फर्जी दस्तावेजों से लाभ लेने का आरोप, शिकायत
भोपाल
परिवार के सभी सदस्य पिछड़ा वर्ग में होने का दावा करते हैं। इसी के मुताबिक उनके दस्तावेज भी मौजूद हैं। जिस परिवार में उसकी शादी हुई, वह भी पिछड़ा वर्ग से ही संबद्ध है। लेकिन सरकारी नौकरी और उससे मिलने वाले विशेष फायदों के लिए उसने खुद को अनुसूचित जाति का करार दे दिया। कूटरचना करके इसके मुताबिक सरकारी दस्तावेज भी उसने तैयार कर लिए हैं। सरकारी नौकरी में रहते हुए अकूत संपत्ति बनाने का आरोप भी इस व्यक्ति पर लगाए गए हैं। मामले पर गंभीर जांच की मांग करते हुए इसके खिलाफ शिकायती आवेदन विभिन्न कार्यालयों को भेजे गए हैं।
मामला राजधानी भोपाल में 23वीं बटालियन विशेष सशस्त्र बल में पदस्थ एक आरक्षक से जुड़ा है। शिकायतकर्ता चंचल भारतीय ने आरोप लगाते हुए कहा है कि आरक्षक राजेन्द्र पिता पंढरीनाथ ने मिथ्या आधारों पर गोंड जाति के तहत अनुसूचित जनजाति वर्ग का प्रमाण पत्र बनवा लिया है। जिसके आधार पर वह सरकारी नौकरी भी कर रहे हैं और अवैध तरीकों से करोड़ों रुपए की कमाई भी कर रहे हैं।
शिकायत के यह आधार
राजेन्द्र के पिता पंढरीनाथ (कुमरावत) चौरसिया तंबोली समाज पिछड़ी जाति से होकर मूलतः पैतृक गांव निवासी टांडा बरुड जिला खरगोन में पंढरीनाथ पिता लक्ष्मण कुमरावत के सगे भाई जगदीश, रामेश्वर, बद्री सेठ, यशवंत, कृष्णा, भगवान कुमरावत रहते हैं। बहन रुक्मणि पति भागीरथ कुमरावत टांडा बरुड जिला खरगोन, राधा पति नारायण कुमरावत खरगोन, शांता पति छोटेलाल भारतीय निवासी कन्नौद जिला देवास, सभी की जाति तंबोली पिछड़ा वर्ग से है।
राजेंद्र का विवाह श्वेता चौरसिया तंबोली समाज में हुआ जो (पिछड़ा वर्ग) में आते हैं। राजेंद्र का ससुराल जबलपुर के गोटेगांव एवं श्वेता का मामा परिवार पंजाब नेशनल बैंक कॉलोनी जबलपुर में रहते हैं। राजेंद्र के साडू भाई का नाम असीम चौरसिया है, वह भी पिछड़ा वर्ग में आते हैं। जबलपुर में कृषि विभाग में नौकरी करते हैं। पूरा परिवार पिछड़ा वर्ग में है।
आरोप यह भी
चंचल भारतीय ने विभिन्न अधिकारियों को भेजी शिकायत में कहा है कि राजेंद्र ने मिथ्या आधारों पर जाति गोंड प्रमाण पत्र के साथ गलत आधार पर बंदूक का लाइसेंस भी बनवा रखा है।
राजेंद्र का डिफेंस डॉग ट्रेनिंग सेंटर एवं फूड सप्लाई सेंटर के नाम से भोपाल नीलबड़ क्षेत्र पूजा कॉलोनी ब्रम्हाकुमारी सुख शांति सेंटर के सामने डिफेंस डॉग ट्रेनिंग एवं फूड सप्लाई सेंटर है। जो 6000 स्क्वायर फीट में बंगलानुमा बना हुआ है। राजेंद्र की पत्नी श्वेता के नाम प्रॉपर्टी है। श्वेता सिर्फ ग्रहणी महिला है।