मजदूरों को घर वापस लाने के लिए करीब दो तीन दिन लग सकते है।
मझौली
मझौली थाना अंतर्गत उमर्धा, खितौला, बम्होरी, खमरिया 4 गांव के मजदूर विष्णु प्रसाद चौधरी, पन्जी लाल भूमिया, सोना भाई चौधरी,गुड्डडी बाई चौधरी, कौशल्या भूमिया, मंजू दहिया, सत्यनारायण, रामकुमार बर्मन, छिंग्गा भूमिया, प्रहलाद काछी, सहित करीब 77 मजदूरों को 6 अक्टूबर को उमर्धा गांव से ग्राम खिरहनी निवासी वीरू तिवारी, उमर्धा निवासी मुन्ना काछी ने गन्ना की खेती के बहाने नरसिंहपुर बताकर मजदूरों को ले गए थे। परंतु चुपचाप बिना बताए चोरी-चोरी मजदूरों को रातों, रात महाराष्ट्र के जिला-सोलापुर पहुंचा दिया गया। बंधक मजदूरों के बताये अनुसार ठेकेदार खिरहनी निवासी वीरू तिवारी सहित अन्य दलालों ने करीब 3 लाख 60 हजार रुपये लेकर अपने घर गांव वापस पहुंच गए हैं। परंतु 77 मजदूर घर वापस नहीं पहुंचे। शेष बचे परिवार के सदस्यों ने मझौली थाना मै 15 अक्टूबर को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सुचना के अनुसार जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा, एसडीओपी सिहोरा भावना मरावी ने तीन दिन के अन्दर उन्हें ले जाने वाले ठेदारों पर तुरंत कार्यवाही कर एक पुलिस जांच दल 19 अक्टूबर को महाराष्ट्र के जिला सोलापूर बंधक बनाये गये मजदूरों को अपने घर वापस लाने के लिए टीम भेज दिया गया है। मजदूरों को घर वापस लाने के लिए करीब दो तीन दिन लग सकते है।
एसडीओपी से बात की
सिहोरा भावना मरावी ने बताया कि मझौली के उमर्धा सहित अन्य गांव के मजदूर स्वेछानुसार मजदूरी करने गए थे। जो महाराष्ट्र के सोलापुर में रुके हैं। मजदूरों को वापस लाने के लिए पुलिस की एक टीम भेजी जा चुकी है । करीब दो-तीन दिन मैं मजदूर सुरक्षित पहुंच जाएंगे।