जो हमारी अनदेखी करे और हमारे वंशानुगत रोजगार से वंचित करे- हम उसके विरोधी हैं
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश में कुछ समय बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके चलते प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं । मध्यप्रदेश में पिछले 31 वर्ष से हमारे संवेधानिक हक और अधिकार सहित राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणा पत्रों व सरकार द्वारा आयोजित किये गये समाज के सम्मेलन सहित भाजपा से जुड़े सामाजिक बन्धुओ को वर्ष 2020 के 28 जगहों के उपचुनाव में दिये गये आश्वासन व लिखे गये पत्रों सहित पृथ्वीपुर (निवाड़ी) में खुले मंच से दिये गये आश्वासन और वायदों को दरकिनार करते हुए लगातार सत्ता पाने की कवायद में जुटी डबल इंजन सरकार से प्रदेश के जागरूक और संघर्षशील समाजसेवियों साथियों व उनके संगठनो का जो निरंतर पिछले कई सालों से बतौर सामाजिक प्रतिनिधि मंडलों के साथ नेताओं मंत्रियों और महत्वपूर्ण लोगों से मिलकर माझी प्रकरण सहित अन्य मसलों को लेकर अपनी ओर से समाज के हितों की बात कहने का सिलसिला लगातार जारी है, वावजूद इसके सत्ताधारी भाजपा हमारे साथ वादाखिलाफी कर रही है । प्रदेश में लंबे समय से संघर्षरत माझी समाज को अब इस वादाखिलाफी को लेकर भाजपा की नीतियों के खिलाफ़ बड़ा जनसंपर्क और जनजागरण अभियान चलाना होगा जिसमें माझी समाज के दूरदराज गांव में रहने सामाजिक बंधुओ को शासकीय योजनाओं का लाभ मिल रहा है या हमारे समाज के लोगों की अनदेखी की जा रही है इसकी जानकारी सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से सार्वजनिक कर समाज के लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके और लाभ न मिलने की स्थितियों में विधानसभा चुनाव 2018 जैसे परिणाम की आहट आते ही 2023 के विधानसभा व 2024 के लोकसभा चुनाव के पूर्व ही मध्यप्रदेश के बीजेपी के साथ साथ और कांग्रेस और इनके बड़े नेताओं को यह आभास हो जाये कि मध्यप्रदेश का माझी समाज का युवा,बढ़े बूढ़े और मातृशक्ति अब अपने हक और अधिकार के लिये जाग चुके हैं, और ऐसे में अब इन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल है । मध्यप्रदेश में आने वाले समय में हम अपनी एकजुटता और राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल करते हुए इन दोनों दलों को यह बता दें कि मध्यप्रदेश के माझी समाज संगठन सामाजिक स्तर पर भले ही अलग-अलग हो किंतु जब उसके हक और अधिकार की बात आती है तो वह सबसे पहले अपने हितों के लिए एकजुट हो जाता है और राजनीतिक दलों का सहयोग व समर्थन करने वालों को भी किनारे करने में संकोच नहीं करता है । हम मध्यप्रदेश के माझियों की यही एक मांग है कि जैसे भी हो हमारे माझी प्रकरण, रेतवाड़ी के पट्टे, तालाबों के पट्टे सहित बड़े बांधों व तालाबों में जो मछली मारने का अधिकार है वह हमारे लोगों को मिले,सरकार द्वारा की गई मत्स्य विभाग की योजनाओं के तहत 100 करोड़ की राशि वंशानुगत मछुआरों को मिली या नहीं, मछुआरों को क्रेडिट कार्ड का लाभ मिलेगा या नहीं यह सब प्रमुखता से पूछने का और जानने का समय आ गया है । राजनीतिक दल हमारे वोटबैंक की फसल काटने के लिए अपने जनसंकल्प पत्र और वचनपत्रों में यह बात तो कहते आ रहे हैं मगर जमीनी धरातल पर जब यह बात लागू करने की बात आती है तो सिवाय आश्वासन के अलावा कुछ नहीं होता है ऐसे में अभी से समाज को जागरूक और संगठित करना होगा हम सभी साथी समाजजनो तक यह सन्देश पहुंचायें और अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में समाज को जागरूक व एकजुट करें…..जय निषाद राज