जहां एक ओर मध्यप्रदेश सरकार और प्रशासन नशामुक्त समाज की दिशा में व्यापक अभियान चला रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मझौली नगर में नशे का जहर खुलेआम बिक रहा है।
मझौली, जिला जबलपुर | विशेष संवाददाता
थाना परिसर से महज कुछ ही दूरी पर स्थित मंडी परिसर में धड़ल्ले से गांजे का अवैध व्यापार किया जा रहा है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुलिस प्रशासन इस पूरे मामले से अनजान बनने का प्रयास कर रहा है।
स्थानीय नागरिकों के अनुसार, मंडी परिसर में खुलेआम गांजे का व्यापार चल रहा है युवाओं को गांजा पीते देखा जा सकता है जिससे युवाओं के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है। साथ ही मंडी परिसर के आसपास आने-जाने वाली, महिलाएँ और स्थानीय दुकानदार भी अब इस अवैध गतिविधि से परेशान हो चुके हैं।
प्रशासनिक चुप्पी पर सवाल
* गांजे का व्यापार थाने के सामने ही किया जा रहा है, जिससे यह आशंका भी उठ रही है कि कहीं न कहीं स्थानीय संरक्षण इस धंधे को मिल रहा है।
* नशा मुक्त भारत अभियान केवल भाषणों और पोस्टरों तक सिमट कर रह गया है, जब जमीन पर कार्रवाई की बात आती है तो जिम्मेदार अधिकारी मौन दिखाई देते हैं।
जनता की माँग: तत्काल कार्रवाई हो
* मंडी परिसर में नियमित गश्त की जाए
* नशा बेचने वालों की पहचान कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो
* युवाओं को जागरूक करने हेतु जनसंवाद कार्यक्रम चलाए जाएँ
* थाना क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और संख्या बढ़ाई जाए
सवाल यह है कि….?
जब थाना परिसर के पास ही नशे का ऐसा कारोबार चल सकता है, तो बाकी क्षेत्र में क्या स्थिति होगी?
”यह मामला प्रशासन की कार्यशैली और नशा उन्मूलन अभियान की वास्तविकता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो मझौली क्षेत्र में नशा युवाओं की रीढ़ तोड़ देगा।
“गांजा बेचने वाले अब इतने बेखौफ हो गए हैं कि पुलिस थाना के सामने ही सौदा कर रहे हैं। अगर अब भी प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।”
राजेश सोनी, स्थानीय व्यापारी
“हम अपनी बेटियों को स्कूल भेजने से डरने लगे हैं। मंडी क्षेत्र में नशेड़ियों का जमावड़ा बना रहता है। पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
सीमा पटेल, अभिभावक
“एक तरफ सरकार नशा मुक्त भारत की बात करती है और दूसरी तरफ यहां पुलिस की नाक के नीचे गांजा बिकता है। ये दोहरी मानसिकता अब बर्दाश्त नहीं होगी।”
धीरज यादव, सामाजिक कार्यकर्ता