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Friday, November 15, 2024

माझी आरक्षण और वंशानुगत रोजगार का जो न दे अधिकार उसको सत्ता से बाहर करो

माझी के पर्याय नामों को जनजाति की सुविधाएं दिलाने केंद्र से मांग की जायेगी,

मध्यप्रदेश

अमर नोरिया ( पत्रकार ) नरसिंहपुर

नदी तट तालाबों सहित मत्स्य पालन व मत्स्याखेट में वंशानुगत मछुआरों को प्राथमिकता दी जायेगी यह सब बातें अपने चुनावी घोषणा पत्रों व सार्वजनिक मंचो से कहने वाली भाजपा व उसके नेता वर्तमान समय मे मध्यप्रदेश में हमारी लाखों की जनसंख्या और वोटबैंक को नजरअंदाज कर रहे हैं और उन्हें हमारी सामाजिक एकजुटता का अहसास नहीं है, जबकि मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव 2018 में माझी समाज ने 1 जनवरी 2018 के आदेश से हुए नुकसान व माझियों के वंशानुगत रोजी रोटी के साधनों सहित शासकीय योजनाओं के लाभ व राजनीतिक हिस्सेदारी से वंचित किये जाने के चलते कुछ समय के जनजागरण अभियान के चलते भाजपा सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जताया था,नतीजा यह हुआ था कि प्रदेश में लगातार 3 पंचवर्षीय सत्ता में रही भाजपा 2018 में प्रदेश की सत्ता से बेदखल हो गई थी किन्तु राजनीतिक चालबाजी के चलते हुए बड़े दल बदल से उपजे समीकरण से वह फिर सत्ताशीन हो गई है । प्रदेश में 70 माझी बहुल विधानसभा क्षेत्र के माझी समाज के वोट से ही बीजेपी और कांग्रेस के सत्ता में आने और जाने के समीकरण तय होते हैं । प्रदेश में माझी समाज के वोटबैंक को अपने हिस्से में लाने के लिए ही बीजेपी के द्वारा पूर्व में माझी प्रकोष्ठ का गठन अपने दल में किया गया था किंतु माझियों को राजनीतिक हिस्सेदारी संख्या के हिसाब से किसी भी राजनीतिक दल में और न ही सत्ता में मिली है । इसके उलट नीति नियमों में बदलाव कर वह हमारे वंशानुगत रोजगार को हमसे छीनने का कार्य किया जा रहा है । हमारे वोटों की फसल काटने पहले गठित माझी प्रकोष्ठ को वर्तमान में मछुआरा प्रकोष्ठ का नाम दे दिया गया है वर्तमान में बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों में “मछुआरा प्रकोष्ठ” नाम के संगठन संचालित हो रहे और हमारे कुछ संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों ने भाजपा व कांग्रेस की सदस्यता भी ले रखी है ऐसे में महत्वपूर्ण हो जाता है कि माझी समाज के वोट बैंक को आखिर किस तरह से अपने संवेधानिक हक और अधिकार सहित अपने वंशानुगत रोजगार की मांग के मामले में उपयोग किया जाये जिससे कि प्रदेश और केंद्र में बैठी सरकार और विपक्षी हमारे हक और अधिकार सहित हमारे रोजी रोटी के साधनों पर अधिकार देने में हमें प्रमुखता दें और शासकीय योजनाओं का लाभ प्रमुखता से देने की दिशा में प्रयास करें । मध्यप्रदेश में हमें अपनी वोटों की राजनीतिक ताकत को पहचानना होगा और यही वोटबैंक की ताकत हमें अपने संवैधानिक आरक्षण के हक और अधिकार के साथ ही वंशानुगत व्यवसाय को बचाने और संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण होगी । मध्य प्रदेश के सभी जागरूक और सक्रिय युवा, वरिष्ठ सम्मानीय साथियों से निवेदन है कि माझी समाज के वोटबैंक को ध्यान में रखते हुए समाज को राजनीतिक रुप से संगठित करें एकजुट करें और जनजागरण करें जिससे कि गांव गांव में निवास करने वाले हमारे अपने वोट की कीमत पहचाने और अपने एकजुट वोटबैंक की ताकत से गत महीनों हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों व नगर पालिका/ नगर पंचायत चुनावों जैसे ही विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अपनी वोटों के महत्व को देखें और जो राजनीतिक दल प्रदेश में हमारी लाखों की जनसंख्या होते हुए हमें वर्षों से सामाजिक व राजनीतिक रूप से हाशिये पर रखने की नीति पर चल रहे है उनसे सतर्क और सावधान रहें और समाज को ऐसे दलों की रीति और नीतियों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के प्रदेश व्यापी जनजागरण अभियान में सभी एकजुटता से जुड़े ….

जय निषाद राज

सुंदरलाल बर्मन
सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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