जीता जागता उदाहरण है नगर परिषद मझौली
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मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल के (नीरज गण्डलोई) प्रमुख सचिव के पत्र कमांक 64/PS/UDAH /2023 भोपाल, दिनांक 24/03/2023
उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित करने और यह भी निर्देशित किया गया है कि समस्त नगरीय निकाय यह सुनिश्चित करेंगे कि शहरी क्षेत्र की सीमा के अंतर्गत कोई भी नवीन भवन निर्माण कार्य बिना भवन अनुज्ञा की अनुमति के न किया जावे बावजूद इसके नगर परिषद मझौली में विना अनुमति भवन निर्माण कार्य जारी है।
– शहरी क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण तथा अनुमति के विरूद्ध अतिरिक्त निर्माण पर विशेष अभियान के माध्यम से कार्यवाही की जानी है इसके बावजूद भी नगर परिषद मझौली अधिकारी कर्मचारियों द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई ।
शहरी क्षेत्रों के फैलाव व नये क्षेत्रों को जोड़े जाने से भवन निर्माण गतिविधियों में अत्यधिक वृद्धि हुई है। शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि के कारण भी नये आवासों की संख्या में वृद्धि हो रही है। परन्तु यह संज्ञान में आ रहा है कि उक्त भवन निर्माण कार्यों में से कई कार्य बिना अनुमति अथवा अनुमति के विरूद्ध अतिरिक्त निर्माण के रूप में किये जा रहे है जिससे शहरी क्षेत्रों में अवैध निर्माण कार्यों की संख्या में वृद्धि हो रही है, तथा शहरों के सुनियोजित विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है।
समस्त नगरीय निकायों को यह निर्देशित किया गया है कि अवैध निर्माण गतिविधियों पर विशेष अभियान संचालित कर निम्नानुसार कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें। उक्त अभियन की कार्ययोजना बनाकर 01 अप्रैल से अभियान प्रारंभ करने के आदेश दिए गए हैं।
शहरी क्षेत्र में 5000 वर्गफीट से अधिक सभी निर्माणाधीन / निर्मित भवनों की भवन अनुज्ञा का शत-प्रतिशत अनिवार्यतः निरीक्षण किया जावे तथा यह सुनिश्चित किया जाये कि उक्त निर्माण कार्य नगरीय निकायों द्वारा प्रदत्त भवन अनुज्ञा के अनुसार ही हुआ है। अगर उक्त निर्माण कार्य बिना अनुमति अथवा अनुमति के विरूद्ध किया गया है, तो मध्यप्रदेश नगर निगम अधिनियम 1956 / मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावे जो प्रकरण कम्पाउंडिंग योग्य है, उनकी नियमानुसार कम्पाउंडिंग की जावे तथा जो प्रकरण कम्पाउंडिंग योग्य नहीं हैं, उनपर नियमानुसार अवैध निर्माण हटाये जाने की कार्यवाही की जावे ।
नगरीय निकायों में जीआईएस सर्वे कार्य के माध्यम से वर्तमान सम्पत्तियों व नवीन सम्पत्तियों का चिन्हांकन किया जा रहा है। उक्त सर्वे कार्य में निकाय के Base Map पर सभी सम्पत्तियों की जानकारी उपलब्ध है। अतः निकाय सुनिश्चित करें कि जितनी सम्पत्तियां सर्वे में पायी गयी है उन सभी सम्पत्तियों / भवनों की भवन अनुज्ञा ली गयी है और प्रदत्त भवन अनुज्ञा अनुसार ही निर्माण कार्य किया गया हो।
वर्तमान में भवन अनुज्ञा हेतु संचालित ABPAS Software के अंतर्गत यह देखने में आया है कि अधिकतर कम्पाउंडिंग / प्रशमन (Type-2) के प्रकरण नागरीकों द्वारा स्वतः ही आवेदन कर कराये गये है परन्तु निकाय के भवन अनुज्ञा / अतिक्रमण से जुड़े अमलों द्वारा अवैध भवनों का चिन्हांकन कर कम्पाउंडिंग / प्रशमन की कार्यवाही अतयंत कम की गयी है। अतः सभी निकाय अपने वार्ड प्रभारी / भवन अनुज्ञा प्रभारी / अतिक्रमण प्रभारी को स्वमेव अवैध निर्माण का चिन्हांकन कर कम्पाउंडिंग / प्रशमन की कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित करें
उक्त समस्त कार्यवाही अनिवार्यतः ABPAS Software के माध्यम से ही की जाना अनिवार्य है। समस्त नगरीय निकाय उनके द्वारा की गयी कार्यवाही को ऑनलाईन सॉफ्टवेयर के माध्यम से संचालित करेंगे।
. समस्त संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास की ओर आवश्यक कार्यवाही हेतु आदेशित किया गया है ।
समस्त संभागीय कार्यपालन यंत्री की ओर यह लेख है कि समस्त निकायों में पदस्थ इंजीनियरों / भवन अधिकारियों के माध्यम से प्रभावी कार्यवाही किये जाने को कहा गया है
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग मध्यप्रदेश