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Jabalpur
Friday, October 31, 2025

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने राज्य सरकार के जल गंगा संवर्धन अभियान में प्रदेश के सभी नगरीय निकायों की जल संरचनाओं के संरक्षण और जोर्णोद्धार की पहल जनभागीदारी से की थी।

अच्छे परिणाम भी सामने आये हैं। आज नगरीय निकायों के नागरिकों विशेषकर युवाओं ने जल संरचनाओं के संरक्षण का संकल्प लिया है।

भोपाल

देपालपुर की सूरजकुंड बावड़ी

इंदौर जिले के देपालपुर में मंगलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में स्थित ऐतिहासिक सूरजकुंड बावड़ी अब एक बार फिर अपने प्राचीन स्वरूप में लौट आई है। यह बावड़ी ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। स्थानीय मान्यता के अनुसार इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में परमार वंश के शासन काल के दौरान किया गया था। इसके बाद लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर सूरजकुंड बावड़ी का पुननिर्माण कराया, जिससे यह बावड़ी नगर वासियों के लिये स्वच्छ जल का प्रमुख स्त्रोत बन गई। समय के साथ इस ऐतिहासिक बावड़ी की देख-रेख में कमी आयी और यह बावड़ी सूखने की कगार पर पहुंच गई। बावड़ी की उपेक्षा के कारण इसकी सीढ़ियां और मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गये।

अमृत 2.0 में हुआ कार्य

नगरीय विकास की अमृत 2.0 योजना में ऐतिहासिक बावड़ी के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया गया। ग्रामीण वासियों के उत्साह ने भी इस कार्य को गति दी। अब यह जल संरचना केवल देपालपुर के लिये ही नहीं बल्कि प्रदेशभर के लिये प्रेरणा स्त्रोत बनकर उभरी है। जल संरक्षण का उद्देश्य पानी के साथ पर्यावरणीय स्थिरता, जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय पारिस्थितिकि तंत्र के सुदृढ़ीकरण का भी है। बावड़ी के संरक्षण से जल गुणवत्ता एवं मात्रा में सुधार, क्षतिग्रस्त सीढ़ियों एवं मार्गों का पुनर्निमाण, प्लास्टिक एवं ठोस अपशिष्ट की सफाई, हरियाली एवं लैंडस्केपिंग कार्य के साथ स्थानीय समुदाय की सहभागिता और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा की गई है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी जल संरक्षण के क्षेत्र में जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार पर जोर दिया है।

स्थानीय समुदाय की भागीदारी एवं संकल्प

सूरजकुंड बावड़ी के संरक्षण में स्थानीय नागरिकों और युवाओं ने संकल्प के साथ काम किया है। उनका कहना है कि हम सब ऐतिहासिक बावड़ी को अब कभी गंदा नहीं होने देंगे। यह हमारी ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे हमारे बुजुर्गों ने देखा और संजोया है, हम सब चाहते हैं कि हमारी आने वाली पीढ़ियां भी ऐतिहासिक बावड़ी पर गर्व करें।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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