स्टॉप डायरिया सह दस्तक अभियान की जिला स्तरीय अंर्तविभागीय कार्यशाला सम्पन्न हुई।
जबलपुर
जन्म से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों की बीमारियों की पहचान एवं त्वरित उपचार व रैफर सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश भर में दस्तक अभियान का प्रथम चरण 22 जुलाई से 16 सितंबर तक आयोजित किया जायेगा।
स्टॉप डायरिया सह दस्तक अभियान का एक दिवसीय अंर्तविभागीय कार्यशाला जिला चिकित्सालय स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार जबलपुर में कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना के आदेशानुसार एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा के मार्गदर्शन एवं उपस्थिति में संपन्न हुई। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि डायरिया बीमारी से बढ़ती शिशु मृत्यु दर को ध्यान में रखते हुए यह स्टॉप डायरिया कैम्पेन सह दस्तक अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। यह अभियान डायरिया की रोकथाम, साफ-सफाई और ओआरएस से रखें अपना ध्यान की थीम पर आधारित है। दस्तक अभियान के तहत जन्म से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों में गंभीर कुपोषण, एनीमिया, निमोनिया, डिहाईड्रेशन और संक्रमण की पहचान त्वरित उपचार एवं आवश्यकता अनुसार रेफरल के साथ साथ विटामिन ए की खुराक दी जाएगी। अभियान के दौरान ओआरएस पैकेट व जिंक टेबलेट का वितरण किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास के संयुक्त दल जिसमें कि एनएनएम आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा 5 वर्ष तक के बच्चों को आगंनवाड़ी केन्द्रों व स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं के माध्यम से बच्चों में पाई जाने वाली बीमारियों की सक्रिय पहचान एवं उचित प्रबंधन किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. विनोद गुप्ता ने समझाया कि सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर जन्म से 5 वर्ष तक का कोई भी बच्चा छूटे नहीं, इसके लिए दस्तक पोर्टल पर शत प्रतिशत एंट्री करें।
दस्तक अभियान प्रथम चरण सह स्टॉप डायरिया कैंपेन 2025 दिनांक 22 जुलाई से 16 सितम्बर 2025 के मध्य संचालित किया जायेगा। इसके दौरान निम्न सेवा प्रदायगी की जायेगी-
1) 5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बर्चा की सक्रिय पहचान, (Active Case Finding) त्वरित प्रबंधन एवं आवश्यकता अनुसार रेफरल।
2) एचबीएनसी तथा एचबीवायसी की तर्ज पर उच्च जोखिम वाले नवजात एवं शिशुओं का चिन्हांकन एवं रेफरल ।
3) 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में डिजिटल हेमोग्लोबिनोमीटर द्वारा एनीमिया की जांच तथा प्रोटोकॉल आधारित प्रबंधन ।
4) 9 माह से 5 वर्ष तक के समस्त बच्चों को आयु अनुरुप विटामिन ए अनुपूरण।
5) 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में शैशव एवं बाल्यकालीन निमोनिया व डायरिया की त्वरित पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल
6) 5 वर्ष से कम उस के बच्चों में बाल्यकालीन दस्त रोग नियंत्रण हेतु समस्त बच्चों को औ.आर.एस. एवं जिंक टेबलेट की कॉ- पैकेजिंग प्रदायगी तथा इसके उपयोग हेतु सामुदायिक जागरुकता में बढ़ावा करना।
7) समुदाय को समुचित शिशु एवं बाल आहारपूर्ति संबंधी समझाईश देना।
एक दिवसीय अंतर्विभागीय कार्यशाला में महिला बाल विकास से जिला परियोजना अधिकारी श्री सौरभ सिंह, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विनीता उप्पल, डॉ जया श्रीवास्तव, जिला टीकाकरण अधिकारी तथा नोडल अधिकारी डॉ विनोद गुप्ता, अर्बन नोडल अधिकारी डॉ एस एस दाहिया, सीबीएमओ डॉ रश्मि भटनागर, डॉ दीपक गायकवाड़, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री विजय पाण्डेय, डीसीएम सुश्री दीपिका साहू, एपिडेमोलॉजिस्ट अनिल सिंह राजपूत, डीएमएंडई राम पारखे, एपीएम संदीप नामदेव, डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर एनआई तरुण तिवारी, मीडिया शाखा से विकास श्रीवास्तव सहित समस्त ब्लॉक के बीपीएम एवं बीसीएम उपस्थित रहे।