सीएम श्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के आपसी खींचतान के बीच में उलझ रहा है 4000 ट्रेड आरक्षको का भविष्य क्या चुनावी साल भी खाली हाथ रहेंगे ट्रेड आरक्षक या सरकार को भुगतना होगा इसका खामियाजा क्या है मामला ?
भोपाल
आपको बताते हैं कि मध्य प्रदेश पुलिस में ट्रेड आरक्षकों का मामला पिछले 10 वर्ष से लंबित है। जिसमें कई बार ट्रेड आरक्षक गृहमंत्री, भूतपूर्व ग्रह मंत्री वित्त मंत्री एवं अन्य सांसदों, विधायक से मिलकर अपने मामले में संज्ञान के लिए आवेदन कर चुके हैं पर शासन प्रशासन का इनकी ओर कोई ध्यान नहीं जा रहा है जबकि अगले वर्ष मध्यप्रदेश में चुनाव होना है और वर्तमान गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी चाहते हैं कि ट्रेडआरक्षकों का संविलियन हो पर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम और सीएम श्री शिवराज सिंह चौहान दोनों की आपसी खींचतान के बीच यह मामला उलझ रहा है। ट्रेड आरक्षको का भविष्य विगत कुछ महीने पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा ट्रेड आरक्षको को आश्वासन देकर कहा गया था ।कि आपका काम शासन स्तर पर चल रहा है जल्दी से जल्द आप की मांग पूरी कर दी जाएगी और इस मांग पूरी करने के लिए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा 23/मार्च/22 को माह में एक पत्र जारी कर कहा गया था कि मामले में जल्द से जल्द संज्ञान लेकर कार्रवाई करने हेतु निर्देशित किया गया था ।
परंतु 3 माह बीतने के बाद भी आज दिनांक तक मामले में किसी भी प्रकार का कोई जवाब पी एच क्यू की तरफ से नहीं आया है क्योंकि मामला हाई लेवल पर अटकने का एक ही कयास लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के बीच में संबंध कुछ अच्छे नहीं चल रहे हैं।
पिछले कई बार दोनों के बीच में मंच पर भी ऐसा देखने को मिला है जिससे यह लगता है कि सरकार के बीच कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है जिसका खामियाजा 4000 ट्रेड आरक्षक को भुगतना पड़ रहा है ।
वहीं मध्य प्रदेश पुलिस सहयोग संघ के *पूर्व महासचिव बबलू यादव का कहना है कि मध्य प्रदेश पुलिस की लंबित मांगों को लेकर एक और आंदोलनकारी नीति अपनाना ही पड़ेगी और भविष्य में जनता को और पुलिस परिवार को यह साबित करना होगा कि सरकार बनाने में उनका जो योगदान था वह अब सरकार गिराने में भी हो सकता है।
4000 ट्रेड आरक्षक परिवार चाहे तो अपने और अपने परिवार के सदस्यों के वोटो के पावर से सरकार को आइना दिखा सकते हैं जिन का साथ देने के लिए मध्यप्रदेश के 150000 पुलिसकर्मी भी इस मामले में उनके साथ खड़े हुए हैं ।आगामी चुनाव में पुलिस एकता का नमूना सभी को एक देखने को मिल सकता है।
जिसके जिम्मेदार मध्य प्रदेश सरकार और उनके बड़े नेता हो सकते हैं ?