छात्रों से शाला विकास के नाम पर की गई अवैध वसूली आखिर क्यों
छतरपुर से किशोरी श्रीवास की रिपोर्ट
सरकार के किए गए वादे हो रहे ढकोसला साबित
मध्यप्रदेश में भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के मंदिर जगह जगह शासन के निर्देशानुसार खोले गए हैं तथा वहां पर शिक्षकों की पूर्ति करके बच्चों का उज्जवल भविष्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है ।
तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए छात्र-छात्राओं की फीस देने का वादा किया था फीस हम जमा करेंगे ।
मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज मामा का वादा ढकोसला साबित हो रहा है
शिक्षा के मंदिर में अवैध तरीके से प्राचार्य के द्वारा शाला विकास के नाम से वसूली की गई है आपको बता दें की मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में शिक्षा पाने के लिए अभिभावक को अपने खून पसीने की कमाई शिक्षा के मंदिर में जमा करनी पड़ती हैं तब कहीं शिक्षा के मंदिर में बच्चों का नाम दर्ज होता है आपको बता दें कि जिले के अंतर्गत हाईसेकेंडरी स्कूल चंदनगर में प्राचार्य की तानाशाही से छात्र छात्राओं से शाला विकास के नाम पर अवैध तरीके से वसूली की गई है लेकिन मजबूर अभिभावक ने अपने बच्चों का नाम लिखाने के लिए खून पसीने की कमाई दी और अपने बच्चों का नाम दर्ज करवाया है वही दूसरी ओर छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में जा रहा है क्योंकि प्राचार्य की लापरवाही के कारण शिक्षा के मंदिर में क्लास नहीं लगाई जा रही हैं । मजबूर छात्र-छात्राएं 3:00 बजे अपने घर लौट जाते हैं यह एक चिंता का विषय बना हुआ है क्योंकि लोगों ने बताया है प्राचार्य के ऊपर किसी बड़े राजनेताओं का संरक्षण होने के कारण प्राचार्य अपनी मनमर्जी का राजा बने बैठे हैं।