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Sunday, June 22, 2025

निषाद पार्टी के मुखिया बड़बोलापन दिखा समाज को गुमराह करने में जुटे

निषाद आरक्षण मुद्दे को खिसकाने में जुटी सरकार

उत्तर प्रदेश लखनऊ से लौटनराम निषाद

निषाद जातियों का सर्वे के नाम पर आरक्षण मामले को लटकाने की साज़िश

लखनऊ।राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि निषाद जातियों के आरक्षण मुद्दा पर सरकार का नजरिया ठीक नहीं है।निषाद मुद्दा को अंतिम मंज़िल तक न पहुँचा कर लोकसभा चुनाव-2024 तक उलझाकर झांसे में रखना चाह रही है,आरक्षण देने के लिए नियत साफ नहीं।उन्होंने कहा कि सरकार व भाजपा रणनीतिकार निषाद समुदाय की मल्लाह,केवट,बिन्द, माँझी,गोड़िया,धीवर, रायकवार, तुरहा, कहार जाति के आरक्षण मुद्दे पर तनिक भी गम्भीर नहीं है।विधानसभा चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री ने 20 दिसम्बर, 2021 को मझवार जाति की पर्यायवाची जातियों के सम्बंध में जानकारी के लिए आरजीआई को पत्र भेजवाये।उस पत्र का आरजीआई ने क्या जवाब भेजा,अभी तक इसे सार्वजनिक नहीं किया गया।उन्होंने कहा कि आरजीआई को पत्र भेजना निषाद समाज को झूठा दिलासा देकर विधानसभा चुनाव में उनका वोट लेना था।भाजपा को इसका बड़ा लाभ भी मिला,ऐसा ही लाभ लॉलीपॉप दिखाकर लोकसभा चुनाव में भी लेने की रणनीति पर काम कर रही है।”साँप भी मर जाए, लाठी भी न टूटे” की कहावत के अनुसार सरकार निषाद जातियों के सर्वे के नाम पर लोकसभा चुनाव तक झाँसा देकर लटकाये रखना चाहती है।यही नहीं,अनुसूचित जाति में शामिल करने या परिभाषित करने के लिए जो 3-4 जातीय समूह है,उनमें बिखराव का भी सरकारी प्रयास किया जा रहा है।
निषाद ने कहा कि सरकार ने भर,राजभर जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने हेतु सचिव समाज कल्याण विभाग को प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है,वही निषाद जातियों का सर्वे कराने की बात किया है।उन्होंने कहा कि सर्वे का काम उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा किया जाता है,जिसमें साल का समय निकल जायेगा।उन्होंने बताया कि वर्ष 2004-05 एवं वर्ष-2010 में निषाद समुदाय की जातियों का वृहद मानवशास्त्रीय/नृजातीय अध्ययन(इथनोग्राफिकल स्टडी)कराकर रिपोर्ट तैयार की गई थी।उन्होंने कहा कि अब नए सिरे से सर्वे व इथनोग्राफिकल स्टडी कराने की आवश्यकता नहीं है।सरकार द्वारा निषाद जातियों का सर्वे कराने के नाम पर मामला को लटकाने की मंशा है।निषाद जातियों के प्रति भाजपा सरकार की नीयत में खोंट है।
निषाद ने निषाद पार्टी के अध्यक्ष व मत्स्यमंत्री संजय निषाद पर समाज को गुमराह करने का आरोप लगाया है।जब 31 अगस्त को मा.उच्च न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया गया, संजय निषाद ने उसका स्वागत करते हुए सरकारी प्रवक्ता की तरह बयान जारी किए थे।उन्होंने कहा कि संजय निषाद के अतिशय पूर्ण बयानों से ऐसा लग रहा था कि मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री व गृहमंत्री 18 जातियों की रिपोर्ट तैयार करने की पूरी जिम्मेदारी दिए हैं।अधिसूचनाओं को न्यायालय द्वारा रद्द करने के बाद सरकार की तरफ से कोई अधिकृत बयान नहीं आया कि सरकार की मंशा क्या है?संजय निषाद बार बार बयानबाजी कर समाज को गुमराह करते रहे।गोरखपुर में एक कहावत कही जाती है-“कोई ऐसा सगा नहीं,संजय ने जिसको ठगा नहीं”,यह एक बहुत बड़ा ब्लैकमेलर व सोशल एंड पॉलिटिकल ठग है।जब एक ही दिन संजय निषाद व राकेश सचान के विरोध में न्यायालय का निर्णय आया था,उसके बाद दोनों मंत्री गिरफ्तारी से बचने की गुहार लेकर दोनों मंत्री मुख्यमंत्री से मिले थे।लेकिन ब्लैकमेलर संजय निषाद मुख्यमंत्री से मिलने वाला व
उसी फ़ोटो को लगाकर मीडिया में गलत बयानबाजी करता रहा कि हम व राकेश सचान 18 जातियों के आरक्षण मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मिले,एक सप्ताह में रिपोर्ट तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजी जाएगी।सरकार की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गयी है।निषाद पार्टी मुखिया संजय निषाद व सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर दोनों परिवारवादी व सौदेबाज किस्म नेता हैं,जो झूठा बयानबाजी कर अतिपिछड़ी जातियों व अपने अपने समाज को गुमराह कर रहे हैं।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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