सब इंस्पेक्टर नेहा ठाकुर ने किया है मजलूम महिला को, घर से बेदखल
सतना
आज दिनांक मझगवां थाना से ऐसा वाकया सामने आया है कि जिस में कानून के रखवालों पर ही सवाल खड़े कर दिए । देसी में कहावत है “जब सैंया भए कोतवाल, तो डर काहे” का ।
क्या है मामला- मझगवां थाने से
मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गरीब मजलूम महिला को घर से इसलिए महिला व सामान सहित घर से बाहर फेंक दिया गया क्योंकि गरीब एवं लाचार थी। जब हमारे मझगवां संवादाता ने उस पीड़ित महिला से जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि उसने यह जमीन महतैन निवासी रामनरेश नामदेव से ली है 8 सालों से निवास कर रही हुॅ। उसी से लगा हुआ रामनरेश नामदेव का एक और प्लाट था जिसे बाबूलाल यादव ने 2017 में खरीदा था। जबकि रामनरेश नामदेव मेरे द्वारा इसी जमीन का पूरा पैसा बातौर लिखित लेकर यह जमीन मुझे सौंप चुका था। जिसके कारण मेरे द्वारा जमीन पर मकान का निर्माण करा लिया गया जब निर्माण कार्य हो रहा था तब रामनरेश नामदेव के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं दर्ज कराई गई लेकिन मकान बन जाने के बाद उसने इसी जमीन का कुछ भाग बाबूलाल यादव को विक्रय कर दिया। आज दिनांक को मेरे उसी मकान पर रामराज यादव निवासी ग्राम छेरिया थाना मारकुंडी उत्तर प्रदेश अपने गुर्गों के साथ आकर सब इंस्पेक्टर नेहा ठाकुर एवं एक सिपाही की मौजूदगी में मुझे अकेली महिला का मेरे घर की गृहस्ती का सारा सामान धक्का-मुक्की मारपीट करते हुए बाहर फेंक दिया गया। लेकिन मझगवां थाना की पुलिस तमाशबीन बनी सब देखती रही मेरे मकान के लोहे की खिड़कियों को तोड़ दिया गया। पुलिस का ऐसा बदला हुआ रूप देखकर पता चला कि यह सारा खेल थाना प्रभारी के इशारे पर चल रहा है क्योंकि रामराज यादव पहले ही थाने में इस बात की सुपारी देकर आया था कि उस महिला को आज घर से बेदखल करना है। एग्रीमेंट के आधार पर मझगवां थाना की सब इंस्पेक्टर नेहा ठाकुर ने भी घर खाली कराने में काफी सहयोग प्रदान किया। मजलूम महिला ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की जिसमें सतना न्याय प्रिय पुलिस अधीक्षक ने मामले को संज्ञान में लेते हुए थाना प्रभारी को कड़े शब्दों में है आदेश दिया कि जब तक न्यायालय से इस केस का फैसला नहीं आ जाता तब तक आप तुरंत जाकर उस मकान का कब्जा अपने सुपुर्द में ले लीजिए। सतना एसपी की बात सुनते ही थाना प्रभारी ने उसी सब इंस्पेक्टर नेहा ठाकुर एवं सिपाही को तुरंत घटनास्थल पर जाकर मकान को कब्जे में देने के लिए भेजा सब इंस्पेक्टर नेहा ठाकुर ने जाकर वहां पर मौजूद कब्जे धारियों को वहां से अलग करके मामले में न्यायिक जांच तक अपना पल्ला झाड़ते नजर आई। लेकिन सवाल यह उठता है कि सब इंस्पेक्टर नेहा ठाकुर किस आदेश के तहत एक मजलूम महिला का मकान खाली कराने के लिए वहां पर पहुंची। आमतौर पर देखा जाता है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी कई जगहों के अतिक्रमण हटाने में पुलिसिंग के पसीने छूट जाते हैं लेकिन फिर यह गैर कानूनी घटना को अंजाम देने के लिए कितने रुपयों की सुपारी ली गई थी।
“सबका तो लगता है बस यही सपना
राम राम जपना पराया माल अपना”