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Friday, June 20, 2025

धरती माता के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए पूरे विश्व को साथ आना होगा – राज्यपाल श्री गहलोत

कर्नाटक राज्यपाल श्री गहलोत के मुख्य आतिथ्य में कृषि विश्वविद्यालय में ‘‘वन हेल्थ वन वर्ल्ड” संगोष्ठी का शुभारंभ 

ग्वालियर

कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि जिस धरती को आदिकाल से हम माता मानकर पूजते आये हैं आज उसका स्वास्थ्य खराब है, जिसका सीधा असर मानव सहित समस्त जीव जगत पर पड़ रहा है। फलत: अनेक भयावह समस्याएं व बीमारियां बढ़ रही है। मृदा स्वास्थ्य में सुधार लाकर अपने प्राकृतिक आवास के पारिस्थितिकीय तंत्र को सुधारने के लिए पूरी दुनिया को साथ आना होगा। इसके लिए विश्व में हो रहे नवाचारों का अध्ययन कर उपयोग करना चाहिए। श्री गहलोत गुरूवार को यहाँ राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में ‘‘वन हेल्थ वन वर्ल्ड’’ संकल्पना पर आधारित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री गहलोत ने कहा कि वैदिक काल से मृदा उर्वरता बढ़ाने के लिए पेड़-पौधों की पत्ती एवं गोबर की खाद के साथ-साथ फसल अवशेष के प्रयोग के प्रमाण मिलते हैं। फसल उत्पाद एवं भोजन की गुणवत्ता निश्चित रूप से मिट्टी के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुणों अर्थात मृदा स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाई जा रही सॉइल हेल्थ कार्ड योजना की चर्चा करते हुए कहा कि इससे आज 28 करोड़ कृषि परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। बढ़ती जनसंख्या के भरण पोषण के लिये अधिक उत्पादन की होड में आवश्यकता से अधिक उर्वरकों व कीटनाशकों के प्रयोग से प्राकृतिक संसाधनों दूषित हो रहे हैं और मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड रहा है। कैंसर जैसे खतरनाक रोग दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, जो हमारे लिये चिंता का विषय है।

राज्यपाल श्री गहलोत ने इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक डॉ. बी.आर. कम्बौज, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. अंकिता साहू, मधुमक्खी पालक श्री मधुकेशवर हेंगडे व कृषक श्री युवराज सिंह एवं कुलदीप शर्मा को कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय किसान संघ, नई दिल्ली श्री मोहिनी मोहन मिश्रा ने कहा कि कोरोना काल में जब प्रत्येक व्यक्ति महामारी के भय से अपने घरों में बैठा था तब भी हमारा किसान हम सबके पोषण के लिए खेती कर रहा था। देश की अर्थनीति व समाजनीति किसान पर ही निर्भर है। खेती से उपादान मिट्टी, पानी, बीज, सूर्य का प्रकाश, प्रकृति और किसान सभी हैं। हाल के अतीत में केवल अच्छे बीज के नाम पर हमने अत्यधिक एकरूपता लाकर कई परेशानी खड़ी कर ली है। उसके समाधान के लिए हमें इन सभी तत्वों को जोड़कर काम करना होगा। आवश्यकता है हमें पोषक तत्वों से भरपूर भोजन, सही कीमत पर प्राप्त हो।

विशिष्ट अतिथि सदस्य, कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल, नई दिल्ली डॉ. ब्रह्म स्वरूप द्विवेदी ने कहा कि जब तक हम समस्याओं को अलग-अलग करके सुलझाने का प्रयास करेंगे तब तक इसका हल संभव नहीं है, क्योंकि मृदा स्वास्थय का प्रभाव पेड़-पौधों, जीव-जन्तु के साथ मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर भी पड़ता है। इसी से ‘‘वन हेल्थ वन वर्ल्ड‘‘ के महत्व पर आज पूरा विश्व चिंतन करने लगा है।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति डॉ. बी.एस. कम्बोज ने कहा कि पूरा विश्व एक परिवार है, हम सभी को एक दूसरे के कामों में सहयोग करना चाहिए। मिट्टी में जिंक आयरन आदि सूक्ष्म पोषक तत्व कम होते जा रहे है। ऑर्गेनिक कार्बन के बिना मिट्टी मात्र धूल है इसकी मात्रा में गत कुछ ही वर्षों में बहुत अधिक कमी आई है। इसके दुष्परिणामों की चिंता हमें करनी होगी।

कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के कुलपति प्रो. अरविन्द कुमार शुक्ला ने कहा कि पोषण युक्त भोजन के लिये हमें अपने खेती के तरीकों में बदलाव लाने की आवश्यकता है। अधिक उत्पादन के लिये हम मृदा का अत्यधिक दोहन कर रहे है जिसके फलस्वरूप मिट्टी के पोषक तत्वों में कमी आयी है। यह कमी पौधों में भी दिखाई पड़ती है, परिणाम स्वरूप जो भी पौध उत्पाद तैयार होते है जिन्हें मनुष्य व जानवर भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं उनके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं कृषि से सभी संबद्ध संस्थाओं व वैज्ञानिकों को मिलकर कार्य करना होगा।

प्रारंभ में राज्यपाल महोदय द्वारा श्री अन्न भराव तथा जल भराव पूजन किया गया। तथा संगोष्ठी पर आधारित एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा अन्य संस्थाओं द्वारा लगायी गयी आकर्षक प्रदर्शनी तथा देश के विभिन्न स्थानों पर आधारित मृदा मानचित्रों का राज्यपाल जी द्वारा उद्घाटन कर रूचिपूर्वक अवलोकन किया गया। मधु हेगडे का शहद एवं मानव स्वास्थ्य विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण निदेशक विस्तार सेवायें एवं नाहेप परियोजना प्रभारी डॉ. वाय.पी. सिंह तथा अंत में आभार प्रदर्शन अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ. मृदुला बिल्लौरे द्वारा किया गया। कार्यक्रम में एम्स, भोपाल, आयुर्वेद महाविद्यालय, भोपाल, नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, जबलपुर सहित 27 विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर कुलपति डॉ. अविनाश तिवारी, राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर के कुलपति प्रो. साहित्य कुमार नाहर, कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान सेवायें, डॉ. संजय शर्मा, कुलसचिव श्री अनिल सक्सेना, विश्वविद्यालय के अधिष्ठातागण, जिले के प्रशासनिक अधिकारी, वैज्ञानिक, प्राध्यापक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी आदि मौजूद रहे।

उदघाटन सत्र के बाद विभिन्न वैज्ञानिक सत्रों मेंमानवता के लिए मृदा, पशु, मानव एवं मृदा स्वास्थ्य पारस्परिकता विषयों पर वैज्ञानिकों के द्वारा अपने शोध पत्रों का वाचन किया गया। संगोष्ठी के दूसरे दिन वैज्ञानिक सत्रों का आयोजन किया जायेगा तथा इसका समापन कार्यक्रम दोपहर दो बजे से आयोजित होगा।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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