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Friday, June 20, 2025

मध्यप्रदेश राज्य में माझी जनजाति समुदाय के साथ अन्याय का कुचक्र

भाजपा कीर को जनजाति की सूची से अलग करने के बाद माझी के खिलाफ क्यों – ?

उमाशंकर रैकवार इंदौर

मध्यप्रदेश शासन द्वारा 1990 में रचा गया जब भारतीय जनता पार्टी का शासन मध्यप्रदेश में था तब कीर जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची से विलोपित करने की कार्यवाही की गई और वह संचेतीका बना करके केंद्र सरकार को भेजी गई । वर्ष 2003 में जब केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी माननीय प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के कार्यकाल में कीर जनजाति जो मध्यप्रदेश राज्य के भोपाल सीहोर रायसेन जिले में अनुसूचित जनजाति की सूची में मान्य थी । उस जाति को जनजाति की सूची से हटा दिया गया यह है भारतीय जनता पार्टी की आरक्षण विरोधी नीति का प्रमाण है, इसी तरह माझी जनजाति को भी अनुसूचित जनजाति की सूची से विलोपित करने की कार्यवाही 1990 में रची गई थी परंतु समस्या यह थी कि 1990 में भारतीय जनता पार्टी द्वारा मध्यप्रदेश माझी मोर्चा जो भारतीय जनता पार्टी का एक प्रकोष्ठ था उसका गठन करवाया गया और 1990 में जब विधानसभा के निर्वाचन हुए तो पनागर अनुसूचित जनजाति की सीट से श्री मोती कश्यप जी विधायक बने थे । मध्यप्रदेश राज्य में माझी मछुआ समुदाय का वोट बैंक काफी तादाद में था और आने वाले विधानसभा चुनाव में उनका लाभ लेना था इसलिए केवल कीर जनजाति को विलोपित करने की कार्यवाही करवाई गई 1991 मध्यप्रदेश की विधानसभा में विधायक मोती कश्यप जी द्वारा एक प्रस्ताव रखा गया था उसको मुख्यमंत्री जी ने नकार दिया था मोती कश्यप जी ने हमसे कहा भैया समाज को लेकर के भोपाल में आंदोलन करो मैं अंदर लड़ लूंगा, इंदौर के माझी आदिवासी समाज पंचायत द्वारा रोशनपुरा चौराहे पर आंदोलन किया गया उस समय भोपाल के केवल एक व्यक्ति श्रीमान छोटेलाल जी रायकवार द्वारा सहयोग प्रदान किया बाकी लोग मुंह देखते रह गये , क्योंकि तब के लोग कीर समाज की बात करते थे माझी का विरोध करते थे आज वही लोग माझी जाति के मध्यप्रदेश के नेता बने हुए हैं । उस आंदोलन का असर यह हुआ के मोती कश्यप जी को मुख्यमंत्री जी ने आश्वासन दिया कि तुम बड़ा गैदरिंग करो मैं घोषणा करूंगा तो मध्यप्रदेश माझी आदिवासी महासंघ द्वारा 14 जून 1992 को जबलपुर शहर में प्रदेश भर के 300000 माझी जनजाति समुदाय के गरीब बेसहारा समाज बंधु एकत्रित हुए जब छत्तीसगढ़ भी मध्यप्रदेश राज्य में था 14 जून 1992 को मध्य प्रदेश राज्य के मुखिया श्री सुंदर लाल जी पटवा जबलपुर के सांसद बाबूरावजी परांजपे, मध्य प्रदेश शासन के मंत्री शीतला सहाय, नारायण कृष्ण शेजवलकर,बाबूलाल गौर,ओंकार तिवारी और अनेक विधायक जिसमें सुश्री उमा भारती जी और हमारे समाज का एकमात्र विधायक भाई मोती कश्यप जी भी उपस्थित थे परंतु हमारे माझी मछुआ समुदाय को बेवकूफ बनाया गया झूठे आश्वासन दिए गए उस समय के समाचार पत्र आज भी हमारे पास में है समाज को कुछ नहीं मिला केवल आश्वासन मिला और 29 अगस्त 1992 को जो आदेश जारी हुआ उसमें केवल माझी शब्द को पिछड़ा वर्ग की सूची से विलोपित किया गया समाज के लोगों के पास में आदेश की कॉपी है जबलपुर के लोगों से पूछो कि 14 जून 1992 को मुख्यमंत्री जी ने क्या घोषणा की थी कौन सा आदेश जारी करके आए थे । यह समाज भारतीय जनता पार्टी से लगा हुआ समाज है थका हुआ समाज है फिर भी आंख मूंद के वोट देता है क्योंकि मांझी मछुआ समुदाय जिसकी जाति माझी है जिसका धर्म आदिवासी है वह अपने आप को अपना धर्म हिंदू लिखवाता है इसलिए उसको आदिवासी का अधिकार नहीं दिया जा रहा है । यह है भारतीय जनता पार्टी की दोहरी नीति इसको समझो । यदि माझी मछुआ समुदाय अपने आप को हिंदू धर्म का मानेगा तो उसे आदिवासी का अधिकार जनजाति का अधिकार नहीं दिया जाएगा आप सभी को विदित हो अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करना होगा और जयस के साथ हीरालाल जी अलावा विधायक के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस समाज की लड़ाई को लड़ो आदिवासी संगठन हमारे साथ में है .

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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