कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में आज कृषि संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए कलेक्ट्रेट में किसानों के साथ बैठक की गई।
जबलपुर, 03 सितम्बर 2022
इस दौरान मुख्य रूप से नहरों के सुधार, मंडियों की व्यवस्थायें, बिजली, मूंग खरीदी, सिंघाड़ा पर लगा रोग आदि मुद्दों पर सारगर्भित चर्चा की गई। नहरों के सुधार व पानी पहुंचने के संबंध में सकारात्मक चर्चा होने के बाद मटर खरीदी के लिए शहपुरा, सहजपुर, सिहोरा, जबलपुर की मंडियों की व्यवस्थायें, माल खरीदी के भुगतान पर्ची देने, मंडी में सीसीटीव्ही कैमरा जहां नहीं लगे हैं वहां लगाने, गार्ड की नियुक्ति करने, मंडियों में होने वाली चोरी की रोकथाम की दिशा में कार्यवाही करने, पनागर मंडी चालू करने, मंडियों में खरीदी का समय निर्धारित करने, मटर मंडी में जाम की समस्या का निराकरण करने पर प्रगतिमूलक चर्चा की गई। इसके साथ ही किसानों की बिजली समस्यायें के निराकरण पर आवश्यक निर्देश भी दिये गये। मूंग फसलों की खरीदी व सिंघाड़ा में लगा रोग के निदान के संबंध में भी आवश्यक चर्चा की गई। कलेक्टर ने कहा कि किसानों की समस्याओं के निराकरण करने के लिए जिला प्रशासन सदैव तत्पर है, किसान भी इसमें आवश्यक सहयोग करें।
अमृत सरोवरों पर चर्चा
किसानों के इस बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जिले में चिन्हित 101 अमृत सरोवरों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इन सरोवरों से भू-जल स्तर में वृद्धि, मत्स्य पालन, सिंघाड़ा की खेती, मवेशियों को पानी के साथ पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में प्रगति मूलक परिणाम सामने आ रहे हैं। इस दौरान अमृत सरोवरों के संबंध में किसानों के साथ विस्तृत चर्चा की गई।
सहकारिता के विकास व विस्तार पर चर्चा
बैठक में सहकारिता के विकास व विस्तार के लिए तथा विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान के लिए विस्तृत चर्चा की गई। सहकारिता के विकास के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामीण उद्योग सहकारी समिति गठन करने, कृषि प्रसंस्करण के क्षेत्र में नवीन सहकारी समितियों के निर्माण में प्रोत्साहन देने, ग्रामीण परिवहन, खनिज, पर्यटन, सर्विस सेक्टर, स्वास्थ्य, सूचना प्रोद्योगिकी, उद्योग, सेवा क्षेत्र, फिल्म निर्माण, बांस से बने उत्पाद, ब्रांडेड सैलून, रेस्टोरेंट, होटलर्स, ग्रामीण परिवहन, सिंघाड़ा उत्पाद, मटर प्रसंस्करण, मेडीश्नल प्लांट, शहद उत्पादन, रेडीमेड गारमेंट आदि सेक्टर्स की खोज पर चर्चा की गई।
नये क्षेत्रों में सहकारिता को प्रोत्साहन देने की योजना पर चर्चा कर संबंधित क्षेत्र में सहकारी समितियां बनाने पर चर्चा की गई। कलेक्टर ने भेड़ाघाट में पर्यटन व शिल्प कला को दृष्टिगत रखते हुए शिल्पकारों की समिति बनाने को कहा। वहीं औषधीय पौधे, सिंघाड़ा, पान, मटर, दुग्ध उत्पादन व फिल्म निर्माण आदि समितियों के गठन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जबलपुर मिल्क फेडरेशन बनाकर दुग्ध उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। इसके लिए नये मिल्क रूट तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों को बैंक से आवश्यक सहयोग मिले तथा सहकारिता के क्षेत्र में काम करने के इच्छुक लोगों को एक मंच पर लाने का प्रयास करें। सिंघाड़े उत्पादन के संबंध में सहकारिता के लिए नवाचार हो सकता है अत: इस दिशा में काम करें।
प्राकृतिक कृषि पर जोर
बैठक में कृषि क्षेत्र में अंधाधुंध उपयोग हो रहे रसायन, उर्वरकों, कीटनाशकों एवं खरपतवार नाशकों से हो रहे दुष्परिणामों को देखते हुए प्राकृतिक कृषि के प्रोत्साहन पर जोर दिया गया। प्राकृतिक कृषि रसायन मुक्त और पशुधन पर आधारित कृषि प्रणाली है। जो फसलों, पेड़ों और पशुधन को एकीकृत करती है। इस कृषि पद्धति का मुख्य आधार देसी गाय है। प्राकृतिक कृषि के फसल संरक्षण के लिए बीजामृत, जीवामृत, वापसा, मिश्रित खेती, आच्छादन आदि को बताया गया। प्राकृतिक खेती के संबंध में ब्रह्मकुमारी संस्था के प्रतिनिधियों ने भी सारगर्भित चर्चा कर प्रकृति प्रेम की नवीन अवधारणा को बताया। बैठक के दौरान जल संसाधन विभाग द्वारा बनाये गये लघु व मध्यम परियोजनाओं के बारे में भी बताया गया। जिसमें हिरन नदी परियोजना तथा छीता खुदरी जलाशय शामिल थे।