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Saturday, June 21, 2025

शिवराज सरकार में हुए ‘‘घोटालों का सरताज’’ है ‘‘पोषण आहार घोटाला’’,

जिसकी नींव शिवराज सरकार ने 2018 में रखी: कमलनाथ

भोपाल 

मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार की 17 वर्ष से चल रही
‘‘घोटाला बेब सीरीज’’ में अब शिवराज सरकार का नया घोटाला है ‘‘पोषण आहार घोटाला’’: कमलनाथ

गरीब और कमजोर भांजे-भांजियों का हलवा और किशोरियों
की बरफी तक खा गई महाभ्रष्टाचारी शिवराज सरकार: कमलनाथ

बहन-बेटियों के जापे के लड्डू में भी खुलकर भ्रष्टाचार कर रही है महाभ्रष्टाचारी शिवराज सरकार: कमलनाथ
देश में कुपोषण में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद अब मध्यप्रदेश
को विश्व में सबसे कुपोषित ‘‘भुखमरी प्रदेश’’ बनाने के लिए जी-जान
से जुटी है महाभ्रष्टाचारी शिवराज सरकार: कमलनाथ

भोपाल, 16 सितम्बर, 2022

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आज जारी एक बयान में मध्यप्रदेश में सौदा कर कब्जा करके बैठी शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले 17 वर्षों में जितने भी घोटाले किये है उन सैकड़ों घोटालों में पोषण आहार घोटाला ‘‘घोटालों का सरताज’’ है। महिला बाल विकास विभाग के तहत पूरक पोषण आहार कार्यक्रम में 6 माह से 3 साल के दुधमंुहे बच्चों, गंभीर रूप से कुपोषित और कमजोर बच्चों, गर्भवती बहनों, धात्री माताओं और स्कूल छोड़ चुकी किशोर युवतियों के लिये टेक होम राशन योजना संचालित है, ताकि बच्चों और माताओं-बहनों को जीवन के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री सुनिश्चित हो सके। शिवराज सरकार ने टेक होम राशन योजना में हजारों करोड़ रूपये का घोटाला कर दिया है। मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार की 17 वर्ष से चल रही ‘‘घोटाला बेब सीरीज’’ में अब शिवराज सरकार ‘‘पोषण आहार घोटाला’’ लेकर आम जनता के सामने खड़ी है।
कमलनाथ ने कहा कि पोषण आहार घोटाले को सरल शब्दों में इस प्रकार समझा जा सकता है कि ‘जापे के जो लड्डू कभी बनाये ही नहीं गये, वो शिवराज सरकार ने माताओं और बहनों को सरकारी रिकार्ड में बांटना बतायें हैं’, ‘स्कूल न जाने वाली जितनी किशोरी युवतियां गांवों में हैं ही नहीं, उनको भी सरकार ने घर-घर जाकर बरफी बांट दी।’ ‘सैकड़ों-हजारों क्विटल लड्डू और बरफी शिवराज सरकार ने मोटर साईकिल, टेंकर और ऑटो से गांव-गांव पहुॅंचाने का असम्भव काम करना सरकारी रिकार्ड में बताया है। सीधा मतलब है लड्डू-बरफी कोई और ही खा गया।’, ‘सरकारी रिकार्ड में जो हलवा, खिचड़ी, बरफी और लड्डू बांटना बता दिया गया है, वो न तो कभी आंगनबाड़ी केन्द्र पहुॅंचा और न ही कभी बंटा।’ सबसे बड़ी बात ‘जो थोड़ा बहुत लड्डू-बरफी बना वह भी घटिया सामग्री से घटिया ही बनाया गया।
कुल मिलाकर माताओं-बहनों और बच्चों को यदि कुछ मिला होगा तो वह भी सबसे घटिया ही मिला होगा।’यह है शिवराज सरकार की पोषण आहार योजना।
कमलनाथ ने बताया कि महालेखाकार मध्यप्रदेश ने पूरक पोषण आहार योजना में पिछले 3 वर्षों की जांच प्रदेश के केवल 8 जिलों के 49 आंगनबाड़ी केन्द्रों में की और जांच रिपोर्ट में आश्चर्यजनक तथ्यों के खुलासे करते हुए पोषण आहार घोटाले की सारी परते खोल दी हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार ने केन्द्र की भाजपा सरकार के दिसम्बर, 2017 के बेस लाईन सर्वेक्षण के आदेश को न मानते हुए 11 से 14 वर्ष की शाला त्यागी युवतियों का कोई सर्वे नहीं कराया और बिना सर्वे किये ही लाखों युवतियों (लगभग 36 लाख) को पोषण आहार हेतु अप्रैल, 2018 में दर्ज बताया गया है। जबकि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 3 वर्षों में शाला त्यागी बालिकाओं की संख्या केवल 43 हजार के आसपास बताई गई है, फिर भी शिवराज सरकार ने अगस्त, 2018 में लाखों किशोरियों को पात्र मानते हुए पोषण आहार के उत्पादन और वितरण के आदेश जारी कर दिये। स्पष्ट है कि शिवराज सरकार ने शाला त्यागी बालिकाओं का सर्वे नही करके पोषण आहार घोटाले की नींव रखी और लाखों बालिकाओं के लिये पोषण आहार के उत्पादन और वितरण का आदेश देकर इस घोटाले की इमारत भी खड़ी की।
कमलनाथ ने बताया कि जांच में जिन 49 आंगनबाड़ी केन्द्रों की जांच की गई, उनमें वास्तविकता में केवल 3 पात्र शाला त्यागी बालिकायें दर्ज थी, जबकि सरकारी रिकार्ड में लगभग 64 हजार बालिकायें दर्ज होना और 29 हजार बालिकाओं को पोषण आहार बांटना बताया गया है। जब 49 आंगनबाड़ी केन्द्रों की जांच में इतना बड़ा घोटाला है तो आसानी से समझा जा सकता है कि प्रदेश की 97 हजार आंगनबाड़ियों में जांच करने पर कितना बड़ा घोटाला निकलेगा? यदि 3 वर्ष की जांच में इतना बड़ा घोटाला निकला है तो 17 साल की भाजपा सरकार में कितना बड़ा पोषण आहार घोटाला हुआ होगा? उसके भ्रष्टाचार की राशि की तो कल्पना ही नहीं की जा सकती है।
कमलनाथ ने बताया कि आश्चर्य है कि पोषण आहार बनाने वाले प्लांटों ने उनकी कुल क्षमता से ज्यादा उत्पादन करना बताया है, वो भी बिना आवश्यक कच्ची सामग्री और बिजली को खर्च किये। क्या यह संभव है कि बिना कच्ची सामग्री और बिना बिजली के प्लांट अपनी क्षमता से ज्यादा उत्पादन करके दें? परन्तु यह असम्भव कार्य शिवराज सरकार में हुए भ्रष्टाचार से सम्भव हो गया है। प्लांटों के खाली गोदामों से पोषण आहार का वितरण और परिवहन किया जाना सरकारी रिकॉर्ड में बताया गया है और वो भी उन ट्रकों के माध्यम से जो अस्तित्व में है ही नहीं। शिवराज सरकार में हजारों टन पोषण आहार का परिवहन मोटर साईकिल, ऑटो और पानी के टेंकरों से किया जाकर गांव-गांव तक पहुॅंचाना बताया गया है और तो और पोषण आहार को गांवों में पहुंचाये बिना ही लाखो के भुगतान कर दिये गये हैं।
कमलनाथ ने बताया कि प्लांट स्तर पर उत्पादित पोषण आहार और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वितरण हेतु पहुॅंचे पोषण आहार की गुणवत्ता जांच (न्यूट्रिशनल वेल्यू) किये जाने का प्रावधान है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पोषण आहर में मानक अनुसार विटामिन, मिनरल, प्रोटीन/ कैलोरी वेल्यू है अथवा नहीं। जांच रिपोर्ट में उल्लेख है कि निर्धारित जांचे नही की गई और बिना जांच के ही पोषण आहार बांटा गया, जो कुछ जांचे बाद में हुई उनकी रिपार्टों के अनुसार पोषण आहार में 100 प्रतिशत तक मिनिरल / विटामिन आदि का अभाव था।
सीधा सा अर्थ है कि गुणवत्ताहीन घटिया पोषण आहार का वितरण किया गया और व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर राशि की बंदरबाट की गई है। माताओं-बहनों और बच्चों को घटिया खाद्य सामग्री बांटकर योजना के उद्देश्य को खत्म करने का काम भ्रष्टाचारी सरकार ने किया है।
कमलनाथ ने बताया कि शिवराज सरकार के सरकारी रिकार्ड के अनुसार कोरोना के लॉकडाउन के समय जब न कोई घर से बाहर निकल रहा था और न ही कोई वाहन चल रहे थे, तब भी शिवराज सरकार ने गांव-गांव पोषण आहार पहंुचाया और घर-घर बांटा।
श्री नाथ ने कहा कि पोषण आहार घोटाले के सम्बंध में यह जांच किसी अनपढ़ या अज्ञानी व्यक्ति द्वारा नहीं की गई है, महालेखाकार जैसे संवैधानिक संस्था द्वारा की गई है, तब भी भाजपा सरकार तथ्यों को तोड़-मरोड़कर घोटाले को दबाने-छुपाने और जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास कर रही है। विधानसभा में कांग्रेस द्वारा पोषण आहार घोटाले पर अनेक स्थगन सूचना प्रस्तुत किये, परन्तु शिवराज सरकार ने विधानसभा में चर्चा नही कराई। कांग्रेस ने कारम डेम घोटाले सहित अन्य घोटालों पर भी चर्चा की मांग की, पर सरकार ने सामना नही किया, 17 वर्ष की भाजपा सरकार के बाद भी मध्यप्रदेश में आज कुपोषण की इतनी खराब स्थिति है कि हमारा श्योपुर जिला कुपोषण के मामले में ‘भारत का इथोपिया’ कहलाने लगा है। पोषण आहार के महाघोटालों का ही परिणाम है कि मध्यप्रदेश बाल मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर के मामलों में देश में सर्वोंच्च पायदानों पर बना रहा है।
श्री नाथ ने कहा कि पोषण आहार का महाघोटाला सामने आने के बाद भी भाजपा सरकार बड़ी बेशर्मी से घोटाले को दबाने में लगी हुई है। मध्यप्रदेश में कुपोषण की यह स्थिति कोई 2-3 साल में नही बनी है, यह तो वर्षों की भाजपा सरकार द्वारा किये गये ‘कुपोषण घोटाला संस्थाकरण’ का परिणाम है। पता नहीं किन-किन तरीकों से पिछले 17 वर्षों से पोषण आहार में घोटाला किया जा रहा है। सरकार मुॅंह छुपाकर भाग नहीं सकती है, जनता के सामने खड़े होकर सच्चाई को स्वीकार करना होगा। माताओं-बहनों, बच्चों और किशोरियों के साथ किये इस पाप का प्रायश्चित सरकार को करना होगा।
कमलनाथ ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश की जनता के साथ छलकपट करते हुए अंजाम दिये गये इस घोटाले की जिम्मेदारी ले और नैतिकता के आधार पर सरकार इस्तीफा दे। साथ ही घोटालेबाजों को जनता के सामने बेनकाव करे। पिछले 17 वर्षों में हुये पोषण आहार घोटाले की निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच कराने का निर्णय सरकार ले। अन्यथा कांग्रेस पोषण आहार के इस महाघोटाले को लेकर जनता की अदालत में जायेगी और बहन-बेटियों और बच्चों को न्याय दिलाकर रहेगी।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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