेट।
मामला करही कोठार में खाद्यान्न वितरण का
सतना – समाज में समानता लाने के लिए ही हमारे राजनैतिक पुरोधाओं ने लोकतंत्र में राजनीतिक आरक्षण की व्यवस्था की थी ।
उनका उद्देश्य ही था कि समाज के हर वर्ग के लोग सत्ता में भागीदारी कर समाज हित में काम करें।
लेकिन आज सतना जिले में सामाजिक स्तर पर स्पष्ट रूप से भेदभाव हो रहा है ।
जिसका उदाहरण सोहावल जनपद के करही कोठार गांव में देखने को मिलता है ।
यहां की जनता ने दलित के लिए आरक्षित सीट पर कमलादेवी चौधरी को निर्वाचित किया ।
लेकिन निर्वाचन के बाद उक्त महिला सरपंच का हर तरफ से उत्पीड़न हो रहा है ।
सचिव महिला हैं, लेकिन काम उनके पति देखते हैं ।
इसी तरह गांव के कोटेदार किसी भगवान से कम नहीं है पूरे जिले में कई ऐसे गांव हैं जहां खाद्यान्न का वितरण नहीं हो रहा है।
उसमें से करही कोठार एक है ।
यहां के कोटेदार दलितों का अपमान करते हैं और कभी भी समय पर उन्हें राशन नहीं देते हैं।
यही कारण है कि गांव में आक्रोश फैल रहा है ,वही भेदभाव भी पैदा हो रहा है।
इसी से क्षुब्ध होकर आज ग्राम वासियों ने जिसमें महिला पुरुष एवं सभी वर्ग के लोग शामिल थे।
गांव में ही अनशन व प्रदर्शन किया बताया जाता है कि इसके बाद ग्राम वासियों ने कलेक्टर से मिलने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं समाचार लिखे जाने तक कोटेदार बार-बार धमकी दे रहा है हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।