मुख्य न्यायाधीश के बंगले से मंदिर हटाने के संबंध में झूठे आरोपों को रजिस्ट्रार जनरल ने बताया असत्य, भ्रामक और निराधार
जबलपुर
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल श्री धरमिंदर सिंह ने मुख्य न्यायाधीश के बंगले से मंदिर (भगवान हनुमान मंदिर) हटाने की प्रसारित रिपोर्ट को पूरी तरह से झूठी, भ्रामक और निराधार बताया हैं। रजिस्ट्रार जनरल ने कहा है कि मीडिया के कुछ वर्गों में प्रसारित की जा रही इस तरह की खबर मनगढ़ंत हैं तथा जनता को गुमराह करने और न्यायिक प्रणाली की अखंडता को बदनाम करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास प्रतीत होता है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल श्री सिंह ने स्पष्ट किया है कि मुख्य न्यायाधीश के निवास पर कभी कोई मंदिर रहा ही नहीं है और इसकी पुष्टि लोक निर्माण विभाग ने भी की है कि माननीय मुख्य न्यायाधीश के निवास पर कभी कोई मंदिर मौजूद नहीं रहा है। उन्होंने ऐसी निराधार खबरों के प्रसारण को न्याय प्रशासन में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप बताते हुए कहा है कि इसे अवमाननापूर्ण माना जा सकता है।
रजिस्ट्रार जनरल ने कहा कि न्यायपालिका के बारे में गलत बयानबाजी करने के प्रयास न केवल कानून के शासन को कमजोर करते हैं, बल्कि न्यायिक स्वतंत्रता की पवित्रता के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय इन निराधार आरोपों की स्पष्ट रूप से निंदा करता है और दृढ़ता से कहता है कि मंदिर विध्वंस की ये रिपोर्ट पूरी तरह से असत्य हैं एवं न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को बदनाम करने के अलावा किसी अन्य उद्देश्य की पूर्ति नहीं करती हैं, जो निष्पक्षता और निष्पक्षता के साथ न्याय को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। रजिस्ट्रार जनरल श्री सिंह ने मीडिया संगठनों और आम जनता से आग्रह किया हैं कि वे ऐसी अपमानजनक और असत्यापित जानकारी फैलाने से बचें, क्योंकि ऐसा करना जनता के विश्वास और न्यायिक गरिमा के लिए हानिकारक है।