कुलाधिपति श्री पटेल ने मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का नाम शल्य चिकित्सा के जनक महर्षि सुश्रुत के नाम पर रखने की घोषणा
जबलपुर
राज्यपाल व कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में आज मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह नेताजी सुभाषचंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केन्द्र में आयोजित किया गया। इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का नाम शल्य चिकित्सा के जनक महर्षि सुश्रुत के नाम पर रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह का दिन विद्यार्थियों के लिए संस्थान में उनकी शिक्षा पूरी हो जाने के बाद जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करने वाला मील का पत्थर होता है। मेडिकल शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जो विद्यार्थियों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाता है और उन्हें समाज के लिए कुछ करने का अवसर प्रदान करता है। चिकित्सकों का कार्य सिर्फ रोगों का इलाज करना नहीं है बल्कि लोगों को खुश और स्वस्थ रखना, रोगी के अंदर बीमारी से लड़ने का आत्मविश्वास पैदा करना और जीवन की उम्मीद जगाना भी है। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक जीवन पूर्ण होने पर राज्यपाल श्री पटेल ने उन्हें जीवन में प्रगति के लिए निरंतर सीखने की इच्छा बनाए रखने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थी का स्वभाव हो तो छोटे से छोटे आदमी से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है। सीखने से ऊर्जा का निरंतर संचार होता है और सामर्थ्य भी विकसित होता है।
राज्यपाल श्री पटेल ने संस्थान से आधुनिकतम तकनीकों को अपनाने के लिए सदैव तत्पर रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि आधुनिकतम तकनीकों को अपनाने से रोगियों का इलाज सुगम तो होता ही है। साथ ही चिकित्सकों की कार्य दक्षता में भी बढ़ोत्तरी होती है। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित देश बनाने के लिए समाज के वंचित वर्ग में ऐसी आकांक्षा जगाने की आवश्यकता है जिससे वे भी देश के विकास में हिस्सेदार बन सकें। राज्यपाल श्री पटेल ने चिकित्सकों से पिछड़ों एवं अनपढ़ों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने की अपनी मंशा को भी व्यक्त किया। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि नागरिकों को अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी युवाओं से ज्यादा पानी पीने, व्यायाम करने एवं पूरी नींद लेने की बात कही है। खान पान का ध्यान रखना समाज के लिए भी आवश्यक है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा ली गई महर्षि चरक शपथ अनेक बातों का समावेश है। विद्यार्थी को चिकित्सक के रूप में विभिन्न जगहों पर उनकी महती आवश्यकता का अनुभव होगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को पहले रोगियों के रोग को समझना चाहिए। रोगियों की बातों को सुनना चाहिए। चिकित्सकों द्वारा रोगियों की बातों को अच्छी तरह सुनने से रोगियों का आधा दर्द दूर हो जाता है। उन्होंने कहा कि समाज में डॉक्टरों का स्थान भगवान के समान है। भारत को विकसित देश बनाने में चिकित्सकों की भूमिका अहम है।
उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत विश्वगुरु के रूप में स्थापित होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। विकसित भारत का फल लोगों को तभी मिलेगा जब वे निरोगी होंगे। लोगों को निरोगी करने के लिए डॉक्टरों की महती आवश्यकता है। प्रदेश को मेडिकल का हब बनाने की दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एमबीबीएस की 75 हजार सीटे बढ़ाने का संकल्प लिया है। मध्यप्रदेश में शासकीय और निजी संस्थानों को मिलाकर एमबीबीएस की 5 हजार और स्नातकोत्तर की ढाई हजार सीटे हैं। राज्य सरकार ने इन्हें बढ़ाकर क्रमशः 10 हजार एवं 5 हजार करने का संकल्प लिया है। उन्होंने 230 बेड के जिला चिकित्सालयों को स्नातकोत्तर संस्थानों के रूप में विकसित कर फैकल्टी की आपूर्ति की जा रही है। उपमुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी को चुनौती बताते हुए विश्विद्यालय के छात्र छात्राओं को न्यूनतम 2 वर्ष तक ग्रामीण क्षेत्रों एवं कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों में विशेषज्ञों के तौर पर सेवा देने की बात कही। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में 350 सर्व सुविधायुक्त कम्युनिटी हेल्थ सेंटर बनकर तैयार हैं यदि पीजी के बाद एचआर करने के दौरान विद्यार्थी कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों में सेवा देंगे तो चिकित्सकों की कमियों को दूर किया जा सकता है। कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों के पद भरने के बाद ब्लॉक लेवल पर लोगों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध होंगी और जिला अस्पताल में भी भीड़ कम होगी। उन्होंने कहा कि पीपीपी मोड के तहत बारह जिलों में निजी निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है।
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने कहा कि देश में बेटी बचाओ-बेटी पढाओं अभियान चल रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप आज दीक्षांत समारोह में बेटियों की ज्यादा संख्या होने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि भारतीय संस्कृति में बेटियों का महत्वपूर्ण योगदान है, आज के समारोह में ज्यादातर बेटियां टॉपर रहीं है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सभी विद्यार्थी जो मेडल व प्रशस्तिपत्र प्राप्त किये हैं वे अपना जीवन निष्ठा के साथ मानव सेवा में लगायें और परिश्रम की पराकाष्ठा तक आगे बढ़े। कार्यक्रम को महापौर श्री जगत बहादुर सिंह अन्नू ने भी संबोधित किया तथा सभी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की और कहा कि वे पीडि़त मानवता की सेवा में मन लगाकर कार्य करें और प्रगति करें। दीक्षांत समारोह का स्वागत भाषण कुलगुरू श्री डॉ. अशोक खंडेलवाल ने दिया। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वीएन गंगाधर ने भी संबोधित किया। दीक्षांत समारोह में मेंडिकल यूनिवर्सिटी के सभी विधाओं के उत्कृष्ट प्रतिभागियों को मेडल व प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इस दौरान दीक्षित सभी प्रतिभागियों को महर्षि चरक के संदेशों की शपथ भी दिलाई गई और उसके पालन करने की अपेक्षा की गई।
समारोह में सांसद श्री आशीष दुबे, विधायक श्री नीरज सिंह, कुलगुरु रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय श्री राजेश वर्मा, कुलगुरु नाना जी देशमुख पशु विज्ञान विश्विद्यालय श्री मनदीप शर्मा, भाजपा के जिला ग्रामीण अध्यक्ष श्री राजकुमार पटेल, अखिलेश जैन, डॉ पवन स्थापक, कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक श्री संपत उपाध्याय, अपर कलेक्टर सुश्री मिशा सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आनंद कलादगी सहित मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. पुष्पराज बघेल सहित विश्वविद्यालय के सभी संकाय के प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं, अभिभावक एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।