गोवंश का दुर्भाग्य सड़क ही एक मात्र सहारा चरनोई भूमि पर दबंग लोगों का कब्जा गोशाला में रखना जवाबदारी की अनदेखी अनुदान राशि कि बंदरबांट तो नहीं
कांग्रेस सरकार में बनी गोशालाओ की बीजेपी शासन में अनदेखी
जबलपुर जिले की हर तहसील ब्लॉक की पंचायतों में गोशालाए लगभग एक तिहाई गोशाला बनकर तैयार हो चुकी है कुछ गौशालाओं में संचालन कार्य भी सुचारू से हो रहा है तो कही सिर्फ नाम का दिखावा जारी हैं,बात बड़े स्तर और जिला स्तर को छोड़कर अगर ब्लॉक स्तर पर की जाए तो कांग्रेस पार्टी की सरकार के दौरान जबलपुर जिले में ज्यादा गोशालाएं स्वीकृत हुई थीं
वही जिले की अन्य जनपदों में भी पंचायत स्तर पर गौशालाओं का निर्माण करवाया गया था।लेकिन बारिश के दिनो मे गाय आज सड़को का सहारा लेती नजर आ रही हे
कांग्रेस और भाजपा सरकार में नेताओ की सिफारिश कही असरदार तो कही बेअसर है
इसकी साफ तस्वीरे मझौली जनपद पंचायत और नगर नगर परिषद मझौली की सड़को और चौक चौराहे और मेन मार्केट में देखा जा सकता है जिला कलेक्टर का निर्देश भी इन जवाबदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते न तो बनी हुई गोशाला में गोवंश रखने में सफल हुआ और न ही सड़को पर सहारा लेता इस पशु को हटवाया गया बेबस ओर बिन मुंह बोले इस पशु को उसकी स्थिति पर छोड़ दिया गया है।
इसकी तस्वीरे सोमवार को जब नगर और नगर के बाहर की सड़को का निरीक्षण किया तो सच सामने आया नगर परिषद के सामने की सड़को और शहर की सड़को पर हर जगह गोवंश सड़को का आसरा लेते हुए देखा गया
कमिश्नर साहब जिले के प्रभारी मंत्री और प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा भी गोशाला देखी गई जिले के अधिकारी प्रभारी मंत्री और संभागीय अधिकारियों को ऐसी गोशाला की तस्वीरे दिखवाते हे जहा शासन के साथ ग्रामीण लोग भी गोवंश के प्रति जवाबदारी से उनका अच्छे से संचालन करते हैं।
आज भी जिला कलेक्टर के आदेश ओर निर्देश का असर बेअसर जबलपुर क्षेत्र की सड़को पर देखा जा सकता हैं वही जिले के अन्य भागों में सड़को पर गोवंश नहीं है इसे सार्थक नहीं कहा जा सकता किंतु कारण अधिकारियों की जवाबदारी के प्रति मझौली में गोवंश के प्रति कोई जवाबदार अधिकारियों ने मानो कोई सुध ही नही ली और सड़क हादसे की रोकथाम करने पर गंभीर होना ओर अनदेखी का साफ उदाहरण इन तस्वीरों से लगाया जा सकता है
जिला जनपद पंचायत और जनपद पंचायत के द्वारा बनाकर तैयार की गई सूची गौशालाओ की सूची है। फिर खाली गौशाला में गौवंश नहीं रखा जाना किसकी जवाबदारी है दरअसल मझौली जनपद पंचायत क्षेत्र में पूर्व में बनी गोशालाए खाली दिखाई देगी लेकिन जवाबदार अधिकारी कर्मचारी इस पर गंभीर नहीं दिखाई दिए
हर जुबा पर इस पशु को उच्च कोटि और पूजनीय पशु की संज्ञा दी जाती रही है आज दिनांक तक ग्रामीण इलाकों में चरनोई की जमीन दबंग बाहुबली लोगो के कब्जे के बाद अब गोवंश कहा जाए सड़के ही इनका एक मात्र सहारा बना हुआ है।
भाजपा सरकार में जितना शासकीय जमीनों पर अतिक्रमण हुआ इससे पहले कभी नही देखा गया है।वही कांग्रेस पार्टी के दिग्गी राजा ने भी गरीब वर्ग के लोगो को पट्टे वितरित किए गए थे उन लोगो ने भी एक हेक्टेयर का पट्टा मिला तो पट्टा धारियों के द्वारा दो से तीन हेक्टेयर जमीन अतिरिक्त अपनी मर्जी से कब्जे में लेली गई।
हल्का पटवारी और पंचायत सचिव भी इस मामले में नतमस्तक नजर आते है
लेकिन सरकार के जिम्मेदार अफसर इस बात को भी नजर अंदाज नहीं करे कि आज सड़को पर होने वाले हादसे और बेबस गौवंश की मोत की जिम्मेदारी पर आनेवाले समय में कोई असर न दिखाएगी
समय का पलड़ा भारी होता है समय को पलटी मारने में देरी नहीं लगती। ऐसे नेताओ और जनप्रतिनिधि भी इस क्षेत्र में आए हे जिन्होंने कभी सोचा भी न हो और मनमर्जी और अनदेखी के चलते गांव के लोग भले ही भोले और अनपढ़ कहा जाता रहा लेकिन ना इंसाफी का मामला इन्हे कभी पसंद नही आया चाहे वह नेता हो अफसर हो या फिर सरकार पलटी करने में देर नहीं लगाते
जबलपुर जिले के इस मामले में कोन कितना गंभीर हे सब जानते है उन्हे इस मासूम पशु की परवाह भी खूब है लेकिन कुछ समय पहले ही कुछ पंचायतों के सरपंच सचिव ने मिलीभगत कर इस पशु के नाम की राशि का भी दुरुपयोग कर गबन कर लिया।
जिला पंचायत मे मामले लंबित हैं इन्ही लाबित मामलो में ग्रामीण जान चुके है की सरकार और शासन के जिम्मेदार अधिकारी ही इस मैं गंभीरता से नहीं लेते है किसी लापरवाह की शिकायत कर उनके निशाने पर क्यू आए
आजादी का 75 वा अमृत महोत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया गया था लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में आज भी लोग सरपंचों के आगे अपनी स्वतंत्रता प्रदर्शित करने में सक्षम नहीं देखे जाते हे।
मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह जी आप इस गौवंश के प्रति लापरवाह और सड़क हादसे पर आप ट्वीट कर भले ही दुख व्यक्त करते है लेकिन जबलपुर जिले की मझौली जनपद पंचायत और नगर परिषद क्यू गंभीर नहीं हैं क्या आप की नीतियों और विचारो से जबलपुर जिले के आला अधिकारियों में आप का कोई डर या भय नहीं है क्योंकि जिम्मेदार अधिकारियों को पता है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री इस मामले में कोई एक्शन नहीं लेंगे।
जिला जनपद पंचायत मझौली में भी कुछ सिफारिश करने वाले कर्मचारी इस मासूम पशु के प्रती लापरवाह का बचाव करना बंद कर दीजिए।
भारतीय संस्कृति में इस पशु को देवताओं का वास होना माना जाता रहा है आज इस पशु का दुर्भाग्य इसे सड़को पर रहने को मजबूर कर दिया है।
धर्म कर्म से दूर लोग अगर मानव निर्मित मूर्ति पर नतमस्तक होते हे और इस तरह इस बेजुबान पशु के प्रती आपका मोन रहना भी आपके अंदर की भक्ति भावना जागृत अवस्था में नहीं हो सकती।
गौशाला में पंचायत स्तर पर इनकी देखरेख के लिए अभी तक किसी भी प्रकार के कर्मचारी की कोई नियुक्ति नहीं होना भी सबसे बड़ी कमी मध्य प्रदेश सरकार की गोवंश के प्रति प्रदेश सरकार लापरवाही पूर्व बर्ताव करती है।
जबलपुर जिले की समस्त नगर पालिक और नगर परिषद में क्षमताओं से अधिक मास्टर कर्मचारियों की भर्ती की गई हैं उन कर्मचारियों को गौवंश के इस नेक और मानवतावादी धार्मिक कार्य में जबलपुर कलेक्टर को भी ध्यान देना चाहिए।